2034 तक भारत की अति-धनाढ्य आबादी तेजी से बढ़ने की संभावना : रिपोर्ट

2034 तक भारत की अति-धनाढ्य आबादी तेजी से बढ़ने की संभावना : रिपोर्ट

2034 तक भारत की अति-धनाढ्य आबादी तेजी से बढ़ने की संभावना : रिपोर्ट

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IANS
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India's HNW and UHNW population set to grow 11–15 pc CAGR through 2034: Report

(source : IANS) ( Photo Credit : IANS)

नई दिल्ली, 24 जुलाई (आईएएनएस)। गुरुवार को जारी एक रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत की उच्च-निवल-मूल्य और अति-उच्च-निवल-मूल्य (एचएनडब्ल्यू और यूएचएनडब्ल्यू) आबादी 2034 तक 11-15 प्रतिशत चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर (सीएजीआर) से बढ़ेगी और वैश्विक लग्ज़री कंपनियों के लिए यह तेजी से एक उभरता बाजार बनता जा रहा है।

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बोस्टन कंसल्टिंग ग्रुप ने अपनी नवीनतम रिपोर्ट में कहा है कि जैसे-जैसे धन सृजन में तेजी आ रही है और युवा ब्रांड-जागरूक जनसांख्यिकी में वृद्धि हो रही है, अब ब्रांड स्थानीय स्तर पर गहन जुड़ाव के लिए मंच तैयार कर रहे हैं।

रिपोर्ट में जोर दिया गया है कि लग्ज़री का भविष्य शिल्प कौशल, निजीकरण और अंतरंग अनुभवों पर फिर से ध्यान केंद्रित करने में निहित है- खासकर भारत जैसे उभरते बाजारों में, जहां महत्वाकांक्षाएं तेजी से समृद्ध और समर्थित हो रही हैं।

हालांकि, रिपोर्ट में विलासिता बाजार में एक बुनियादी बदलाव का भी खुलासा किया गया है।

एक दशक से भी ज्यादा समय में पहली बार, व्यक्तिगत विलासिता वस्तुओं के बाजार में विकास की गति धीमी पड़ रही है, और 2025 में इसके स्थिर या थोड़े नकारात्मक प्रदर्शन की उम्मीद है।

आकांक्षी उपभोक्ता- जो कई लोगों के लिए विलासिता की दुनिया में प्रवेश का बिंदु हैं, पीछे हट रहे हैं। जबकि रिपोर्ट में इस बात पर जोर दिया गया है कि शीर्ष-स्तरीय ग्राहक (टॉप टियर क्लाइंट्स) दीर्घकालिक मूल्य के प्रमुख वाहक बनने की पुष्टि कर रहे हैं।

रिपोर्ट के अनुसार, वैश्विक विलासिता बाजार एक महत्वपूर्ण मोड़ पर है - जहां आकांक्षी उपभोक्ता पीछे हट रहे हैं, वहीं शीर्ष-स्तरीय ग्राहक, जो आबादी का केवल 0.1 प्रतिशत हैं, सभी विलासिता खर्च का 23 प्रतिशत हिस्सा चला रहे हैं।

आकांक्षी खरीदार, जो कभी लग्ज़री बाजार के 70 प्रतिशत हिस्से पर कब्ज़ा जमाए हुए थे, अब पीछे छूट गए हैं।

रिपोर्ट में कहा गया है कि सामर्थ्य संबंधी चिंताओं के बढ़ने के कारण उनकी हिस्सेदारी लगभग 15 प्रतिशत कम हो गई है।

रिपोर्ट के अनुसार, लग्ज़री कभी गिने-चुने लोगों का क्षेत्र हुआ करता था, लेकिन विस्तार की होड़ में, उद्योग के एक बड़े हिस्से ने स्थिरता के लिए एक्सक्लूसिविटी का व्यापार करना शुरू कर दिया।

इस सबके साथ सबसे मज़बूत ब्रांड वे हैं जो शीर्ष-स्तरीय ग्राहकों(टॉप टियर क्लाइंट्स) पर केंद्रित हैं। ऐसे ग्राहक जो लग्जरी पर औसतन 355 यूरो प्रति वर्ष खर्च करते हैं।

रिपोर्ट में इस बात पर जोर दिया गया है कि एक मज़बूत लग्जरी उद्योग का निर्माण करने का मतलब है, उस स्थिति में वापस लौटना जिसने इसे शुरू में असाधारण बनाया था, खासकर शीर्ष-स्तरीय ग्राहकों के लिए।

--आईएएनएस

जीकेटी/

डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ न्यूज नेशन टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.

      
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