नई दिल्ली, 3 जून (आईएएनएस)। वैश्विक अर्थव्यवस्था के धीमेपन के बीच भारत की अर्थव्यवस्था तेजी से आगे बढ़ रही है। ओईसीडी के ताजा इकोनॉमिक आउटलुक में मंगलवार को कहा गया कि देश की अर्थव्यवस्था 2025 में 6.3 प्रतिशत और 2026 में 6.4 प्रतिशत की दर से बढ़ेगी।
रिपोर्ट में बताया गया कि मजबूत घरेलू मांग, सर्विसेज और मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर्स का मजबूत प्रदर्शन और सरकार द्वारा इन्फ्रास्ट्रक्चर में भारी निवेश के कारण देश की अर्थव्यवस्था तेजी से आगे बढ़ रही है।
रिपोर्ट में यह भी चेतावनी दी गई है कि बाहरी जोखिम, विशेष रूप से वैश्विक व्यापार तनाव, निर्यात केंद्रित क्षेत्रों के लिए चिंता पैदा कर सकता है।
एक तरफ भारत की वृद्धि दर में इजाफा हो रहा है। वहीं, दूसरी ओर चीन की विकास दर कम हो रही है। चीन की वृद्धि दर 2025 में 4.7 प्रतिशत और 2026 में 4.3 प्रतिशत रहने का अनुमान है, जो कि 2024 में 5 प्रतिशत थी।
आउटलुक में बताया गया कि वैश्विक वृद्धि दर 2024 में 3.3 प्रतिशत से घटकर 2025 और 2026 दोनों में 2.9 प्रतिशत रहने का अनुमान है।
रिपोर्ट में कहा गया है, मंदी सबसे अधिक अमेरिका, कनाडा, मैक्सिको और चीन में केंद्रित होने की उम्मीद है, जबकि अन्य अर्थव्यवस्थाओं में नीचे की ओर छोटे समायोजन होंगे।
अमेरिका में जीडीपी वृद्धि 2024 में 2.8 प्रतिशत से घटकर 2025 में 1.6 प्रतिशत और 2026 में 1.5 प्रतिशत होने का अनुमान है।
कुछ अर्थव्यवस्थाओं में मुद्रास्फीति का दबाव फिर से उभर आया है। टैरिफ बढ़ाने वाले देशों में उच्च व्यापार लागत से मुद्रास्फीति में और वृद्धि होने की उम्मीद है, हालांकि इसका प्रभाव कमजोर कमोडिटी कीमतों से आंशिक रूप से कम हो जाएगा।
जी20 अर्थव्यवस्थाओं में वार्षिक हेडलाइन मुद्रास्फीति सामूहिक रूप से 2025 में 6.2 प्रतिशत से 3.6 प्रतिशत और 2026 में 3.2 प्रतिशत तक कम होने की उम्मीद है।
ओईसीडी के महासचिव मैथियास कॉर्मन ने एक बयान में कहा, वैश्विक अर्थव्यवस्था मजबूत वृद्धि और घटती मुद्रास्फीति के दौर से अधिक अनिश्चिता के रास्ते पर चली गई है।
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