नेपाल चुनाव में मेयर बालेन शाह पर बड़ा दांव, आरएसपी ने बनाया प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार

नेपाल चुनाव में मेयर बालेन शाह पर बड़ा दांव, आरएसपी ने बनाया प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार

नेपाल चुनाव में मेयर बालेन शाह पर बड़ा दांव, आरएसपी ने बनाया प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार

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IANS
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Kathmandu Mayor Balen Shah named Nepalese PM candidate

(source : IANS) ( Photo Credit : IANS)

काठमांडू, 28 दिसंबर (आईएएनएस)। नेपाल में अगले साल होने वाले आम चुनाव की सुगबुगाहट तेज हो गई है। इस बीच राष्ट्रीय स्वतंत्र पार्टी (आरएसपी) काठमांडू मेट्रोपॉलिटन सिटी के मेयर बालेन शाह को देश के अगले प्रधानमंत्री के लिए अपने उम्मीदवार के तौर पर उतारेगी।

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आरएसपी अध्यक्ष रबी लामिछाने और बालेन शाह नेपाल की राजनीति में एक बहुचर्चित शख्सियत हैं। रविवार सुबह दोनों पक्षों की ओर से हुई लंबी चर्चा के बाद पीएम पद के लिए बालेन शाह को उम्मीदवार बनाने के फैसले पर मुहर लगाई गई है।

बातचीत के बाद दोनों पक्षों ने इस बात पर सहमति जताई है कि एक राजनीतिक दल के तौर पर आरएसपी के तहत दोनों नेताओं के बीच जिम्मेदारियों और ताकत का बंटवारा होगा।

दोनों नेताओं के बीच सात बिंदुओं पर समझौता हुआ है। इसके मुताबिक, लामिछाने आरएसपी के अध्यक्ष के तौर पर काम करेंगे, जबकि शाह संसदीय पार्टी के नेता और हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव्स के चुनाव के बाद पार्टी के पीएम उम्मीदवार बनेंगे।

नेपाल में 5 मार्च 2026 को आम चुनाव होने जा रहा है। ऐसे में दोनों पक्ष पहले से ही पुरानी पार्टियों से मुकाबला करने के लिए अपनी स्थिति मजबूत करने के मकसद से काम कर रहे हैं।

नेपाल का इतिहास बताता है कि इस देश में सालों से किसी भी सरकार ने अपना कार्यकाल पूरा नहीं किया है। आने वाली सरकार के लिए बड़ी चुनौती यही रहेगी कि वह लोगों से समर्थन पाकर शांति से बिना किसी अंतर्कलह और मतभेद के आगे बढ़े और अपना कार्यकाल पूरा करे।

शाह के बारे में कहा जाता है कि वह मीडिया में बहुत कम आते हैं और अक्सर शहर में पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर को बेहतर बनाने के लिए आवाज उठाते हैं। उन्होंने पुराने राजनीतिक दलों के भ्रष्ट नेतृत्व की खुलकर आलोचना की है। इसकी वजह से, खासकर युवाओं के बीच उन्हें काफी पसंद किया जाता है।

शाह पेशे से आर्किटेक्ट और रैपर भी रह चुके हैं। उन्हें सितंबर की शुरुआत में जेनजी आंदोलन के बाद प्रधानमंत्री सुशीला कार्की के नेतृत्व वाली मौजूदा सरकार बनाने में किंगमेकर के तौर पर भी देखा गया था।

दूसरी ओर लामिछाने पहले से ही मीडिया में थे और युवाओं में भी इनकी अच्छी पकड़ है। लामिछाने के राजनीति में आने के बाद उनके ऊपर सहयोग संस्थाओं से जुड़े भ्रष्टाचार के आरोप लगे थे और जेल हुई थी। हाल ही में कोर्ट के आदेश के बाद उन्हें जमानत पर रिहा किया गया।

जेल से रिहा होने के बाद से वह चुनावों से पहले अपनी पार्टी की स्थिति मजबूत करने के लिए जेनजी नेताओं और नई राजनीतिक ताकतों को एक साथ लाने की कोशिश कर रहे हैं।

राजनीतिक विश्लेषक अरुण सुबेदी ने पहले आईएएनएस को बताया था, अगर शाह और लामिछाने आने वाले चुनावों में हाथ मिलाते हैं, तो वे मजबूत राजनीतिक ताकतों के तौर पर उभर सकते हैं। इससे नेपाल की राजनीति में सत्ता का संतुलन बदल सकता है, जिससे पुरानी पार्टियों का दबदबा कम हो सकता है।

समझौते के मुताबिक, राजनीतिक पार्टी आरएसपी नाम से काम करती रहेगी। पार्टी का झंडा अपने मौजूदा नीले बैकग्राउंड को बनाए रखेगा। नीले बैकग्राउंड के बीच में एक सफेद गोल निशान होगा जिस पर नीली घंटी होगी। पार्टी का चुनाव निशान घंटी होगा, और इसका हेडक्वार्टर काठमांडू वैली में रहेगा।

समझौते में यह भी कहा गया है कि पार्टी के अंदर जिम्मेदारियां युवा कार्यकर्ताओं और अनुभवी विशेषज्ञों को सही तरीके से शामिल करके दी जाएंगी। इसके लिए शिक्षा, सबको साथ लेकर चलने की क्षमता और लोगों की नजर में आपकी छवि को ध्यान में रखा जाएगा। पार्टी से जुड़े दस्तावेज इलेक्शन कमीशन के साथ अपडेट किए जाएंगे।

--आईएएनएस

केके/एबीएम

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