मजबूत घरेलू खपत और सरकारी खर्च के बीच वित्त वर्ष 2026 में भारत की वृद्धि दर मजबूत बनी रहेगी : रिपोर्ट

मजबूत घरेलू खपत और सरकारी खर्च के बीच वित्त वर्ष 2026 में भारत की वृद्धि दर मजबूत बनी रहेगी : रिपोर्ट

मजबूत घरेलू खपत और सरकारी खर्च के बीच वित्त वर्ष 2026 में भारत की वृद्धि दर मजबूत बनी रहेगी : रिपोर्ट

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IANS
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India’s growth to remain healthy in FY26 amid robust domestic consumption, govt spending

(source : IANS) ( Photo Credit : IANS)

नई दिल्ली, 1 सितंबर (आईएएनएस)। अमेरिकी टैरिफ और वैश्विक अर्थव्यवस्था की धीमी गति के कारण नकारात्मक जोखिमों के बावजूद, मजबूत घरेलू निजी खपत और सहायक सरकारी खर्च की उम्मीदों को देखते हुए भारत की वृद्धि दर मजबूत बनी रहेगी। यह जानकारी सोमवार को आई एक रिपोर्ट में दी गई।

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क्रिसिल के अनुसार, वित्त वर्ष 2026 में निजी खपत जीडीपी वृद्धि का मुख्य चालक बनने की ओर अग्रसर है।

क्रिसिल का अनुमान है कि इस वित्त वर्ष में जीडीपी में 6.5 प्रतिशत की वृद्धि होगी, जिसमें कुछ गिरावट के जोखिम भी हैं।

रिपोर्ट का मानना ​​है कि चार प्रमुख कारक भारत में निजी खपत को बढ़ावा देंगे।

क्रिसिल की रिपोर्ट में कहा गया है, एक अच्छा मानसून कृषि क्षेत्र और ग्रामीण आय को बढ़ावा देगा। 28 अगस्त तक मानसून की प्रगति अच्छी रही है, जो दीर्घावधि औसत का 106 प्रतिशत है। 22 अगस्त तक खरीफ की बुवाई पिछले वर्ष की तुलना में 3.4 प्रतिशत अधिक है।

अनुकूल मानसून के कारण कृषि उत्पादन में तेजी से वृद्धि से खाद्य मुद्रास्फीति को नियंत्रण में रखने में मदद मिलेगी, जिससे घरेलू बजट में विवेकाधीन खर्चों के लिए जगह बनेगी।

इस वित्त वर्ष (अप्रैल-जुलाई औसत) में अब तक मुद्रास्फीति पिछले वित्त वर्ष के 4.6 प्रतिशत की तुलना में काफी कम होकर 2.4 प्रतिशत पर आ गई है।

रिपोर्ट में कहा गया है, आरबीआई द्वारा 2025 में अब तक रेपो दर में 100 आधार अंकों की कटौती और नकद आरक्षित अनुपात (सीआरआर) में सितंबर और दिसंबर के बीच चार चरणों में की जाने वाली कटौती से शहरी क्षेत्र में खपत को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है।

बैंक ऋण और जमा दरों में कटौती का लाभ मिल रहा है। आयकर में राहत के रूप में राजकोषीय नीति समर्थन और प्रमुख ग्रामीण योजनाओं पर अपेक्षित खर्च में वृद्धि से भी निजी खपत को बढ़ावा मिलेगा। सरकार ने नई कर व्यवस्था के तहत आयकर दरों में कमी की है, जिससे मध्यम वर्ग की प्रयोज्य आय में वृद्धि होगी।

वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) संरचना में प्रस्तावित बदलाव, जो कुछ उपभोक्ता क्षेत्रों में कर को कम कर सकता है, इस वित्त वर्ष में विकास को भी बढ़ावा दे सकता है, यह इस बात पर निर्भर करेगा कि प्रस्तावित बदलाव कब लागू होते हैं।

हालांकि, रिपोर्ट में बताया गया है कि अभी इसके प्रभाव का आकलन करना जल्दबाजी होगी क्योंकि बदलावों को अभी अंतिम रूप दिया जाना बाकी है।

वित्त वर्ष 2026 की पहली तिमाही में भारत की रियल जीडीपी वृद्धि दर पांच तिमाहियों के उच्चतम स्तर 7.8 प्रतिशत पर रही।

उच्च आधार प्रभाव के बावजूद घरेलू निजी उपभोग वृद्धि मजबूत रही, जिससे विनिर्माण और सेवा क्षेत्र दोनों को बढ़ावा मिला। पहली तिमाही में उच्च सरकारी खर्च ने सरकारी उपभोग व्यय में तीव्र वृद्धि और स्थिर निवेश वृद्धि में योगदान दिया।

रिपोर्ट में कहा गया है कि उच्च अमेरिकी टैरिफ की प्रत्याशा में निर्यातित वस्तुओं की फ्रंट-लोडिंग से निर्यात वृद्धि को बढ़ावा मिला।

--आईएएनएस

एसकेटी/

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