राहुल गांधी के आरोपों के बाद सामने आया बेंगलुरु का परिवार, चुनाव आयोग की जांच में असली मतदाता साबित

राहुल गांधी के आरोपों के बाद सामने आया बेंगलुरु का परिवार, चुनाव आयोग की जांच में असली मतदाता साबित

राहुल गांधी के आरोपों के बाद सामने आया बेंगलुरु का परिवार, चुनाव आयोग की जांच में असली मतदाता साबित

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IANS
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K'taka family declared 'fake' voters by Rahul Gandhi found to be genuine in preliminary EC probe

(source : IANS) ( Photo Credit : IANS)

बेंगलुरु, 8 अगस्त (आईएएनएस)। कांग्रेस नेता राहुल गांधी के आरोपों के बाद बेंगलुरु का एक परिवार सामने आया है, जिसने अपने वैध वोटर आईडी कार्ड भी सार्वजनिक किए हैं। राहुल गांधी ने मतदाता सूची में सही से फोटो नहीं देख पाने के कारण कई वोटर्स को फर्जी मतदाता करार दिया था, जिसमें यह परिवार भी शामिल है। सूत्रों ने बताया कि चुनाव आयोग ने पुष्टि की है कि संबंधित व्यक्ति असली मतदाता हैं।

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राहुल गांधी ने आरोप लगाया था कि तीन लोगों का एक परिवार, जिसमें एक पुरुष और दो महिलाएं हैं, यह फर्जी मतदाता हैं, क्योंकि वह उनकी तस्वीरें नहीं देख पा रहे थे। हालांकि, तीनों व्यक्तियों की तस्वीरें, उनके जीपीएस-टैग वाले पते के साथ सोशल मीडिया पर सामने आई हैं।

तस्वीर में परिवार के सदस्य अपने आवास पर मतदाता पहचान पत्र दिखाते हुए नजर आ रहे हैं। चुनाव आयोग के सूत्रों ने बताया कि परिवार के तीन सदस्य ओम प्रकाश बागड़ी, सरस्वती देवी बागड़ी और माला बागड़ी हैं।

सूत्रों के मुताबिक, कर्नाटक के मुख्य चुनाव अधिकारी (सीईओ) ने राहुल गांधी से व्यक्तिगत रूप से हलफनामा दाखिल करने के लिए इसलिए कहा क्योंकि वह पहले भी चुनाव आयोग (ईसीआई) पर लगाए गए आरोपों से मुकरते रहे हैं। सूत्रों ने बताया, इस बार घोषणापत्र मांगने का कारण यह है कि इससे पहले उन्होंने कभी कोई स्व-हस्ताक्षरित पत्र जमा नहीं किया है।

चुनाव आयोग के अधिकारियों ने यह भी बताया कि राहुल गांधी ने 24 दिसंबर 2024 को महाराष्ट्र मुद्दे का जिक्र किया था। सूत्रों के अनुसार, चुनाव आयोग के अधिकारियों ने कहा, अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के एक वकील ने हमें पत्र लिखा था, और हमने 24 दिसंबर, 2024 को एक विस्तृत जवाब जारी किया। वह जवाब हमारी वेबसाइट पर सार्वजनिक रूप से उपलब्ध है। फिर भी, राहुल गांधी का दावा है कि हमने कभी जवाब नहीं दिया। गुरुवार को भी उन्होंने यही आरोप दोहराया।

चुनाव आयोग के सूत्रों ने आगे बताया कि गुरुवार (7 अगस्त) को कर्नाटक सरकार ने जाति सर्वेक्षण के लिए मतदाता सूची को आधार बनाने का फैसला किया। विडंबना यह है कि उसी दिन राहुल गांधी ने मतदाता सूची की विश्वसनीयता पर तीखा हमला बोला। सूत्रों ने अधिकारियों के हवाले से कहा, कांग्रेस के नेतृत्व वाली कर्नाटक सरकार ने अपनी सबसे महत्वपूर्ण नीति (जाति जनगणना) को मतदाता सूची के आधार पर बनाकर उसकी प्रामाणिकता की गारंटी दी, वहीं दूसरी ओर राहुल गांधी ने उनकी ईमानदारी पर सवाल उठाया।

इससे पहले, राहुल गांधी ने गुरुवार को दिल्ली में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में चुनावी धोखाधड़ी के गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने बेंगलुरु के महादेवपुरा विधानसभा क्षेत्र का उदाहरण दिया था। शुक्रवार को कांग्रेस नेता ने बेंगलुरु में विशाल विरोध प्रदर्शन भी किया, जहां उन्होंने मतदाताओं से जुड़े 10 साल के आंकड़े और वीडियो की मांग करते हुए अपने आरोप दोहराए।

--आईएएनएस

डीसीएच/जीकेटी

डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ न्यूज नेशन टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.

      
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