तिरुवनंतपुरम, 4 सितंबर (आईएएनएस)। केरल की राजधानी तिरुवनंतपुरम में पोक्सो मामलों की एक विशेष अदालत ने बुधवार को एक 37 वर्षीय व्यक्ति को अपनी ही बेटी के साथ पांच साल की उम्र से कई वर्ष तक छेड़छाड़ करने के अपराध के लिए बाकी की पूरी जिंदगी के लिए कारावास की सजा सुनाई।
पोक्सो कोर्ट के जज एम.पी. शिबू ने सभी पक्षों को सुनने के बाद उस व्यक्ति को आजीवन जेल की सजा सुनाई और जिला विधिक सेवा प्राधिकरण को आरोपी से वसूले गए जुर्माने से पीड़ित को 1.50 लाख रुपये की राशि देने का भी निर्देश दिया।
राज्य के राजधानी जिले के उपनगरीय अरुविकारा के रहने वाले एक दिहाड़ी मजदूर ने अपनी पहली पत्नी के निधन के बाद दूसरी शादी कर ली थी और उसकी बेटी, जो उस समय डेढ़ साल की थी, उनके साथ रह रही थी।
उसे पिछले साल तब गिरफ्तार किया गया था, जब 10वीं की बोर्ड परीक्षा देने आई पीड़िता ने टीचर को अपनी आपबीती बताई। लड़की को काफी परेशान पाकर टीचर ने उससे कारण पूछा तो लड़की रोते हुए कहने लगी कि पिछले दिन जब वह परीक्षा देकर घर पहुंची तो उसके पिता ने उसके साथ छेड़छाड़ की। शिक्षक ने चाइल्ड लाइन के अधिकारियों को सूचित किया और आगे पूछताछ करने पर लड़की ने बताया कि जब वह पांच साल की थी तब से उसका पिता उसके साथ छेड़छाड़ कर रहा था।
फिर, पुलिस हरकत में आई और उस व्यक्ति को गिरफ्तार कर लिया और उस पर कड़े पोक्सो अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया। मुकदमे के दौरान, उसकी दूसरी पत्नी ने उसका बचाव करने की पूरी कोशिश की, लेकिन अभियोजन पक्ष ने साबित कर दिया कि जब परीक्षा के बाद लड़की के साथ छेड़छाड़ की गई तो उसकी सौतेली मां वहां मौजूद नहीं थी।
केरल सरकार द्वारा राज्य भर में स्थापित 28 विशेष फास्ट-ट्रैक पोक्सो अदालतों के साथ, इन अदालतों में दर्ज बच्चों के खिलाफ यौन अपराधों के मामले जल्दी से निपटाए जाते हैं और इस मामले में, आरोपी की गिरफ्तारी के बाद एक साल में फैसला आ गया।
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