नई दिल्ली, 2 सितंबर (आईएएनएस) इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक (आईपीपीबी) द्वारा विभिन्न सरकारी योजनाओं के लाभार्थियों को डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (डीबीटी) के जरिए बीते सात वर्षों में 45,000 करोड़ रुपये की राशि दी गई है। संचार मंत्रालय की ओर से यह जानकारी दी गई।
मंत्रालय द्वारा कहा गया कि पिछले सात वर्षों में आईपीपीबी ने पेपेरलेस, कैशलेस और प्रसेंजलेस बैंकिंग जैसी सुविधाएं पेश की हैं और 9.88 करोड़ से अधिक ग्राहकों को अपने साथ जोड़ा है।
आईपीपीबी की स्थापना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 1 सितंबर, 2018 को की गई थी। यह संचार मंत्रालय के डाक विभाग के तहत आता है। इसे किफायती दरों पर डिजिटल बैंकिंग सेवाएं वंचित लोगों तक पहुंचाने के लिए बनाया गया था।
केंद्रीय संचार मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि हम भारत के वंचित समुदायों को सशक्त बनाने के सात साल पूरे होने का जश्न मना रहे हैं, आईपीपीबी ने अब तक जितना प्रभाव स्थापित किया है उस पर हमें गर्व है। हमारा मिशन देश के हर नागरिक की बैंकिंग तक पहुंच (विशेषकर दूर-दराज और उत्तर-पूर्व के इलाकों में) सुनिश्चित करना है।
मंत्रालय की ओर से कहा गया कि आईपीपीबी ने इंडिया पोस्ट के 1.61 लाख ऑफिस और 1.90 लाख पोस्टल कर्मचारियों के नेटवर्क का फायदा उठाया है। साथ ही पिछले सात वर्षों में वित्तीय सेवाओं को अंतिम व्यक्ति तक पहुंचाया है।
बीते सात वर्षों में आईपीपीबी के नेटवर्क पर 12 लाख से अधिक दुकानदार जुड़े हैं। 7.10 करोड़ से ज्यादा आधार कार्ड्स को अपडेट किया गया है। साथ ही 20 लाख से ज्यादा पेंशभोगियों को डिजिटल लाइफ सर्टिफिकेट उपलब्ध कराया है।
मंत्रालय ने आगे कहा कि आईपीपीबी ग्राहकों की जरूरतों के हिसाब से सेवाएं देना जारी रखेगा। साथ आने वाले समय में नेटवर्क का विस्तार भी किया जाएगा।
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