जेजीयू ने 4 महाद्वीपों के 10 देशों के अग्रणी वैश्विक संस्थानों के साथ 15 नए समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किए

जेजीयू ने 4 महाद्वीपों के 10 देशों के अग्रणी वैश्विक संस्थानों के साथ 15 नए समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किए

जेजीयू ने 4 महाद्वीपों के 10 देशों के अग्रणी वैश्विक संस्थानों के साथ 15 नए समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किए

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IANS
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JGU signs 15 new MoUs with leading global institutions in 10 countries across 4 continents

(source : IANS) ( Photo Credit : IANS)

सोनीपत, 22 अगस्त (आईएएनएस)। भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय द्वारा मान्यता प्राप्त एक प्रतिष्ठित संस्थान, ओ.पी. जिंदल ग्लोबल यूनिवर्सिटी (जेजीयू) ने इस ग्रीष्मकाल में अग्रणी वैश्विक विश्वविद्यालयों और संस्थानों के साथ 15 नए समझौता ज्ञापनों और समझौतों को औपचारिक रूप दिया।

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इन समझौतों का मकसद छात्रों और शिक्षकों को पढ़ाई और शोध के बेहतर अवसर देना है। इसके तहत जे.जी.यू. ने यूनिवर्सिटी ऑफ जिनेवा (स्विट्जरलैंड) और यूनिवर्सिटी ऑफ मेलबर्न (ऑस्ट्रेलिया) के साथ ड्यूल डिग्री प्रोग्राम शुरू किए हैं। इसमें छात्र अपनी पढ़ाई का कुछ हिस्सा भारत में और बाकी हिस्सा विदेश की यूनिवर्सिटी में पूरा करेंगे। पढ़ाई पूरी करने के बाद उन्हें दो मान्यता प्राप्त डिग्रियां मिलेंगी।

इस तरह छात्र कम खर्च में अंतरराष्ट्रीय स्तर की डिग्री हासिल कर पाएंगे और आगे की पढ़ाई व नौकरी के अवसरों का फायदा उठा सकेंगे।

इसके अलावा, छात्र विनिमय कार्यक्रम (स्टूडेंट एक्सचेंज प्रोग्राम) भी शुरू किए गए हैं। इनमें यूनिवर्सिटी ऑफ रोचेस्टर, यूनिवर्सिटी ऑफ मैसाचुसेट्स बोस्टन, मासारिक यूनिवर्सिटी, हर्टी स्कूल, ईएसएसईसी बिजनेस स्कूल और डी ला साले यूनिवर्सिटी शामिल हैं। इन कार्यक्रमों में छात्रों को एक सेमेस्टर विदेश में पढ़ने का मौका मिलेगा। यहां उन्हें न केवल पढ़ाई का अनुभव होगा, बल्कि अलग-अलग संस्कृतियों से जुड़ने का भी अवसर मिलेगा।

छात्र अपनी मूल डिग्री के साथ आगे बढ़ते हुए विभिन्न शिक्षण पद्धतियों, विविध छात्र समूहों और अंतर्राष्ट्रीय नेटवर्क का अनुभव प्राप्त करते हैं।

शिक्षकों और शोध के क्षेत्र में भी कई साझेदारियां की गई हैं। इसमें एफडीसी बिजनेस स्कूल (ब्राज़ील), रोम बिजनेस स्कूल (इटली), सेटन हॉल यूनिवर्सिटी, ब्रैंडाइस यूनिवर्सिटी, यूनिवर्सिटी ऑफ मिशिगन, रॉयल हॉलोवे यूनिवर्सिटी ऑफ लंदन और जोसाई इंटरनेशनल यूनिवर्सिटी (जापान) शामिल हैं। इनसे संयुक्त शोध, विजिटिंग प्रोफेसरशिप, सहकारी अनुसंधान परियोजनाओं और व्यापक शैक्षणिक आदान-प्रदान को बढ़ावा मिलता है।

इन साझेदारियों से छात्रों को कक्षा में पढ़ाई का अनुभव और भी समृद्ध होगा और उन्हें दुनिया भर की जानकारी और अवसरों तक पहुंच मिलेगी। जेजीयू में अंतर्राष्ट्रीय मामलों और वैश्विक पहल कार्यालय (आईएजीआई) के नेतृत्व में ये साझेदारियाँ प्रत्येक छात्र की शैक्षणिक यात्रा में वैश्विक अनुभव को समाहित करती हैं।

आईएजीआई रणनीतिक गठबंधनों को विकसित करके, सीमा पार शैक्षणिक गतिशीलता को सक्षम बनाकर, और भारत को विश्व उच्च शिक्षा के ताने-बाने में और अधिक निकटता से जोड़ रहा है। यह संस्था अंतरराष्ट्रीय सहयोग को बढ़ावा देती है, छात्रों और शिक्षकों को विदेशों में पढ़ने-लिखने का मौका देती है और भारतीय शिक्षा को वैश्विक स्तर से जोड़ती है। इसका मकसद यह है कि अंतरराष्ट्रीय अवसर कुछ गिने-चुने छात्रों तक सीमित न रहें। इससे शिक्षा में समानता और लोकतंत्रीकरण का रास्ता खुलता है।

जेजीयू में अंतर्राष्ट्रीय मामलों एवं वैश्विक पहल कार्यालय के उप-डीन एवं निदेशक, प्रोफेसर (डॉ.) अखिल भारद्वाज ने कहा, प्रत्येक समझौता ज्ञापन पर उसके परिणामों पर स्पष्ट ध्यान केंद्रित किया जाता है। जेजीयू में, हम यह सुनिश्चित करने के लिए काम करते हैं कि ये साझेदारियां जीवंत अनुभवों में परिवर्तित हों; चाहे वह विदेश में सेमेस्टर बिताने वाले छात्रों के माध्यम से हो, संयुक्त शिक्षण में लगे संकाय सदस्यों के माध्यम से हो, या अंतरराष्ट्रीय मंचों तक पहुंचने वाले सहयोगी अनुसंधान के माध्यम से हो। हमारी भूमिका यह सुनिश्चित करना है कि अंतर्राष्ट्रीयकरण के लाभ वास्तविक हों, जिनकी पहचान हो सके और हमारे छात्रों, फैकल्टी सदस्यों और जेजीयू समुदाय के लिए व्यापकता के साथ सुलभ हों।

ये सहयोग वैश्विक अनुभव, विविध शिक्षण और सहयोगी अनुसंधान को अपने शैक्षणिक मिशन के केंद्र में रखकर जेजीयू के अंतरराष्ट्रीय दृष्टिकोण को आगे बढ़ाते हैं। अंतरराष्ट्रीय अवसरों को प्रत्येक छात्र की यात्रा का हिस्सा बनाकर, ये साझेदारियाँ वैश्विक शिक्षा तक पहुँच को लोकतांत्रिक बनाने और भावी स्नातकों को सूचित और जिम्मेदार वैश्विक नागरिक के रूप में दुनिया से जुड़ने के लिए तैयार करने में मदद करती हैं।

ये समझौता ज्ञापन और समझौते उत्तरी अमेरिका, यूरोप, एशिया-प्रशांत और लैटिन अमेरिका में फैले 10 देशों और 4 महाद्वीपों के विश्वविद्यालयों के साथ किए गए हैं। इसके साथ ही, जेजीयू का अंतरराष्ट्रीय नेटवर्क अब दुनिया भर में 550 से अधिक विश्वविद्यालयों और संस्थानों तक फैल गया है, जो भारत के सबसे अधिक वैश्विक रूप से जुड़े विश्वविद्यालय के रूप में इसके मिशन का एक हिस्सा है।

--आईएएनएस

एएस/

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