जिंदल इंस्टीट्यूट ऑफ हरियाणा स्टडीज ने सोनीपत मानव विकास रिपोर्ट के लिए किया परामर्श प्रक्रिया का नेतृत्व

जिंदल इंस्टीट्यूट ऑफ हरियाणा स्टडीज ने सोनीपत मानव विकास रिपोर्ट के लिए किया परामर्श प्रक्रिया का नेतृत्व

जिंदल इंस्टीट्यूट ऑफ हरियाणा स्टडीज ने सोनीपत मानव विकास रिपोर्ट के लिए किया परामर्श प्रक्रिया का नेतृत्व

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IANS
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Jindal Institute of Haryana Studies leads stakeholder consultation for Sonipat Human Development Report

(source : IANS) ( Photo Credit : IANS)

सोनीपत, 9 सितंबर (आईएएनएस)। सोनीपत के समावेशी और टिकाऊ विकास की दिशा में एक अहम कदम 27 अगस्त को देखने को मिला, जब ओ.पी. जिंदल ग्लोबल यूनिवर्सिटी (जेजीयू) के जिंदल इंस्टीट्यूट ऑफ हरियाणा स्टडीज (जेआईएचएस) ने सोनीपत मानव विकास रिपोर्ट (एचडीआर) पर विचार-विमर्श के लिए एक विशेष बैठक आयोजित की।

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दिन भर चले इस विचार-विमर्श में शिक्षा जगत, सरकार, नागरिक समाज, मीडिया और विकास संगठनों के विचारक एक साथ आए और जिले की सबसे गंभीर चुनौतियों और नए अवसरों की पहचान की।

शिक्षा और स्वास्थ्य से लेकर आजीविका, शासन, पर्यावरण और स्थानिक परिवर्तन तक, इस संवाद ने सोनीपत के भविष्य को आकार देने के लिए एक डेटा-संचालित रोडमैप की नींव रखी।

जेजीयू के संस्थापक कुलपति प्रोफेसर (डॉ.) सी. राज कुमार के मार्गदर्शन में, जेआईएचएस की निदेशक प्रोफेसर (डॉ.) मृणालिनी झा के नेतृत्व में, यह पहल क्षेत्र-विशिष्ट अनुसंधान के प्रति संस्थान की प्रतिबद्धता को दर्शाती है जो हरियाणा के लिए साक्ष्य-आधारित नीति को आकार देती है।

इस चर्चा में कई प्रमुख हस्तियां शामिल हुईं, जिनमें सोनीपत के उपायुक्त सुशील सरवान, ‘द इंडियन एक्सप्रेस’ के उदित मिश्रा, अज़ीम प्रेमजी विश्वविद्यालय की डॉ. दीपा सिन्हा, एनसीएईआर की डॉ. पल्लवी चौधुरी, यूएनडीपी इंडिया से सेवानिवृत्त रितु माथुर और अन्य राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञ मौजूद रहे।

बैठक में इस बात पर जोर दिया गया कि मानव विकास रिपोर्ट को सभी के लिए समझना और उसका इस्तेमाल करना आसान बनाया जाए। इसे स्थानीय भाषाओं में भी उपलब्ध कराया जाए। इसमें ऐसे इंडेक्स हों जिन्हें समझना आसान हो। यानी यूजर्स के अनुकूल सूचकांक, जिसमें ऐसे आंकड़े और सर्वे शामिल हों जो महिलाओं-पुरुषों, गांव-शहर और सरकारी-निजी क्षेत्रों के बीच असली हालात को साफ-साफ दिखा सकें। इन सबके माध्यम से एचडीआर को सुलभ और कार्यान्वयन योग्य बनाने की आवश्यकता पर बल दिया गया।

सोनीपत मानव विकास रिपोर्ट जिले के विकास का आधार बनने जा रही है। इसमें मातृ और शिशु स्वास्थ्य, वाश (जल, स्वच्छता और स्वास्थ्य), प्रदूषण, भूमि उपयोग और जरूरी सेवाओं तक पहुंच जैसे मुद्दों पर निगरानी रखी जाएगी।

एक रिपोर्ट से बढ़कर, यह नीति निर्माताओं, चिकित्सकों और नागरिकों के लिए एक अधिक समावेशी सोनीपत की कल्पना करने और उसे सक्षम बनाने का एक साधन होगा।

--आईएएनएस

एएस/

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