/newsnation/media/media_files/thumbnails/202512163609277-484021.jpg)
(source : IANS) ( Photo Credit : IANS)
नई दिल्ली, 16 दिसंबर (आईएएनएस)। भारत का हस्तशिल्प सहित वस्त्र और परिधान निर्यात पिछले चार वित्तीय वर्षों में 4.6 प्रतिशत की सालाना वृद्धि के साथ बढ़ा है। यह जानकारी केंद्रीय वस्त्र मंत्री गिरिराज सिंह ने मंगलवार को राज्यसभा में दी।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि वित्त वर्ष 2020-21 में जहां देश का वस्त्र निर्यात 31.58 अरब डॉलर था, वहीं वित्त वर्ष 2024-25 तक यह बढ़कर 37.75 अरब डॉलर हो गया। इस दौरान 100 से अधिक देशों में भारतीय वस्त्रों का निर्यात बढ़ा है।
केंद्रीय मंत्री ने बताया कि महामारी के बाद दुनिया भर में आपूर्ति शृंखला में आए बदलावों के बावजूद भारत का वस्त्र निर्यात प्रदर्शन मजबूत बना हुआ है। रेडीमेड गारमेंट्स, सूती और मानव निर्मित फाइबर (एमएमएफ) वस्त्र, कालीन और हस्तशिल्प के निर्यात में वृद्धि इसका कारण है।
उन्होंने बताया कि सरकार ने 7 ‘पीएम मित्र पार्क’ की मंजूरी दी है, जिन पर 4,445 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे। ये पार्क इंटीग्रेटेड वस्त्र बुनियादी इन्फ्रास्ट्रक्चर बनाने में मदद करेंगे। इसके अलावा पीएलआई स्कीम (10,683 करोड़ रुपये) के तहत सिंथेटिक वस्त्र, कपड़े और तकनीकी वस्त्रों के लिए निवेश बढ़ाने की योजना है।
राष्ट्रीय तकनीकी वस्त्र मिशन (1,480 करोड़ रुपए) के जरिए अनुसंधान एवं विकास (आरएंडडी) से नवाचार और बाजार विकास को बढ़ावा दिया जा रहा है। वहीं समर्थ और सिल्क समग्र-2 योजनाओं (4,679.86 करोड़ रुपए) के तहत कौशल विकास, तकनीकी उन्नति और क्षेत्रीय विकास को मजबूती प्रदान की जा रही है।
केंद्रीय मंत्री ने यह भी बताया कि सरकार पारंपरिक कारीगरों के जीवन-यापन को बनाए रखने के लिए राष्ट्रीय हथकरघा विकास कार्यक्रम और कच्चा माल आपूर्ति योजना चला रही है, जिसके तहत कारीगरों को कच्चे माल, आधुनिक करघा, सौर ऊर्जा लाइटिंग, कार्यशालाएं, डिजाइन नवाचार, मार्केटिंग सहायता और सामाजिक सुरक्षा प्रदान की जा रही है।
हाथकरघा समृद्धि सहायता योजना के तहत अक्टूबर 2025 तक 32,248 हथकरघा बुनकरों को आधुनिक करघा/सहायक उपकरण दिए गए हैं और 302 इलेक्ट्रॉनिक जैक्वार्ड प्राप्त हुए हैं।
साथ ही, इंडिया हैंडमेड ई-कॉमर्स पोर्टल के माध्यम से बाजार तक पहुंच को और मजबूती दी गई है और जीईएम पोर्टल पर करीब 1.5 लाख कारीगरों और बुनकरों को जोड़ा गया है, जिससे वह सीधे सरकारी खरीदारों से अपने उत्पाद बेच सकेंगे।
--आईएएनएस
दुर्गेश बहादुर/एबीएस
डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ न्यूज नेशन टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.
/newsnation/media/agency_attachments/logo-webp.webp)
Follow Us