यरुशलम, 10 जून (आईएएनएस)। इजरायल ने स्वीडिश जलवायु कार्यकर्ता ग्रेटा थनबर्ग को मंगलवार को निर्वासित कर दिया। एक दिन पहले उन्हें और 11 अन्य कार्यकर्ताओं को इजरायली बलों ने उस समय हिरासत में लिया था, जब वे एक सहायता नाव पर सवार होकर गाजा पट्टी पर नौसैनिक नाकाबंदी तोड़ने का प्रयास कर रहे थे।
इजरायल के विदेश मंत्रालय ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, ग्रेटा थनबर्ग स्वीडन (फ्रांस के रास्ते) के लिए इजरायल से रवाना हो गई हैं।
मंत्रालय ने उनकी दो तस्वीरें जारी कीं, जिनमें से एक में वह विमान में चढ़ रही हैं और उनके हाथ पीठ के पीछे हैं और दूसरी तस्वीर में वह विमान के अंदर बैठी हैं।
सरकारी प्रसारक कान ने बताया कि 22 वर्षीय थनबर्ग और अन्य कार्यकर्ताओं को निर्वासन के लिए बेन गुरियन हवाई अड्डे पर ले जाया गया।
रिपोर्ट के अनुसार, थनबर्ग को पीछे की सीट पर बैठाया गया था, जिसमें पीछे की ओर झुकने की सुविधा नहीं थी।
इजरायल के आंतरिक मंत्री मोशे अर्बेल ने पुष्टि की कि कई कार्यकर्ताओं को निर्वासन के लिए हवाई अड्डे पर ले जाया गया और कहा कि उन्होंने निर्देश दिया है कि फ्लोटिला में शामिल सभी 12 प्रतिभागियों को उनके मूल देशों में वापस भेज दिया जाए।
अर्बेल ने एक बयान में कहा, इजराइल अपनी सीमाओं पर विरोध प्रदर्शनों के माध्यम से अपनी संप्रभुता को नुकसान पहुंचाने की अनुमति नहीं देगा।
विदेश मंत्रालय ने कहा कि जो कार्यकर्ता स्वेच्छा से इजराइल छोड़ने के लिए सहमत होने वाले दस्तावेजों पर हस्ताक्षर करने के लिए राजी हुए हैं, उनसे मंगलवार को विमान से देश छोड़ने की उम्मीद है। मंत्रालय के अनुसार, जो लोग इनकार करते हैं, उन्हें उनके निर्वासन को अधिकृत करने के लिए न्यायिक प्राधिकारी के समक्ष लाया जाएगा।
मंत्रालय ने बताया कि कार्यकर्ताओं के गृह देशों के वाणिज्य दूतावास के अधिकारियों ने हवाई अड्डे पर उनसे मुलाकात की।
इजराइल स्थित कानूनी अधिकार समूह अदालाह ने कहा कि चार कार्यकर्ता तत्काल स्वदेश वापसी के लिए सहमत हो गए, जबकि शेष आठ अपने निर्वासन आदेश का विरोध कर रहे हैं। उन्हें अदालत की सुनवाई तक हिरासत में रखा जाएगा। सुनवाई का समय अभी स्पष्ट नहीं था।
अदाला के अनुसार, सोमवार को तड़के इजरायली सेना द्वारा मैडलीन नामक नाव को जब्त करने के बाद, उसमें सवार लोगों को घंटों समुद्र में रोके रखा गया और रात होने पर उन्हें अशदोद बंदरगाह पर लाया गया।
वहीं, इजरायल ने अंतरराष्ट्रीय जलक्षेत्र में चैरिटी जहाज को रोका और उसे इजरायल के सबसे बड़े बंदरगाह अशदोद तक ले गया। इजराइल के इस कदम को फ्रीडम फ्लोटिला गठबंधन ने अवैध बताया और इसे अपहरण कहा। कथित तौर पर जहाज गाजा के लिए भोजन और दवा सहित मानवीय आपूर्ति ले जा रहा था।
समाचार एजेंसी सिन्हुआ के अनुसार, यह घटना माल्टा के निकट अंतर्राष्ट्रीय जलक्षेत्र में कथित ड्रोन हमले में एक अन्य जहाज, कॉन्साइंस के क्षतिग्रस्त होने के लगभग एक महीने बाद हुई है।
2007 में हमास द्वारा गाजा पर नियंत्रण करने के बाद इजरायल ने गाजा पर नौसैनिक नाकाबंदी लगा दी थी। अक्टूबर 2023 में हमास के सीमा पार हमले के बाद प्रतिबंधों को और कड़ा कर दिया गया।
इजरायली हमले ने गाजा के बुनियादी ढांचे को तबाह कर दिया है और इसके 2 मिलियन से अधिक निवासियों को गहरे मानवीय संकट में धकेल दिया है। संयुक्त राष्ट्र की एजेंसियों ने अकाल की चेतावनी दी है, जिसमें पूरी आबादी को खाद्य असुरक्षा का सामना करना पड़ रहा है।
--आईएएनएस
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