नई दिल्ली, 3 जून (आईएएनएस)। दिल्ली विश्वविद्यालय के कुलपति योगेश सिंह ने मंगलवार को हिंदुत्व विचारक के नाम पर वीर सावरकर कॉलेज की नई इमारत का अगले साल तक उद्घाटन करने का वादा किया। हालांकि, उन्होंने केंद्रीय शिक्षा संस्थान पर ‘दक्षिणपंथी’ या किसी अन्य विचारधारा के प्रभाव से इनकार किया।
दिल्ली विश्वविद्यालय के 23वें कुलपति प्रोफेसर योगेश सिंह (59) ने कहा, “मुझे नहीं पता कि दक्षिणपंथी विचारधारा से लोगों का क्या मतलब है। हमारे लिए सर्वोच्च प्राथमिकता ऐसे छात्रों को तैयार करना है जो राष्ट्र को पहले रखें और यह हर विश्वविद्यालय का उद्देश्य होना चाहिए।”
उन्होंने कहा, जब भी देश किसी संकट का सामना करता है, तो नागरिकों को अपने तरीके से योगदान देना होता है क्योंकि देश से प्यार करना, देश से प्यार करने की आपकी परिभाषा चाहे जो भी हो, मैं इस पर कुछ नहीं कहना चाहूंगा, लेकिन यह जरूर सच है कि हम इस पर काम कर रहे हैं।
अन्य संस्थानों से छात्रों में देशभक्ति की भावना जगाने का आग्रह करते हुए डीयू के कुलपति ने कहा, हमें इस पर काम करना चाहिए ताकि जब कोई बच्चा पढ़ाई करके विश्वविद्यालय से निकले तो उसे देश की चिंता हो क्योंकि यह देश हमारा है, यह किसी और का नहीं है और हमें इसकी चिंता करनी होगी।
दिल्ली प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति सिंह ने उन लोगों से असहमति जताई जो आरोप लगाते हैं कि दक्षिणपंथी या राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की विचारधारा से जुड़े छात्रों और कर्मचारियों को विश्वविद्यालय में शामिल किया जा रहा है।
कुलपति ने कहा, मैं इस तरह के बेबुनियाद आरोप से सहमत नहीं हूं।
उन्होंने कहा, चयन के लिए एक निर्धारित प्रक्रिया है, इसमें तीन चरण होते हैं, जिसमें स्क्रीनिंग, साक्षात्कार होता है... बच्चों को लिखने के लिए कहा जाता है, उनके संचार कौशल, लेखन कौशल और सॉफ्ट स्किल्स की जांच की जाती है, फिर साक्षात्कार होता है।
उन्होंने कहा, ऐसे आरोप लगाने वाले या तो गलत जानकारी रखते हैं या ऐसी प्रक्रिया को समझने के लिए उनमें परिपक्वता की कमी है।
उन्होंने स्वयंभू विशेषज्ञों को डीयू की गुणवत्ता के मानकों पर संदेह जताने से आगाह किया। जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के साथ स्वस्थ प्रतिस्पर्धा के बारे में पूछे जाने पर, दिल्ली विश्वविद्यालय के कुलपति ने वैश्विक स्तर पर जेएनयू द्वारा अर्जित गौरवपूर्ण स्थान की सराहना की और उन आरोपों को खारिज कर दिया कि उत्तरी दिल्ली स्थित विश्वविद्यालय एक और जेएनयू बनने की कोशिश कर रहा है।
उन्होंने कहा, ऐसा कुछ नहीं है। जेएनयू की अपनी खूबियां हैं और डीयू की अपनी ताकत है।
वीर सावरकर कॉलेज की नई बिल्डिंग के उद्घाटन पर उन्होंने कहा, वीर सावरकर कॉलेज का निर्माण शुरू हो गया है। मुझे लगता है कि यह अगले साल 100 प्रतिशत शुरू हो जाएगा। यह कॉलेज दो-तीन महीने में भी शुरू हो सकता है, लेकिन यह निश्चित रूप से अगले साल शुरू होगा।
दिल्ली विश्वविद्यालय का वीर सावरकर कॉलेज पश्चिमी दिल्ली के नजफगढ़ इलाके में 140 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से बन रहा है। डीयू ने इस सत्र से दाखिले शुरू करने का फैसला किया है, यह कदम दशकों में पहला बड़ा विस्तार दर्शाता है।
--आईएएनएस
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