भारत के अर्बन इंफ्रास्ट्रक्चर सेक्टर को मिलेगा बढ़ावा, अगले चार वर्षों में 10 लाख करोड़ रुपए के अतिरिक्त निवेश की उम्मीद

भारत के अर्बन इंफ्रास्ट्रक्चर सेक्टर को मिलेगा बढ़ावा, अगले चार वर्षों में 10 लाख करोड़ रुपए के अतिरिक्त निवेश की उम्मीद

भारत के अर्बन इंफ्रास्ट्रक्चर सेक्टर को मिलेगा बढ़ावा, अगले चार वर्षों में 10 लाख करोड़ रुपए के अतिरिक्त निवेश की उम्मीद

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IANS
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India’s urban infrastructure sector to see massive boost, Rs 10 lakh crore addition investment expected

(source : IANS) ( Photo Credit : IANS)

नई दिल्ली, 30 अगस्त (आईएएनएस)। एक प्रमुख सरकारी अधिकारी ने कहा है कि भारत के अर्बन इंफ्रास्ट्रक्चर सेक्टर को भारी बढ़ावा मिलने की उम्मीद है और अगले चार वर्षों में इसमें 10 लाख करोड़ रुपए का अतिरिक्त निवेश होने की उम्मीद जताई जा रही है।

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आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय के सचिव श्रीनिवास कटिकिथला ने उद्योग निकाय राष्ट्रीय रियल एस्टेट विकास परिषद के 17वें वार्षिक सम्मेलन में कहा कि शहरों का अभूतपूर्व गति से विस्तार हो रहा है और अगले दो दशकों में देश की आधी से ज्यादा आबादी शहरी क्षेत्रों में रहने लगेगी।

सचिव के अनुसार, यह बदलाव अर्थव्यवस्था के लिए चुनौती और अवसर दोनों है।

उन्होंने जोर देकर कहा कि पिछले दस वर्षों में इस क्षेत्र में खर्च में तेजी से वृद्धि हुई है, अर्बन इंफ्रास्ट्रक्चर में 30 लाख करोड़ रुपए का निवेश किया गया है, जबकि 2004 और 2014 के बीच यह केवल 1.78 लाख करोड़ रुपए था।

उन्होंने रियल एस्टेट डेवलपर्स से कहा, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में, शहरी क्षेत्र ने पिछले 10 वर्षों में निवेश आकर्षित किया है। इस आर्थिक गतिविधि में योगदान देना हमारा साझा कर्तव्य बनता है।

कटिकिथला ने डेवलपर्स को सलाह दी कि वे कनेक्टिविटी के आने का इंतजार करने के बजाय, भविष्य के इंफ्रास्ट्रक्चर के विस्तार के साथ अपनी परियोजनाओं की योजना बनाएं।

उन्होंने जल आपूर्ति, सीवेज सिस्टम, मेट्रो रेल, सड़कों और रेलमार्गों में महत्वपूर्ण निवेश की ओर इशारा करते हुए कहा, आइए उन क्षेत्रों पर ध्यान दें, जहां पहले से ही इंफ्रास्ट्रक्चर विकसित हो रहा है।

इसके अतिरिक्त, उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि प्रभावी शहरी सेवाएं प्रदान करने के लिए निजी क्षेत्र की भागीदारी महत्वपूर्ण है।

केवल स्थानीय निकायों द्वारा सेवाएं प्रदान करना अब पर्याप्त नहीं है। उन्होंने कहा कि उच्च-गुणवत्ता वाली सेवाओं की गारंटी के लिए, निजी क्षेत्र को हस्तक्षेप करना होगा।

कटिकिथला ने रियल एस्टेट (विनियमन एवं विकास) अधिनियम (रेरा) के अनुपालन को मजबूत करने के लिए परियोजना पंजीकरण बढ़ाने और रजिस्टर्ड ब्रोकर्स के लिए उचित प्रशिक्षण की वकालत की।

सचिव ने कहा कि राज्यों के मुख्य सचिवों ने हाल ही में प्रधानमंत्री मोदी के साथ इस अधिनियम के कार्यान्वयन की समीक्षा की थी, जिन्होंने उन्हें रेरा को एक प्रमुख सुधार पहल बनाने का निर्देश दिया था।

उन्होंने आगे कहा कि मंत्रालय करदाताओं को रेरा के बारे में शिक्षित करने के लिए सीबीडीटी के साथ सहयोग कर रहा है और एक संसदीय समिति ने भी इस मामले पर विचार किया है।

--आईएएनएस

एसकेटी/

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