भारत की लॉजिस्टिक्स लागत में आएगी कमी, मालढुलाई में रेलवे का शेयर बढ़ेगा

भारत की लॉजिस्टिक्स लागत में आएगी कमी, मालढुलाई में रेलवे का शेयर बढ़ेगा

भारत की लॉजिस्टिक्स लागत में आएगी कमी, मालढुलाई में रेलवे का शेयर बढ़ेगा

author-image
IANS
New Update
India’s logistics cost to drop significantly, Railway’s freight share to rise

(source : IANS) ( Photo Credit : IANS)

नई दिल्ली, 26 दिसंबर (आईएएनएस)। भारत की लॉजिस्टिक्स लागत 2035 तक कम होकर 7-8 प्रतिशत रहने का अनुमान है, जो कि मौजूदा समय में जीडीपी का 13-14 प्रतिशत है। यह जानकारी शुक्रवार को जारी रिपोर्ट में दी गई।

Advertisment

रिपोर्ट के मुताबिक, भारत की लॉजिस्टिक्स लागत कम होने से देश की प्रतिस्पर्धात्मक क्षमता बढ़ेगी और निर्यात को बढ़ावा मिलेगा।

ग्रांट थॉर्नटन भारत की रिपोर्ट के मुताबिक, भारत के लॉजिस्टिक्स सेक्टर में 2025 में 48 डील्स हुई हैं, जिसमें 2024 की अपेक्षा 37 प्रतिशत का इजाफा देखने को मिला है। इस दौरान प्राइवेट इक्विटी और वेंचर कैपिटल निवेश बढ़कर 659 मिलियन डॉलर हो गया है। इसमें से ज्यादातर निवेश टेक आधारित और एसेट लाइट मॉडल्स पर हो रहा है।

रिपोर्ट में बताया गया कि भारत के ट्रांसपोर्टेशन और लॉजिस्टिक्स सेक्टर में बड़े सुधार देखने को मिले हैं और इन्फ्रास्ट्रक्चर में निवेश और डिजिटल एकीकरण बढ़ा है, जो दिखाता है कि सरकार का फोकस कनेक्टेड और प्रतिस्पर्धी प्रणाली बनाने पर है।

ग्रांट थॉर्नटन भारत की रिपोर्ट के अनुसार, भारत में मालढुलाई में सड़कों की हिस्सेदारी 2035 तक कम होकर 50 प्रतिशत हो सकती है, जो कि 2014 में केवल 72 प्रतिशत थी। दूसरी तरफ मालढुलाई में रेलवे की हिस्सेदारी 40 प्रतिशत हो सकती है।

ग्रांट थॉर्नटन भारत के पार्टनर और परिवहन एवं लॉजिस्टिक्स उद्योग प्रमुख भाविक वोरा ने कहा, “नीतिगत सुधारों, इन्फ्रास्ट्रक्चर के तेज निर्माण और बढ़ते डिजिटल एकीकरण के कारण भारत के परिवहन और लॉजिस्टिक्स क्षेत्र ने 2025 में संरचनात्मक परिवर्तन के एक चरण का अनुभव किया है।”

वोरा ने आगे कहा कि मल्टीमॉडल इन्फ्रास्ट्रक्चर और डिजिटल प्लेटफॉर्म में निवेश माल ढुलाई को नया आकार दे रहा है, जीएसटी सुधारों से लॉजिस्टिक्स इकोसिस्टम सुव्यवस्थित हो रहा है और अधिक कुशल, एकीकृत आपूर्ति श्रृंखलाओं की ओर बदलाव को मजबूती मिल रही है।

सरकार का लंबे समय का विजन भारत को 35 ऑपरेशनल एमएमएलपी, एआई-ड्रिवन शेड्यूलिंग और इंडो-पैसिफिक ट्रेड कॉरिडोर में गहरे एकीकरण के साथ एक डिजिटली सक्षम मल्टीमॉडल लॉजिस्टिक्स हब के रूप में स्थापित करता है।

रिपोर्ट में कहा गया कि यूनिफाइड लॉजिस्टिक्स इंटरफेस प्लेटफॉर्म अब 11 मंत्रालयों में 125 एपीआई को इंटीग्रेट करता है, जिससे रियल-टाइम डेटा एक्सचेंज संभव होता है और मुख्य इंटरचेंज पर रुकावट कम होती है।

चेन्नई, बेंगलुरु, नागपुर, इंदौर और जोगीघोपा में पांच मल्टीमॉडल लॉजिस्टिक्स पार्क एडवांस स्टेज में हैं, जो भारत के मॉडल शिफ्ट एजेंडा को मजबूत कर रहे हैं।

--आईएएनएस

एबीएस/

डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ न्यूज नेशन टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.

Advertisment