इंदौर दूषित पानी कांड: मुख्यमंत्री मोहन यादव ने अस्पताल में भर्ती पीड़ितों से मुलाकात की

इंदौर दूषित पानी कांड: मुख्यमंत्री मोहन यादव ने अस्पताल में भर्ती पीड़ितों से मुलाकात की

इंदौर दूषित पानी कांड: मुख्यमंत्री मोहन यादव ने अस्पताल में भर्ती पीड़ितों से मुलाकात की

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IANS
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Water contamination crisis: CM Mohan Yadav meets hospitalised victims in Indore

(source : IANS) ( Photo Credit : IANS)

इंदौर, 31 दिसंबर (आईएएनएस)। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव बुधवार की शाम को इंदौर पहुंचे, जहां उन्होंने दूषित पानी पीने से बीमार होकर अस्पताल में भर्ती हुए लोगों से मुलाकात की। इसकी जानकारी अधिकारियों ने दी।

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उमरिया जिले से इंदौर पहुंचने के तुरंत बाद मुख्यमंत्री ने वर्मा अस्पताल का दौरा किया, जहां उन्होंने इलाज करा रहे एक दर्जन से ज्यादा प्रभावित मरीजों से बात की। अस्पताल दौरे के दौरान इंदौर के मेयर पुष्यमित्र भार्गव भी मुख्यमंत्री के साथ थे।

इस दौरे के दौरान सीएम मोहन यादव ने मरीजों की स्वास्थ्य स्थिति का जायजा लेने के लिए डॉक्टरों और मेडिकल स्टाफ से भी बात की और मौजूद अधिकारियों को उचित इलाज और स्थिति पर नजर रखने के लिए जरूरी निर्देश दिए।

राज्य के शहरी विकास मंत्री और स्थानीय भाजपा नेता कैलाश विजयवर्गीय, जो प्रभावित इलाकों का दौरा कर रहे थे और नए साल की पूर्व संध्या पर सामने आए स्वास्थ्य संकट से निपटने के काम की देखरेख कर रहे थे, भी वहां मौजूद थे।

इस बीच, मध्य प्रदेश कांग्रेस ने बुधवार को स्थिति का जायजा लेने के लिए पांच सदस्यीय समिति का गठन किया। इस समिति में दो पूर्व राज्य शहरी विकास मंत्री, सज्जन सिंह वर्मा और जयवर्धन सिंह शामिल हैं, और उन्हें प्रभावित निवासियों से मिलने और 5 जनवरी 2026 तक एक रिपोर्ट सौंपने का काम सौंपा गया है।

वहीं, एक और घटनाक्रम में मध्य प्रदेश हाई कोर्ट की इंदौर बेंच ने बुधवार को एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए राज्य सरकार को 2 जनवरी तक घटना पर एक स्टेटस रिपोर्ट जमा करने का निर्देश दिया।

जस्टिस राजेश कुमार गुप्ता और बीपी शर्मा की बेंच ने भागीरथपुरा इलाके में दूषित पेयजल आपूर्ति के मामले में वरिष्ठ अधिकारियों और मेडिकल विशेषज्ञों की एक टीम द्वारा की जा रही जांच पर एक विस्तृत रिपोर्ट मांगी।

इंदौर हाई कोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष रितेश इनानी ने आईएएनएस से बातचीत करते हुए कहा कि बेंच ने सरकार से दो दिनों के भीतर एक स्टेटस रिपोर्ट मांगी है और मामले की अगली सुनवाई के लिए 2 जनवरी की तारीख तय की है।

इससे पहले दिन में मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि बुधवार दोपहर तक कम से कम सात मौतें हुई हैं। उन्होंने कहा, हम स्थिति पर करीब से नजर रख रहे हैं। एक विस्तृत रिपोर्ट बाद में जारी की जाएगी। फिलहाल, हमारी प्राथमिकता सभी प्रभावित लोगों को समय पर और उचित इलाज सुनिश्चित करना है।

बता दें कि इंदौर के अस्पतालों में अब तक 116 लोगों को भर्ती कराया गया था, जिनमें से 36 को ठीक होने के बाद छुट्टी दे दी गई है। 100 से ज्यादा लोग उल्टी, दस्त और डिहाइड्रेशन जैसे लक्षणों के लिए इलाज करा रहे हैं। इंदौर जिला प्रशासन के अनुसार, घर-घर स्क्रीनिंग के लिए तैनात मेडिकल टीमों ने 2,700 से ज्यादा घरों का सर्वे किया है, जिसमें लगभग 12,000 लोग शामिल हैं, और हल्के लक्षणों वाले 1,146 लोगों को मौके पर ही शुरुआती इलाज दिया गया है।

शुरुआती जांच में पता चला है कि यह आउटब्रेक नर्मदा पानी की मुख्य सप्लाई पाइपलाइन में लीकेज की वजह से हुआ, जहां पास के एक टॉयलेट स्ट्रक्चर के कारण पीने के पानी में सीवेज मिल गया था।

--आईएएनएस

डीकेपी/

डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ न्यूज नेशन टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.

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