चालू वित्त वर्ष में जीडीपी ग्रोथ रेट 7.5 प्रतिशत रहने का अनुमान : रिपोर्ट

चालू वित्त वर्ष में जीडीपी ग्रोथ रेट 7.5 प्रतिशत रहने का अनुमान : रिपोर्ट

चालू वित्त वर्ष में जीडीपी ग्रोथ रेट 7.5 प्रतिशत रहने का अनुमान : रिपोर्ट

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IANS
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India’s FY26 GDP growth expected to be at 7.5 per cent

(source : IANS) ( Photo Credit : IANS)

नई दिल्ली, 17 दिसंबर (आईएएनएस)। भारत के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर मौजूदा वित्तीय वर्ष वित्त वर्ष 2026 में 7.5 प्रतिशत रह सकती है। वहीं वित्त वर्ष 2027 में यह लगभग 7 प्रतिशत रहने का अनुमान है। इसकी मुख्य वजह देश के अंदर मजबूत मांग और अर्थव्यवस्था की स्थिर स्थिति है। यह जानकारी बुधवार को जारी एक रिपोर्ट में दी गई।

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केयरएज रेटिंग्स की रिपोर्ट के मुताबिक, इस बीच महंगाई के नियंत्रण में रहने की उम्मीद है। वित्त वर्ष 2026 में औसत सीपीआई महंगाई करीब 2.1 प्रतिशत रह सकती है, जबकि इसके बाद वित्त वर्ष 2027 में यह सामान्य होकर करीब 4 प्रतिशत के आसपास आ सकती है।

रिपोर्ट के अनुसार, भारत का चालू खाता घाटा (सीएडी) वित्त वर्ष 2026 और 2027, दोनों में जीडीपी का लगभग 1 प्रतिशत रहने की संभावना है।

रेटिंग एजेंसी का कहना है कि केंद्र सरकार वित्त वर्ष 2026 में 4.4 प्रतिशत के राजकोषीय घाटे के लक्ष्य को पूरा कर लेगी। इसके बाद वित्त वर्ष 2027 में यह घटकर 4.2 से 4.3 प्रतिशत तक आ सकता है।

रिपोर्ट में कहा गया है कि वित्त वर्ष 2026 के अंत तक 10 साल के सरकारी बॉन्ड की यील्ड 6.4 से 6.6 प्रतिशत की सीमा में रहने की उम्मीद है, जबकि वित्त वर्ष 2027 के अंत तक डॉलर के मुकाबले रुपया 89 से 90 के आसपास रह सकता है।

केयरएज रेटिंग्स की मुख्य अर्थशास्त्री रजनी सिन्हा ने कहा कि वित्त वर्ष 2027 की ओर बढ़ते हुए भारत की आर्थिक स्थिति मजबूत और सकारात्मक बनी हुई है।

उन्होंने कहा कि भले ही दुनिया में कुछ आर्थिक अनिश्चितताएं बनी रहें, फिर भी भारत की अर्थव्यवस्था वित्त वर्ष 2027 में 7 प्रतिशत की अच्छी वृद्धि दर्ज कर सकती है।

उन्होंने आगे कहा कि कम महंगाई, कम ब्याज दरें और कम टैक्स बोझ जैसे कारक विकास की गति को बल देंगे। इसके अलावा, अगर भारत और अमेरिका के बीच व्यापार समझौता होता है, तो इससे विकास को और बढ़ावा मिल सकता है। भारत में पूंजीगत निवेश में धीरे-धीरे सुधार के संकेत दिख रहे हैं।

रिपोर्ट के अनुसार, विदेशी निवेशक भारत की विकास संभावनाओं को गंभीरता से देख रहे हैं। इसका असर प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) में बढ़ोतरी के रूप में दिख रहा है। खासतौर पर इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी), नवीकरणीय ऊर्जा, इलेक्ट्रॉनिक्स, डेटा सेंटर और एआई जैसे नए क्षेत्रों में निवेश बढ़ा है। साथ ही नया श्रम कानून जैसे सुधार घरेलू और विदेशी निवेशकों का भरोसा और मजबूत करेंगे।

रिपोर्ट के अनुसार, वैश्विक आर्थिक परिस्थितियां अभी भी चुनौतीपूर्ण हैं और दुनिया की आर्थिक वृद्धि कोरोना से पहले के स्तर से नीचे ही रहने की उम्मीद है। इसके बावजूद, भारत की आर्थिक वृद्धि अन्य देशों के मुकाबले बेहतर बनी रहने की संभावना है।

--आईएएनएस

दुर्गेश बहादुर/एबीएस

डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ न्यूज नेशन टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.

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