भारत में वाहनों की बिक्री जून में 4.84 प्रतिशत बढ़कर 20 लाख यूनिट के पार

भारत में वाहनों की बिक्री जून में 4.84 प्रतिशत बढ़कर 20 लाख यूनिट के पार

भारत में वाहनों की बिक्री जून में 4.84 प्रतिशत बढ़कर 20 लाख यूनिट के पार

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IANS
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India's vehicle sales accelerate 4.84 pc in June to cross 20 lakh units

(source : IANS) ( Photo Credit : IANS)

नई दिल्ली, 7 जुलाई (आईएएनएस)। फेडरेशन ऑफ ऑटोमोटिव डीलर्स एसोसिएशन (फाडा) ने सोमवार को कहा कि भारत में सभी सेगमेंट में ऑटोमोबाइल की कुल खुदरा बिक्री जून में सालाना आधार पर 4.84 प्रतिशत बढ़कर 20.03 लाख यूनिट को पार कर गई, जो त्योहार और शादी के मौसम की मांग की वजह से देखी गई।

फाडा के अध्यक्ष सी.एस. विग्नेश्वर ने कहा, सेगमेंट-वाइज, हर कैटेगरी में दोपहिया वाहनों की बिक्री 4.73 प्रतिशत, तिपहिया वाहनों की बिक्री 6.68 प्रतिशत, पैंसेजर व्हीकल की बिक्री 2.45 प्रतिशत, कमर्शियल व्हीकल की बिक्री 6.6 प्रतिशत, ट्रैक्टरों की बिक्री 8.68 प्रतिशत और कंस्ट्रक्शन इक्विप्मेंट्स की बिक्री 54.95 प्रतिशत रही।

उन्होंने कहा, त्योहारों और शादी के मौसम की मांग ने बिक्री को बढ़ावा दिया, लेकिन वित्तीय बाधाओं और बीच-बीच में वैरिएंट की कमी ने बिक्री को धीमा कर दिया। मानसून की शुरुआती बारिश और ईवी की बढ़ती पहुंच ने भी खरीदारी के पैटर्न को आकार दिया।

विग्नेश्वर ने कहा, कुल मिलाकर, जून में मिश्रित बाजार संकेतों के बीच दोपहिया वाहनों का प्रदर्शन मजबूत रहा।

पैसेंजर व्हीकल की खुदरा बिक्री में मासिक आधार पर 1.49 प्रतिशत की गिरावट आई, जबकि सालाना आधार पर 2.45 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई।

भारी बारिश और बाजार में लिक्विडिटी की कमी के कारण ग्राहकों की संख्या पर असर पड़ा, जबकि प्रोत्साहन योजनाओं में वृद्धि और नई बुकिंग ने चुनिंदा समर्थन दिया।

विग्नेश्वर ने कहा, कुछ डीलरों ने संकेत दिया कि कुछ पीवी मैन्युफैक्चरर्स ने वॉल्यूम लक्ष्यों को पूरा करने के लिए स्वचालित थोक डेबिट जैसी अनिवार्य बिलिंग प्रक्रियाएं शुरू की हैं । परिणामस्वरूप इन्वेंट्री लगभग 55 दिनों की है। इस प्रकार जून में विभिन्न बाजार संकेतों के बीच पीवी प्रदर्शन की मामूली लेकिन स्थिर तस्वीर पेश की गई।

सीवी खुदरा बिक्री में मासिक आधार पर 2.97 प्रतिशत की गिरावट आई, जबकि सालाना आधार पर 6.6 प्रतिशत की मजबूत वृद्धि दर्ज की गई।

विग्नेश्वर ने कहा कि मानसून से जुड़े स्लोडाउन मंदी और सीमित लिक्विडिटी के कारण पूछताछ और रूपांतरण में कमी आने से पहले महीने की शुरुआत में डिलीवरी ने वॉल्यूम को बढ़ाया।

उन्होंने बताया, सदस्यों ने नए सीवी कराधान और अनिवार्य वातानुकूलित केबिनों के प्रभाव की ओर इशारा किया, जिससे स्वामित्व लागत बढ़ गई है, साथ ही इंफ्रास्ट्रक्चर की मांग में भी कमी आई है। कुल मिलाकर, जून में एक मजबूत सीवी सेगमेंट दिखाई दिया।

फाडा ने कहा कि जुलाई में कृषि अनुकूल परिस्थितियों और स्कूलों के फिर से खुलने से मिश्रित परिणाम देखने को मिल सकती है, फिर भी मौसमी प्रतिकूल परिस्थितियों, उच्च मूल्य बिंदुओं और लिक्विडिटी बाधाओं से यह नरम हो सकता है।

डीलर्स का सेंटीमेंट स्लोडाउन की ओर झुका हुआ है- फ्लैट और डी-ग्रोथ उम्मीदें (42.8 प्रतिशत और 26.1 प्रतिशत) विकास पूर्वानुमानों (31.1 प्रतिशत) से अधिक हैं।

फाडा के अनुसार, पीवी को उच्च-आधार प्रभावों, सीमित नए-मॉडल लॉन्च और टाइट फाइनेंसिंग का सामना करना पड़ता है, जो त्यौहार की योजना और नई प्रोत्साहन योजनाओं द्वारा आंशिक रूप से ऑफसेट होता है।

सीवी म्यूट इंफ्रास्ट्रक्चर मांग, नए कराधान और अनिवार्य एसी-केबिन मानदंडों से उच्च स्वामित्व लागतों से जूझना जारी रखता है।

अपने भविष्य के आउटलुक के लिए फाडा ने मानसून से संबंधित व्यवधानों, सप्लाई से जुड़ी बाधाओं और लिक्विडिटी दबावों को नेविगेट करने के लिए चुस्त बने रहने के साथ-साथ ग्रामीण मांग चालकों और सरकारी पूंजीगत व्यय का लाभ उठाते हुए सतर्क आशावाद का रुख अपनाया है।

--आईएएनएस

एसकेटी/

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