भारत का बैंकिंग सेक्टर मजबूत प्रदर्शन के लिए तैयार, क्रेडिट ग्रोथ 12 प्रतिशत से अधिक रहने का अनुमान

भारत का बैंकिंग सेक्टर मजबूत प्रदर्शन के लिए तैयार, क्रेडिट ग्रोथ 12 प्रतिशत से अधिक रहने का अनुमान

भारत का बैंकिंग सेक्टर मजबूत प्रदर्शन के लिए तैयार, क्रेडिट ग्रोथ 12 प्रतिशत से अधिक रहने का अनुमान

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IANS
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India’s banking sector poised for stronger performance: Report

(source : IANS) ( Photo Credit : IANS)

मुंबई, 27 नवंबर (आईएएनएस)। भारतीय बैंकिंग इंडस्ट्री वित्त वर्ष 26 की दूसरी छमाही में मजबूत प्रदर्शन के लिए तैयार है। इसे अच्छे आर्थिक माहौल, कम होती ब्याज दरें और खपत में सुधार का फायदा मिलेगा। यह जानकारी गुरुवार को जारी हुई एक रिपोर्ट में दी गई।

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रिपोर्ट में कहा गया कि वित्त वर्ष 26 में बैंकिंग क्रेडिट सालाना आधार पर 11.5-12.5 प्रतिशत की दर से बढ़ने की उम्मीद है। इसे रिटेल और एमएसएमई सेगमेंट की ओर से बढ़ी हुई क्रेडिट मांग का फायदा मिलेगा। वहीं, कंपनियों की ओर से पूंजी जुटाने के लिए बॉन्ड मार्केट से बैंकों की तरफ शिफ्ट होने से कॉरपोरेट क्रेडिट में उछाल देखने को मिल सकता है।

हालांकि, अभी भी डिपॉजिट ग्रोथ लोन ग्रोथ से अधिक रहने का अनुमान है और क्रेडिट-टू-डिपाॉजिट रेश्यो 80 प्रतिशत के करीब रहने का अनुमान है।

रिपोर्ट में आगे कहा गया कि नेट इंटरेस्ट मार्जिन (एनआईएम) चालू वित्त वर्ष की दूसरी छमाही में स्थिर रहने की उम्मीद है। वित्त वर्ष की दूसरी छमाही में बैंकों का मुख्य फोकस आय और परिचालन दक्षता पर होगा और इसे सीआरआर में कटौती, ब्याज दरों के स्थिर होने और लिक्विडिटी में बढ़त से सपोर्ट मिलेगा।

वित्त वर्ष 2021 से एनबीएफसी के एयूएम में 1.7 गुना से अधिक की वृद्धि देखी गई है और एयूएम में खुदरा क्षेत्र की हिस्सेदारी वित्त वर्ष 2021 के 49 प्रतिशत से लगातार बढ़कर वित्त वर्ष 2025 में 56 प्रतिशत हो गई है। खुदरा क्षेत्र विशेष रूप से असुरक्षित क्षेत्र में मंदी के बावजूद इन्फ्रा-फाइनेंसिंग एनबीएफसी के मजबूत प्रदर्शन के कारण एनबीएफसी की समग्र परिसंपत्ति गुणवत्ता में सुधार हो रहा है।

रिपोर्ट में बताया गया कि वित्त वर्ष 25 में गोल्ड लोन के क्रेडिट में 30 प्रतिशत की मजबूत बढ़त देखने को मिली थी। वित्त वर्ष 26 में इसके 35 प्रतिशत पर रहने का अनुमान है। इसे मजबूत सोने की कीमतों और एलटीवी नियमों से फायदा मिलने की उम्मीद है।

केयरएज रेटिंग्स के कार्यकारी निदेशक सचिन गुप्ता ने कहा कि बैंकिंग उद्योग ने लचीलापन दिखाया है और एनपीए) खासकर सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में अब अपने निम्नतम स्तर पर हैं।

उन्होंने कहा, हालांकि बैंकिंग क्रेडिट ऑफटेक धीमा बना हुआ है, फिर भी इसमें कुछ सुधार हुआ है। इसके विपरीत, एनबीएफसी ने लोन ग्रोथ में बैंकों से बेहतर प्रदर्शन किया है, जिसे परिसंपत्ति गुणवत्ता में समग्र सुधार का समर्थन प्राप्त है।

--आईएएनएस

एबीएस/

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