भारत का ई-कॉमर्स उद्योग इस त्योहारी सीजन में 1.15 लाख करोड़ रुपए का जीएमवी करेगा उत्पन्न : रिपोर्ट

भारत का ई-कॉमर्स उद्योग इस त्योहारी सीजन में 1.15 लाख करोड़ रुपए का जीएमवी करेगा उत्पन्न : रिपोर्ट

भारत का ई-कॉमर्स उद्योग इस त्योहारी सीजन में 1.15 लाख करोड़ रुपए का जीएमवी करेगा उत्पन्न : रिपोर्ट

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IANS
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India's e-commerce industry projected to generate Rs 1.15 crore this festive season

(source : IANS) ( Photo Credit : IANS)

नई दिल्ली, 27 अगस्त (आईएएनएस)। एक लेटेस्ट रिपोर्ट के अनुसार, भारत का ई-कॉमर्स उद्योग इस त्योहारी सीजन में 1.15 लाख करोड़ रुपए से अधिक का सकल व्यापारिक मूल्य (जीएमवी) उत्पन्न कर सकता है। उद्योग के सालाना आधार पर 20-25 प्रतिशत की दर से बढ़ने की उम्मीद है, जो पिछले वर्ष की तुलना में लगभग दोगुना है।

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रेडसीर स्ट्रैटेजी कंसल्टेंट्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, रेपो दर में कटौती, बढ़ी हुई प्रयोज्य आय, ग्रामीण समृद्धि में वृद्धि और फैशन, घरेलू सामान और उपकरणों जैसी श्रेणियों में दबी हुई मांग जैसे कारक भारत की त्योहारी अर्थव्यवस्था को इस साल अपने सबसे सफल दौर के लिए तैयार करने में मदद कर रहे हैं।

रेडसीर का अनुमान है कि भारत का ई-कॉमर्स उद्योग, जो इस त्योहारी सीजन का सबसे बड़ा लाभार्थी होगा, त्योहारों के अनुकूल परिस्थितियों के कारण 2025 में 17-22 प्रतिशत की वृद्धि के साथ समाप्त होगा, जो तीन वर्षों में सबसे अधिक है।

व्यवसायों को मांग में डुअल पीक के लिए तैयार रहना चाहिए। पहला छुट्टियों के सीजन और दूसरा दिवाली के बाद, जब जीएसटी का पूरा प्रभाव महसूस होगा।

प्री-फेस्टिव ग्रोथ क्विक कॉमर्स के लिए 150 प्रतिशत और वैल्यू कॉमर्स के लिए 30 से 35 प्रतिशत की वृद्धि के साथ, ये दो तरह के कॉमर्स ग्राहकों के खरीदारी के तरीके में बदलाव ला रहे हैं।

रेडसीर के अनुसार, इन दोनों को मिलाकर, महानगरों के बाहर त्योहारों में भागीदारी बढ़ेगी और टियर-2 तथा टियर-3 बाजारों तक और गहराई से पहुंच बनेगी।

वृहद आर्थिक लाभ, रेपो दर में कटौती के कारण उधार लेने की लागत में कमी, कर-मुक्त आय सीमा में 12 लाख रुपए की वृद्धि और बेहतर पैदावार और मजदूरी के कारण पिछले चार वर्षों में ग्रामीण परिवारों की आय में 12 प्रतिशत की वृद्धि के साथ स्पष्ट हैं।

रिपोर्ट में अनुमान लगाया गया है कि जीएसटी रेशनलाइजेशन इस वर्ष एक प्रमुख संरचनात्मक चालक होगा।

दिवाली तक, स्लैब संभवतः घटकर केवल 5 प्रतिशत और 18 प्रतिशत रह जाएंगे, जिससे वस्तुओं की लागत कम होगी और अनुपालन में वृद्धि होगी।

रिपोर्ट के अनुसार, वर्ष के अंत में उपभोग पर समग्र प्रभाव सकारात्मक रहेगा, हालांकि समय-सीमा की अनिश्चितता के कारण कुछ महंगी खरीदारी स्थगित करनी पड़ सकती है।

फैशन, ब्यूटी एंड पर्सनल केयर और घरेलू सामान, सभी में 20 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि जारी रहेगी।

तेज कॉमर्स के बल पर, किराने का सामान 80-90 प्रतिशत की वृद्धि के साथ बेहतर प्रदर्शन करेगा, जबकि मोबाइल और इलेक्ट्रॉनिक्स में त्योहारी वृद्धि देखी जाएगी।

रिपोर्ट के अनुसार, वर्टिकल और विशिष्ट प्लेटफॉर्म के बढ़ने के बावजूद, त्योहारी बिक्री में दो-तिहाई हिस्सा हॉरिजॉन्टल प्लेटफॉर्म का ही रहने का अनुमान है।

--आईएएनएस

एसकेटी/

डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ न्यूज नेशन टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.

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