भारत का इनविट्स बाजार 2030 तक 3.5 गुना बढ़कर 258 अरब डॉलर का हो जाएगा : रिपोर्ट

भारत का इनविट्स बाजार 2030 तक 3.5 गुना बढ़कर 258 अरब डॉलर का हो जाएगा : रिपोर्ट

भारत का इनविट्स बाजार 2030 तक 3.5 गुना बढ़कर 258 अरब डॉलर का हो जाएगा : रिपोर्ट

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IANS
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India’s InvIT market poised to surge 3.5 times to $258 billion by 2030: Report

(source : IANS) ( Photo Credit : IANS)

नई दिल्ली, 19 अगस्त (आईएएनएस)। भारत में इन्फ्रास्ट्रक्चर इन्वेस्टमेंट ट्रस्ट्स (इनविट्स) का कुल एसेट अंडर मैनेजमेंट (एयूएम) वित्त वर्ष 2025 में 73 अरब डॉलर तक पहुंच गया है, जो बड़े पैमाने पर इन्फ्रास्ट्रक्चर निवेश के कारण है। मंगलवार को जारी एक रिपोर्ट के अनुसार, यह आंकड़ा 2030 तक 3.5 गुना बढ़कर 257.9 अरब डॉलर होने का अनुमान है।

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नाइट एंड फ्रैंक ने अपनी रिपोर्ट में कहा, संस्थागत निवेशकों से अधिक आवंटन, घरेलू पेंशन और बीमा फंडों की बढ़ती भागीदारी, विस्तारित विदेशी निवेश और खुदरा निवेशकों के बीच बढ़ती जागरूकता से इस वृद्धि को गति मिलेगी।

भारत एशिया में इन्फ्रास्ट्रक्चर इन्वेस्टमेंट ट्रस्ट्स और रियल एस्टेट इन्वेस्टमेंट ट्रस्ट्स (रीट्स) के लिए सबसे तेजी से बढ़ते गंतव्यों में से एक के रूप में उभरा है।

नाइट फ्रैंक इंडिया के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक शिशिर बैजल ने कहा, भारत का इनविट प्लेटफॉर्म एक परिवर्तनकारी विकास चरण की दहलीज पर है। आज 73 अरब डॉलर के एयूएम आधार से, हम 2030 तक 250-265 अरब डॉलर तक पहुंचने के लिए तैयार हैं, जो पांच वर्षों से भी कम समय में 3.5 गुना विस्तार को दर्शाता है।

बैजल ने आगे कहा कि इससे न केवल महत्वपूर्ण इंफ्रास्ट्रक्चर की फंडिंग में आने वाली कमियों को पाटा जा सकेगा, बल्कि भारत की विकास गाथा में घरेलू और वैश्विक पूंजी की भागीदारी के लिए नए रास्ते भी खुलेंगे।

हाल के वर्षों में भारत के इंफ्रास्ट्रक्चर में निवेश तेजी से बढ़ा है, जो परिसंपत्तियों के आधुनिकीकरण और दक्षता बढ़ाने की आवश्यकता से प्रेरित है। केंद्र और राज्य सरकारों ने महत्वपूर्ण पूंजीगत व्यय की प्रतिबद्धता जताई है, जिसमें केंद्र अग्रणी है।

रिपोर्ट में कहा गया है कि कोर इंफ्रास्ट्रक्चर पर केंद्र सरकार का खर्च वित्त वर्ष 2015 के 12 अरब डॉलर से बढ़कर वित्त वर्ष 2025 में 75 अरब डॉलर हो गया, जो 6.2 गुना वृद्धि है। इसी अवधि में यह जीडीपी के 0.6 प्रतिशत से बढ़कर 2.0 प्रतिशत हो गया, जो इंफ्रास्ट्रक्चर-आधारित विकास पर नीतिगत जोर को दर्शाता है।

भारत के 7 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर विकास महत्वपूर्ण होगा, जिसके लिए नाइट फ्रैंक का अनुमान है कि 2.2 ट्रिलियन डॉलर के निवेश की आवश्यकता होगी।

नाइट फ्रैंक इंडिया के कार्यकारी निदेशक - सरकार और इंफ्रास्ट्रक्चर सलाहकार, राजीव विजय ने आगे कहा, भारत के इनविट मार्केट का अगला अध्याय गहराई और विविधता पर केंद्रित होगा। संस्थागत निवेशक, विशेष रूप से सॉवरेन और ग्लोबल पेंशन फंड, पहले ही बाजार पर अपनी पकड़ बना चुके हैं।

उन्होंने आगे कहा कि अब चुनौती घरेलू दीर्घकालिक पूंजी के बड़े स्रोतों को पेश करना है, विशेष रूप से बीमा और पेंशन फंडों से, जहां वर्तमान निवेश केवल 3-5 प्रतिशत है।

रिपोर्ट के अनुसार, वैश्विक स्तर पर 1,000 से ज्यादा सार्वजनिक रूप से लिस्टेड रीट्स और इनविट्स हैं, जिन्हें मास्टर बिजनेस ट्रस्ट भी कहा जाता है और इनका संयुक्त बाजार पूंजीकरण लगभग 3 ट्रिलियन डॉलर है।

भारत में, वर्तमान में स्टॉक एक्सचेंज में पांच रीट्स और 17 इनविट्स लिस्टेड हैं, जिनका संयुक्त बाजार पूंजीकरण 33.2 बिलियन डॉलर है।

--आईएएनएस

एसकेटी/

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