भारत में आधार लिंक्ड भुगतान से जनकल्याण योजनाओं में लीकेज 12.7 प्रतिशत घटी

भारत में आधार लिंक्ड भुगतान से जनकल्याण योजनाओं में लीकेज 12.7 प्रतिशत घटी

भारत में आधार लिंक्ड भुगतान से जनकल्याण योजनाओं में लीकेज 12.7 प्रतिशत घटी

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IANS
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India’s Aadhaar-linked payments cut welfare leakage by 12.7 pc

(source : IANS) ( Photo Credit : IANS)

नई दिल्ली, 22 दिसंबर (आईएएनएस)। भारत में ऐसे राज्य, जिन्होंने जनकल्याणकारी योजनाओं में भुगतान के लिए आधार लिंक्ड डिजिटल पेमेंट और बायोमेट्रिक ऑथेंटिकेशन को अपनाया है, वहां वेलफेयर लीकेज करीब 12.7 प्रतिशत घट गई है। यह जानकारी सोमवार को जारी एक रिपोर्ट में दी गई।

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बोस्टन कंसल्टिंग ग्रुप (बीसीजी) की रिपोर्ट में कहा गया है कि दुनिया भर की सरकारें हर साल नागरिकों को पब्लिक पेमेंट के तौर पर 21 ट्रिलियन डॉलर से ज्यादा बांटती हैं, लेकिन इसमें से 3 ट्रिलियन डॉलर धोखाधड़ी, गलती या इनएफिशिएंसी की वजह से बर्बाद हो जाते हैं।

रिपोर्ट में कहा गया कि भारत में बायोमेट्रिक ऑथेंटिकेशन और डायरेक्ट डिजिटल ट्रांसफर ने राशन, पेंशन, एलपीजी सब्सिडी, उर्वरकों और ग्रामीण रोजगार के लिए मजदूरी भुगतान में बिचौलियों को समाप्त किया और इससे प्रशासनिक खर्च में कमी आई है।

रिपोर्ट में बताया गया कि वर्ल्ड बैंक के अनुमान के मुताबिक भारत आधार आधारित भुगतान सिस्टम के माध्यम से बिचौलियों और जालसाजों को हटाकर करीब 10 अरब डॉलर की बचत कर सकता है।

आधार ने दुनिया के कुछ सबसे बड़े सोशल सब्सिडी प्रोग्राम में एडमिनिस्ट्रेटिव लागत कम की है और लीकेज को भी घटाया है। इसमें कहा गया है कि आंध्र प्रदेश, झारखंड और राजस्थान के सबूतों से पता चला है कि असली लाभार्थियों को बाहर किए बिना डिलीवरी में सुधार हुआ है।

बीसीजी के पब्लिक सेक्टर प्रैक्टिस के इंडिया लीडर मारियो गोंसाल्वेस ने कहा, भारत द्वारा खासकर पब्लिक सर्विस डिलीवरी और पेमेंट में डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर को तेजी से अपनाने से यह डिजाइन के जरिए इंटीग्रिटी को शामिल करने की अनुमति देता है। एआई इनेबल्ड इंटीग्रिटी सॉल्यूशन वेलफेयर प्रोग्राम में लीकेज को काफी कम कर सकते हैं, संस्थानों में विश्वास मजबूत कर सकते हैं और यह सुनिश्चित कर सकते हैं कि पब्लिक खर्च नागरिकों के लिए अधिकतम प्रभाव डाले।

केंद्र सरकार ने पीएम किसान सम्मान निधि (पीएम किसान) योजना के तहत देश के 11 करोड़ से ज्यादा किसान परिवारों के बैंक खातों में सीधे 3.7 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा की रकम ट्रांसफर की है।

पीएफएमस को डिजिटल पेमेंट और डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (डीबीटी) के साथ इंटीग्रेट करने से यह पक्का हुआ है कि सब्सिडी और वेलफेयर बेनिफिट सीधे लोगों तक पहुंचें, जिससे लीकेज और डुप्लीकेशन कम हो।

--आईएएनएस

एबीएस/

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