बेंगलुरु, 19 जून (आईएएनएल)। भारत में हाई-एक्टिविटी वाले माइक्रो ऑफिस मार्केट्स में कम से कम 1 मिलियन वर्ग फीट की औसत वार्षिक मांग और आपूर्ति होने की संभावना है और यह अगले कुछ वर्षों में सामूहिक रूप से ऑफिस स्पेस की मांग और नई आपूर्ति में 80 प्रतिशत का योगदान देंगे। गुरुवार को जारी हुई एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई।
कोलियर्स के आंकड़ों के अनुसार, देश के शीर्ष सात शहरों में हाई-एक्टिविटी वाले माइक्रो ऑफिस में 2020 से लगातार उच्च मांग और आपूर्ति देखी जा रही है। इनमें से चार हाई-एक्टिविटी वाले माइक्रो मार्केट्स बेंगलुरु में, दिल्ली-एनसीआर और पुणे में तीन-तीन, चेन्नई और हैदराबाद में दो-दो और मुंबई में एक है।
रिपोर्ट में बताया गया, यह माइक्रो मार्केट सेकेंडरी और पेरीफेरल बिजनेस डिस्ट्रिक्ट में फैले हुए हैं और शहर के विस्तार, चल रहे इन्फ्रास्ट्रक्चर के विकास और विकसित होते कार्य मॉडल के बीच अगले कुछ वर्षों में भारत के ऑफिस मार्केट को संचालित करना जारी रखेंगे।
भारत में कोलियर्स के ऑफिस सर्विसेज के प्रबंध निदेशक अर्पित मेहरोत्रा ने कहा, भारत का ऑफिस बाजार 15-20 हाई-एक्टिविटी वाले माइक्रो मार्केट्स के नेतृत्व में स्थिर मजबूत वृद्धि के लिए तैयार है। हालांकि इनमें से कुछ माइक्रो मार्केट्स पहले से ही बड़े कमर्शियल रियल एस्टेट केंद्र हैं, लेकिन उभरते माइक्रो मार्केट्स संभावित रूप से आगे बढ़ सकते हैं।
2020 से अब तक शीर्ष सात भारतीय शहरों में कुल 38 मिलियन वर्ग फीट फ्लेक्स स्पेस लीजिंग में से 59 प्रतिशत शीर्ष 10 माइक्रो मार्केट्स से संबंधित है। इनमें से एसबीडी-हैदराबाद, ओआरआर-बेंगलुरु और बानेर-बालेवाड़ी, पुणे ने भारत के फ्लेक्स स्पेस की कुल खपत में लगभग एक तिहाई हिस्सा हासिल किया है।
रिपोर्ट के अनुसार, हालांकि भारत के अधिकांश माइक्रो मार्केट में महामारी से पहले के स्तर की तुलना में किराये में वृद्धि देखी गई है, लेकिन मुंबई और दिल्ली-एनसीआर के चुनिंदा माइक्रो मार्केट औसत किराये के मामले में आगे बने हुए हैं। भारत में आरईआईटी योग्य 488 मिलियन वर्ग फीट ऑफिस स्टॉक में से 56 प्रतिशत शीर्ष 10 माइक्रो मार्केट में है।
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