भारत का औद्योगिक और लॉजिस्टिक्स रियल एस्टेट क्षेत्र 2025 के पहले 9 महीनों में 28 प्रतिशत बढ़ा

भारत का औद्योगिक और लॉजिस्टिक्स रियल एस्टेट क्षेत्र 2025 के पहले 9 महीनों में 28 प्रतिशत बढ़ा

भारत का औद्योगिक और लॉजिस्टिक्स रियल एस्टेट क्षेत्र 2025 के पहले 9 महीनों में 28 प्रतिशत बढ़ा

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IANS
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India's Industrial and logistics real estate sector grows 28 pc in first 9 months of 2025: Report

(source : IANS) ( Photo Credit : IANS)

नई दिल्ली, 17 अक्टूबर (आईएएनएस)। औद्योगिक और लॉजिस्टिक्स (आईएंडएल) रियल एस्टेट क्षेत्र द्वारा लीजिंग 2025 के पहले नौ महीनों में सालाना आधार पर 28 प्रतिशत बढ़ी है। यह जानकारी शुक्रवार को जारी एक रिपोर्ट में दी गई।

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वैश्विक वाणिज्यिक रियल एस्टेट और निवेश फर्म सीबीआरई ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि समीक्षा अवधि के दौरान, शीर्ष आठ भारतीय शहरों - दिल्ली-एनसीआर, बेंगलुरु, मुंबई, हैदराबाद, चेन्नई, पुणे, कोलकाता और अहमदाबाद - में कुल लीजिंग 37 मिलियन वर्ग फुट रही, जबकि पिछले साल यह 28.8 मिलियन वर्ग फुट थी।

रिपोर्ट में कहा गया कि इस साल के पहले 9 महीनों के दौरान कुल लीजिंग गतिविधि में दिल्ली-एनसीआर की हिस्सेदारी सबसे अधिक 11.7 मिलियन वर्ग फुट रही, इसके बाद बेंगलुरु 5.7 मिलियन वर्ग फुट के साथ दूसरे और हैदराबाद 4.6 मिलियन वर्ग फुट के साथ तीसरे स्थान पर था। कुल लीजिंग में इन तीनों शहरों की कुल हिस्सेदारी 59 प्रतिशत रही।

मुंबई और कोलकाता क्रमशः 4.2 मिलियन वर्ग फुट और 3.8 मिलियन वर्ग फुट लीजिंग के साथ चौथे और पांचवे स्थान पर थे।

सीबीआरई के अध्यक्ष और सीईओ (भारत, दक्षिण-पूर्व एशिया, मध्य पूर्व और अफ्रीका) अंशुमान मैगजीन ने कहा, यह मांग मुख्य रूप से थर्ड-पार्टी लॉजिस्टिक्स (3पीएल) प्रदाताओं के विस्तार और क्विक कॉमर्स में बढ़त के कारण है।

रिपोर्ट के अनुसार, 2025 के पहले नौ महीनों के दौरान, आपूर्ति में 23.8 मिलियन वर्ग फुट की वृद्धि हुई, क्योंकि संस्थागत निवेशक-समर्थित डेवलपर्स ने अपना विस्तार जारी रखा। इसमें बेंगलुरु, चेन्नई और मुंबई की सामूहिक रूप से 62 प्रतिशत हिस्सेदारी थी।

रिपोर्ट में कहा गया है कि जुलाई-सितंबर तिमाही में, कुल औद्योगिक और लॉजिस्टिक्स लीजिंग 10.4 मिलियन वर्ग फुट तक पहुंच गई, जिसमें थर्ड-पार्टी लीजिंग (3पीएल) कंपनियों की हिस्सेदारी 40 प्रतिशत थी, इसके बाद ई-कॉमर्स कंपनियों की हिस्सेदारी 18 प्रतिशत और इंजीनियरिंग एवं विनिर्माण फर्मों की हिस्सेदारी 15 प्रतिशत थी।

रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि घरेलू कंपनियों ने कुल तिमाही लीजिंग में 68 प्रतिशत का योगदान दिया, जबकि ईएमईए कंपनियों की हिस्सेदारी 14 प्रतिशत थी।

--आईएएनएस

एबीएस/

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