पीएम मोदी के कार्यकाल में बीते 11 वर्षों में भारत में औसत महंगाई दर 3 प्रतिशत कम हुई

पीएम मोदी के कार्यकाल में बीते 11 वर्षों में भारत में औसत महंगाई दर 3 प्रतिशत कम हुई

पीएम मोदी के कार्यकाल में बीते 11 वर्षों में भारत में औसत महंगाई दर 3 प्रतिशत कम हुई

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IANS
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Kolkata: People are buying vegetables at a market

(source : IANS) ( Photo Credit : IANS)

नई दिल्ली, 15 जुलाई (आईएएनएस)। भारत में खुदरा महंगाई दर बीते 11 वर्षों में 5 प्रतिशत के आसपास रही है, लेकिन हाल के महीनों में इसमें तेज गिरावट दर्ज की गई और जून 2025 में यह गिरकर 2.1 प्रतिशत पर आ गई है।

वित्त मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यकाल में औसत महंगाई दर 5.1 प्रतिशत रही है, जो कि यूपीए के कार्यकाल में 8.1 प्रतिशत थी।

आधिकारिक डेटा के मुताबिक, कांग्रेस के नेतृत्व वाले यूपीए के कार्यकाल में जनवरी 2012 से लेकर अप्रैल 2014 तक के 28 महीनों में से 22 महीनों में महंगाई दर 9 प्रतिशत से अधिक रही थी।

यूपीए के कार्यकाल के आखिरी तीन वर्षों में देश में खुदरा महंगाई दर औसत 9.8 प्रतिशत रही थी, जबकि उस समय वैश्विक स्तर पर महंगाई 4-5 प्रतिशत के बीच थी।

वहीं, पीएम मोदी के नेतृत्व में ज्यादा समय खुदरा महंगाई दर 5 प्रतिशत से कम रही है और कभी भी महंगाई ने 8 प्रतिशत से ऊपर का स्तर पार नहीं किया है।

खुदरा महंगाई दर जून 2025 में घटकर 2.1 प्रतिशत हो गई है। इसमें पिछले महीने के मुकाबले 0.72 प्रतिशत की कमी दर्ज की गई है। मई में यह 2.82 प्रतिशत थी।

जून 2025 में रिकॉर्ड की गई खुदरा महंगाई दर जनवरी 2019 के बाद रिटेल मुद्रास्फीति का सबसे न्यूनतम आंकड़ा है।

मंत्रालय के डेटा के अनुसार, बीते महीने में ग्रामीण स्तर पर खुदरा महंगाई दर 1.72 प्रतिशत रही है, जबकि शहरी स्तर पर खुदरा महंगाई दर 2.56 प्रतिशत रही है।

इस महीने के दौरान महंगाई में मजबूत गिरावट मुख्य रूप से सब्जियों, दालों, मांस और मसालों की कीमतों में गिरावट के कारण हुई है।

इस बीच, रिजर्व बैंक के गवर्नर संजय मल्होत्रा ने हाल ही में कहा कि आरबीआई ने 2025-26 के लिए अपने महंगाई दर अनुमान को भी 4 प्रतिशत के पूर्व अनुमान से घटाकर 3.7 प्रतिशत कर दिया है।

वित्त वर्ष 2025-26 के लिए उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) महंगाई दर अब 3.7 प्रतिशत रहने का अनुमान है, जिसमें महंगाई दर पहली तिमाही में 2.9 प्रतिशत, दूसरी तिमाही में 3.4 प्रतिशत, तीसरी तिमाही में 3.9 प्रतिशत और चौथी तिमाही में 4.4 प्रतिशत रहने का अनुमान है।

--आईएएनएस

एबीएस/

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