भारत का केमिकल सेक्टर 2040 तक 1 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंच सकता है : नीति आयोग

भारत का केमिकल सेक्टर 2040 तक 1 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंच सकता है : नीति आयोग

भारत का केमिकल सेक्टर 2040 तक 1 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंच सकता है : नीति आयोग

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IANS
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India’s chemical sector can reach $1 trillion by 2040, create 7 lakh jobs by 2030: NITI Aayog

(source : IANS) ( Photo Credit : IANS)

नई दिल्ली, 3 जुलाई (आईएएनएस)। नीति आयोग की एक रिपोर्ट में गुरुवार को कहा गया कि लक्षित सुधारों से 2040 तक भारत का केमिकल सेक्टर 1 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंच जाएगा और वैश्विक मूल्य श्रृंखला (जीवीसी) में 12 प्रतिशत की हिस्सेदारी हासिल कर लेगा।

वर्तमान में वैश्विक केमिकल मूल्य श्रृंखलाओं में भारत की हिस्सेदारी 3.5 प्रतिशत है और 2023 में देश का केमिकल व्यापार घाटा 31 बिलियन डॉलर था। इसकी वजह आयातित फीडस्टॉक और विशेष केमिकल पर उच्च निर्भरता होना है।

नीति आयोग ने रिपोर्ट में कहा कि 2030 के लिए विजन यह है कि भारत वैश्विक केमिकल मूल्य श्रृंखला में 5-6 प्रतिशत हिस्सेदारी के साथ वैश्विक केमिकल मैन्युफैक्चरिंग में महाशक्ति बन जाए।

नीति आयोग के सीईओ बीवीआर सुब्रह्मण्यम ने कहा कि केमिकल सेक्टर देश के कई पारंपरिक उद्योगों से कहीं बड़ा है और इसका लाभ उठाने का यही समय है।

उन्होंने लोगों को संबोधित करते हुए कहा, हम केमिकल के एक प्रमुख उत्पादक हैं। यह एक तेजी से बढ़ता हुआ सेक्टर है। जैविक और अजैविक दोनों प्रकार के केमिकल हमारे जीवन का अहम हिस्सा हैं। हम कुछ भी करते हैं तो यह उसमें मौजूद होते हैं

इस सेक्टर का लक्ष्य अपने वर्तमान उत्पादन स्तर को दोगुना करना और 2023 में व्यापार घाटे को 31 बिलियन डॉलर से काफी कम करके केमिकलों में नेट जीरो व्यापार संतुलन तक पहुंचना है।

रिपोर्ट में कहा गया है कि इस पहल से 35-40 बिलियन डॉलर का अतिरिक्त निर्यात होगा, जिससे लगभग 7 लाख नौकरियां पैदा होंगी।

केमिकल सेक्टर की रणनीतिक अहमियत पर जोर देते हुए नीति आयोग के वरिष्ठ अधिकारी डॉ अरविंद विरमानी ने कहा कि इस सेक्टर के लिए एक राष्ट्रीय नीति की जरूरत है, क्योंकि हथियार निर्माण से लेकर एक्सपोर्ट क्लस्टर तक की जिम्मेदारी राज्यों की नहीं, बल्कि केंद्र की होती है।

उन्होंने आगे कहा कि भारत में जो भी बड़े केमिकल क्लस्टर हैं, वे अधिकतर तटीय राज्यों में स्थापित हैं, क्योंकि पेट्रोकेमिकल्स और उससे जुड़ी वैल्यू चेन आमतौर पर समुद्री बंदरगाहों के नजदीक बेहतर काम करती है।

इन क्लस्टर्स की मदद से रॉ मैटीरियल की कॉस्ट कम होती है और लॉजिस्टिक्स कुशल बनती है। इस कारण सात से आठ बड़े कोस्टल क्लस्टर्स की पहचान की गई है। इन प्रयासों से भारत न केवल अपने घरेलू उत्पादन को बढ़ावा देगा, बल्कि केमिकल एक्सपोर्ट के क्षेत्र में भी वैश्विक प्रतिस्पर्धा में मजबूती से उतर सकेगा।

रिपोर्ट के मुताबिक, राजकोषीय और गैर-राजकोषीय हस्तक्षेपों की एक व्यापक श्रेणी के लक्षित सुधारों से भारत का केमिकल सेक्टर 2040 तक 1 ट्रिलियन डॉलर के लक्ष्य को प्राप्त कर सकता है।

--आईएएनएस

एबीएस/

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