इंश्योरेंस कंपनियों और एनपीएस ने 2025 में अब तक इक्विटी में किया रिकॉर्ड एक लाख करोड़ रुपए का निवेश

इंश्योरेंस कंपनियों और एनपीएस ने 2025 में अब तक इक्विटी में किया रिकॉर्ड एक लाख करोड़ रुपए का निवेश

इंश्योरेंस कंपनियों और एनपीएस ने 2025 में अब तक इक्विटी में किया रिकॉर्ड एक लाख करोड़ रुपए का निवेश

author-image
IANS
New Update
Investment, Insurers, NPS, Insurance

(source : IANS) ( Photo Credit : IANS)

मुंबई, 11 नवंबर (आईएएनएस)। घरेलू इंश्योरेंस कंपनियों और नेशनल पेंशन सिस्टम (एनपीएस) ने भारतीय इक्विटी बाजारों में 2025 में अब तक एक लाख करोड़ रुपए से अधिक का निवेश किया है। यह इन दोनों सेगमेंट से आया अब तक का सबसे अधिक निवेश है। यह जानकारी मंगलवार को डेटा से मिली।

Advertisment

इस साल की शुरुआत से इक्विटी में अब तक घरेलू इंश्योरेंस कंपनियों ने 56,821 करोड़ रुपए का निवेश किया है, जबकि एनपीएस ने 51,308 करोड़ रुपए का निवेश किया है। यह दोनों की ओर से 2024 में क्रमश: 23,062 करोड़ रुपए और 13,328 करोड़ रुपए के निवेश से काफी अधिक है।

बाजार में निवेश ऐसे समय पर देखा गया है, जब इक्विटी ने बीते एक वर्ष में सुस्त प्रदर्शन किया है।

एनालिस्ट का कहना है कि नियमों में लचीलापन बढ़ने और एयूएम में इजाफा होने के कारण इंश्योरेंस कंपनियों और एनपीएस की ओर से अधिक रिटर्न पाने के लिए इक्विटी में निवेश किया गया है।

हाल के वर्षों में, पेंशन निधि नियामक एवं विकास प्राधिकरण (पीएफआरडीए) ने अपने नियमों में संशोधन करते हुए टियर-I एनपीएस खातों के लिए 75 प्रतिशत और टियर-II खातों के लिए 100 प्रतिशत तक इक्विटी निवेश की अनुमति दी है।

इस बीच, आईआरडीएआई द्वारा दी गई छूटों ने इंश्योरेंस कंपनियों को सरकारी और अनुमोदित प्रतिभूतियों में बड़ी हिस्सेदारी बनाए रखते हुए, विवेकपूर्ण निवेश सीमा के भीतर इक्विटी आवंटन बनाए रखने की अनुमति दी।

म्यूचुअल फंड जैसे अन्य घरेलू संस्थागत निवेशकों ने 2025 में इक्विटी में 4.44 लाख करोड़ रुपए का निवेश किया, जो पिछले वर्ष के 4.15 लाख करोड़ रुपए से अधिक है। इस बीच, बैंकों और कुछ घरेलू वित्तीय संस्थानों ने इक्विटी में क्रमशः 16,941 करोड़ रुपए और 158 करोड़ रुपए की बिकवाली की।

एफआईआई द्वारा भारी बिकवाली के बीच, घरेलू संस्थागत निवेशकों (डीआईआई) की शुद्ध खरीदारी इस साल भारतीय बाजारों को सहारा दे रही है।

जानकारों के मुताबिक, भारत में निरंतर बिकवाली और सस्ते बाजारों में पैसा लगाने की एफआईआई रणनीति निकट भविष्य में भी जारी रहने की उम्मीद है।

भारतीय कंपनियों की वित्त वर्ष 2026 की दूसरी तिमाही की आय अनुमान से बेहतर रही है, जिसमें प्रमुख क्षेत्रों, खासकर मिड-कैप कंपनियों की आय में सालाना आधार पर 14 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।

--आईएएनएस

एबीएस/

डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ न्यूज नेशन टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.

Advertisment