नई दिल्ली, 21 मई (आईएएनएस)। अमेरिकी टैरिफ के बीच दुनियाभर में व्यापार की अनिश्चितता के बावजूद भारत मजबूत स्थिति में है। इसका कारण भारत का बहुत बड़ा घरेलू मार्केट और निर्यात किए जाने वाले सामानों पर कम निर्भरता है। यह जानकारी बुधवार को मूडीज की जारी रिपोर्ट में सामने आई।
रिपोर्ट बताती है कि इंफ्रास्ट्रक्चर में निवेश बढ़ाने, निजी खपत को बढ़ावा देने के लिए उठाए गए कदमों जैसी सरकारी पहल, भारत की अर्थव्यवस्था को कमजोर वैश्विक मांग से बचाने में मदद करेगी।
रिपोर्ट में कहा गया है, भारत की बड़ी घरेलू अर्थव्यवस्था और वैश्विक माल व्यापार में सीमित जोखिम देश को बाहरी झटकों को झेलने के लिए अधिक मजबूत स्थिति में रखता है।
कुछ सेक्टर्स जैसे ऑटोमोबाइल अपने डायवर्सिफाइड संचालन के बावजूद वैश्विक चुनौतियों का सामना कर सकते हैं।
रिपोर्ट के अनुसार, भारत का मजबूत सेवा क्षेत्र और बड़ी घरेलू अर्थव्यवस्था, मजबूत बफर प्रदान करती है।
रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि मुद्रास्फीति में गिरावट से विकास को बढ़ावा देने के लिए ब्याज दरों में कटौती के साथ नरम मौद्रिक नीति का मार्ग प्रशस्त होने की उम्मीद है।
रिपोर्ट के अनुसार, बैंकिंग सेक्टर में क्रेडिट ग्रोथ का समर्थन करने के लिए पर्याप्त लिक्विडिटी भी है।
मूडीज की रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि हाल ही में भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव का भारत की तुलना में पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था पर अधिक असर पड़ने की संभावना है।
भारत में प्रमुख आर्थिक केंद्र संघर्ष क्षेत्रों से बहुत दूर हैं और द्विपक्षीय आर्थिक संबंध सीमित हैं।
हालांकि, रिपोर्ट में कहा गया है कि लंबे समय तक तनाव बढ़ने से रक्षा खर्च में वृद्धि हो सकती है, जिससे राजकोषीय कंसोलिडेशन के प्रयास धीमे हो सकते हैं और सरकारी वित्त पर असर पड़ सकता है।
मूडीज रेटिंग्स ने इस महीने की शुरुआत में 2025 के लिए भारत की जीडीपी वृद्धि दर 6.3 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया था और उम्मीद जताई है कि 2026 में अर्थव्यवस्था गति पकड़ेगी और 6.5 प्रतिशत की वृद्धि दर दर्ज करेगी।
यह पूर्वानुमान आईएमएफ के आउटलुक के अनुरूप है, जिसके अनुसार भारत 2025 में 6 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि दर दर्ज करने वाली दुनिया की एकमात्र प्रमुख अर्थव्यवस्था होगी।
--आईएएनएस
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