'बायोटेक्नोलॉजी' चौथी औद्योगिक क्रांति में भारत के विकास की प्रमुख वाहक बन गई है : जितेंद्र सिंह

'बायोटेक्नोलॉजी' चौथी औद्योगिक क्रांति में भारत के विकास की प्रमुख वाहक बन गई है : जितेंद्र सिंह

'बायोटेक्नोलॉजी' चौथी औद्योगिक क्रांति में भारत के विकास की प्रमुख वाहक बन गई है : जितेंद्र सिंह

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IANS
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India’s bioeconomy likely to reach $300 billion in coming years: Dr Jitendra Singh

(source : IANS) ( Photo Credit : IANS)

नई दिल्ली, 10 नवंबर (आईएएनएस)। केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) जितेंद्र सिंह ने सोमवार को कहा कि भारत बायोटेक्नोलॉजी, मेडिकल रिसर्च, एग्रीकल्चर और डेटा-ड्रिवन साइंस के फील्ड में सहयोग की ओर बढ़ रहे हैं।

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बायोटेक्नोलॉजी रिसर्च एंड इनोवेशन काउंसिल (बीआरआईसी) के दूसरे स्थापना दिवस समारोह में डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा,बीआरआईसी न केवल दूसरे साइंस डिपार्टमेंट के साथ पार्टनरशिप कर रहा है बल्कि आईआईटी, मेडिकल संस्थान और प्राइवेट इंडस्ट्री के साथ भी इनोवेशन को बढ़ावा देते हुए सहयोग बढ़ रहा है।

केंद्रीय मंत्री ने भारत उन कुछ देशों में शामिल है, जिसके पास एक्सक्लूसिव डेडिकेटेड बायोटेक्नोलॉजी पॉलिसी बीआईओई3 मौजूद है। उन्होंने बायोटेक्नोलॉजी डिपार्टमेंट की भारत सरकार के सबसे डायनैमिक और इंटीग्रेटेड साइंटिफिक इकोसिस्टम में से एक के रूप में उभरने की सराहना की।

इसके अलावा, केंद्रीय मंत्री सिंह ने बीआरआईसी-बीआईआरएसी ईआईआर प्रोग्राम को भी लॉन्च किया। उन्होंने कहा की पीएम मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में 14

ऑटोनोमस बायोटेक्नोलॉजी संस्थानों को एक सिंगल अंब्रेला- बीआरआईसी के तहत विलय का फैसला एक परिवर्तनकारी सुधार था।

केंद्रीय मंत्री ने डीबीटी और बीआरआसी संस्थानों को लेकर कहा कि भारतीय बायोटेक स्टार्टअप सरकारी योजनाओं और बायो-इकोनॉमी मिशन के सहयोग से देश की जीडीपी में अपना योगदान दर्ज करवा रहे हैं।

केंद्रीय मंत्री के अनुसार, वैश्विक आर्थिक विकास का अगला चरण बायोटेक्नोलॉजी से संचालित होगा, जहां भारत एक फॉलोअर न होकर लीडर की भूमिका में होगा।

उन्होंने कहा, भारत की बायोइकोनॉमी तेजी से बढ़ते हुए 10 अरब डॉलर से 130 अरब डॉलर की हो गई है। इसी के साथ आने वाले वर्षों में इसके 300 अरब डॉलर तक पहुंचने का अनुमान है।

केंद्रीय मंत्री सिंह ने बीआरआईसी और बीआईआरएसी को सार्वजनिक-निजी भागीदारी (पीपीपी) मॉडल का बेहतरीन उदाहरण बताया। उन्होंने कहा कि ब्रिक और बीआईआरएसी ग्लोबल फोरम में भी मानक बन गए हैं।

उन्होंने ट्रांसलेशनल रिसर्च में भारत की प्रगति पर प्रकाश डालते हुए एडवांस बायोसेफ्टी फैसिलिटी की स्थापना हीमोफीलिया जीन थेरेपी में सफलता और बायोटेक्नोलॉजी में भारत की बढ़ती ग्लोबल रैंकिंग को लेकर जानकारी दी।

--आईएएनएस

एसकेटी/

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