भारतीय उद्यमों को पूरी क्षमता पेश करने में मददगार होगा इनोवेशन-लेड इकोसिस्टमः एसोचैम

भारतीय उद्यमों को पूरी क्षमता पेश करने में मददगार होगा इनोवेशन-लेड इकोसिस्टमः एसोचैम

भारतीय उद्यमों को पूरी क्षमता पेश करने में मददगार होगा इनोवेशन-लेड इकोसिस्टमः एसोचैम

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IANS
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Jitan Ram Manjhi

(source : IANS) ( Photo Credit : IANS)

नई दिल्ली, 9 मई (आईएएनएस)। एसोचैम के शुक्रवार को जारी एक पत्र के अनुसार, भारतीय उद्यमों की पूरी क्षमता को पेश करने के लिए एक सुसंगत, इनोवेशन-लेड इकोसिस्टम की जरूरत है, जो प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा दे और अनुपालन बोझ कम करे।

भारत के इकोनॉमिक आर्किटेक्चर में एमएसएमई की महत्वपूर्ण भूमिका और उन्हें फलने-फूलने में मदद करने के लिए केंद्र और राज्यों के बीच समन्वित प्रयासों के महत्व पर प्रकाश डालते हुए, शीर्ष उद्योग निकाय ने ईज ऑफ डूइंग बिजनेस इन द इंडियन स्टेट्स’ शीर्षक से एक नॉलेज पेपर जारी किया है।

यह पेपर परिचालन चुनौतियों को संबोधित करने और दुनियाभर से सर्वोत्तम प्रथाओं को शामिल करने की जरूरतों को पहचानता है।

नॉलेज पेपर में एक प्रमुख सिफारिश बिल्डिंग और कंस्ट्रक्शन के अप्रूवल प्रॉसेस, लेबर एंड फैकल्टी अप्रूवल्स और फायर अप्रूवल्स में थर्ड पार्टी के निजी पेशेवरों की भूमिका पर जोर देती है।

प्रक्रिया को सुव्यवस्थित करने, ‘नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट’ और आयात-निर्यात विनियमों को युक्तिसंगत बनाने के लिए विशिष्ट सिफारिशों पर भी प्रकाश डाला गया है।

एसोचैम के महासचिव मनीष सिंघल ने कहा, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विकसित भारत के सपने को साकार करने के लिए केंद्र सरकार में नीति निर्माण को राज्यों में क्रियान्वयन के साथ पूरक बनाने की जरूरत है। राज्यों के हितधारकों के साथ गहन परामर्श, नीति ढांचे की समीक्षा और जमीनी स्तर पर क्रियान्वयन में मुद्दों के विश्लेषण ने इस नॉलेज पेपर के लिए आधार तैयार किया।

उन्होंने कहा कि पेपर में राज्य-विशिष्ट मुद्दों को समझाया गया है और ऐसे विशिष्ट हस्तक्षेपों की मांग की गई है, जो प्रत्येक क्षेत्र के शासन मॉडल और आर्थिक स्थितियों को दर्शाते हों।

कुछ राज्य बदल रहे हैं और स्मार्ट सुधारों के साथ दूसरों को रास्ता दिखा रहे हैं।

पेपर के अनुसार, गुजरात ने 2030 तक 100 प्रतिशत ट्रीटेड वेस्ट वॉटर को रिसाइकल करने की योजना बनाई है, जो पर्यावरणीय जिम्मेदारी को पूरा करने वाले व्यवसाय विकास का एक आदर्श उदाहरण है।

महाराष्ट्र फूड और ड्रग मैन्युफैक्चरर्स के लिए पांच साल के लाइसेंस की पेशकश कर उनके जीवन को आसान बना रहा है।

पश्चिम बंगाल बंदरगाहों के पास बड़े कंटेनर ट्रकों की अनुमति देकर लॉजिस्टिक्स लागत में कटौती कर रहा है।

झारखंड स्टार्टअप को कोलेटरल फ्री लोन प्राप्त करने और सरकार को माल की आपूर्ति करने में सहायता कर रहा है।

एसोचैम ने टेक्निकल इनपुट और कन्वर्जेंस फाउंडेशन के एनालिटिक्स गाइडेंस से तैयार 52-पेज के नॉलेज पेपर में कहा, इस रिपोर्ट में ऐसे कई और बेहतरीन अभ्यासों का उल्लेख किया गया है, जो दूसरों के लिए मॉडल के रूप में काम करते हैं।

इसमें प्रमुख प्राथमिकता वाले क्षेत्रों की पहचान की गई है।

--आईएएनएस

एसकेटी/एबीएम

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