भारत में पेट्रोकेमिकल्स की मांग आगे भी मजबूत रहने की उम्मीद : रिपोर्ट

भारत में पेट्रोकेमिकल्स की मांग आगे भी मजबूत रहने की उम्मीद : रिपोर्ट

भारत में पेट्रोकेमिकल्स की मांग आगे भी मजबूत रहने की उम्मीद : रिपोर्ट

author-image
IANS
New Update
India’s petrochemical demand to remain robust in medium term: Report

(source : IANS) ( Photo Credit : IANS)

नई दिल्ली, 29 दिसंबर (आईएएनएस)। भारत में पेट्रोकेमिकल उत्पादों की खपत आने वाले कुछ वर्षों में हर साल 6 से 7 प्रतिशत की दर से बढ़ने की उम्मीद है। यह बढ़ोतरी देश की आर्थिक विकास और पेट्रोकेमिकल से बने उत्पादों की बढ़ती मांग के कारण होगी। यह जानकारी सोमवार को जारी केयरएज रेटिंग्स की रिपोर्ट में दी गई।

Advertisment

इस स्थिति को देखते हुए, आयात पर निर्भरता कम करना भारत का एक बड़ा लक्ष्य माना जा रहा है। इसी कारण सरकारी और निजी दोनों कंपनियां अपनी पेट्रोकेमिकल उत्पादन क्षमता बढ़ाने की योजना बना रही हैं।

रिपोर्ट में कहा गया है कि वित्त वर्ष 2025 से 2030 के बीच पॉलीप्रोपाइलीन (पीपी) की उत्पादन क्षमता 1.8 गुना बढ़ने की उम्मीद है, जबकि इसकी मांग 1.4 गुना बढ़ेगी। इससे 2030 तक आयात पर निर्भरता काफी हद तक कम हो सकती है।

केयरएज रेटिंग्स के एसोसिएट डायरेक्टर रबिन बिहानी ने कहा कि घरेलू कंपनियों के लिए सबसे जरूरी बात लागत को कम करना है, ताकि उन्हें अपने निवेश पर अच्छा मुनाफा मिल सके।

रिपोर्ट के अनुसार, दुनिया भर में ज्यादा उत्पादन होने के चलते फिलहाल पेट्रोकेमिकल उत्पादों की कीमतें कमजोर बनी रह सकती हैं। हालांकि, वित्त वर्ष 2026 की पहली छमाही में इसमें थोड़ी सुधार देखने को मिली है, जिससे कंपनियों के मुनाफे में करीब 2 प्रतिशत तक की बढ़ोतरी हो सकती है।

केयरएज रेटिंग्स के डायरेक्टर हार्दिक शाह ने कहा कि लंबे समय तक अच्छा मुनाफा तभी संभव है, जब लागत कम हो, वैश्विक मांग और आपूर्ति संतुलित हो और जरूरत पड़ने पर सरकार का सहयोग मिले। खासकर चीन द्वारा बड़े पैमाने पर उत्पादन किए जाने से भारतीय कंपनियों को काफी समय से नुकसान उठाना पड़ा है।

रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत में पिछले कुछ वर्षों में पॉलीमर जैसे पॉलीप्रोपाइलीन (पीपी), हाई डेंसिटी पॉलीएथिलीन (एचडीपीई), लो डेंसिटी पॉलीएथिलीन (एलडीपीई), लीनियर लो डेंसिटी पॉलीइथिलीन (एलएलडीपीई), पॉलीविनाइल क्लोराइड (पीवीसी), एरोमैटिक्स और इलास्टोमर जैसे पेट्रोकेमिकल उत्पादों की खपत तेजी से बढ़ी है और आगे भी बढ़ने की उम्मीद है।

इस दौरान देश में उत्पादन क्षमता ज्यादा नहीं बढ़ पाई, जिससे घरेलू मांग को पूरा करने के लिए आयात पर ज्यादा निर्भर रहना पड़ा।

रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि पिछले कुछ वर्षों में दुनियाभर में पेट्रोकेमिकल उत्पादन काफी बढ़ा है, खासकर चीन में। लेकिन, मांग उस रफ्तार से नहीं बढ़ी, जिससे मांग और आपूर्ति में असंतुलन पैदा हुआ। इसका असर भारतीय कंपनियों के मुनाफे पर पड़ा, क्योंकि उन्हें सस्ते चीनी उत्पादों से मुकाबला करना पड़ा।

--आईएएनएस

डीबीपी/एबीएम

डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ न्यूज नेशन टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.

Advertisment