सिंहावलोकन 2025 : टैक्स, श्रम कानून से लेकर जीएसटी सुधारों तक, इस साल भारत के विकास को मिली नई दिशा

सिंहावलोकन 2025 : टैक्स, श्रम कानून से लेकर जीएसटी सुधारों तक, इस साल भारत के विकास को मिली नई दिशा

सिंहावलोकन 2025 : टैक्स, श्रम कानून से लेकर जीएसटी सुधारों तक, इस साल भारत के विकास को मिली नई दिशा

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IANS
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New Delhi: PM Modi Chairs High-Level Meet

(source : IANS) ( Photo Credit : IANS)

नई दिल्ली, 30 दिसंबर (आईएएनएस)। सरकार द्वारा वर्ष 2025 में किए गए आर्थिक सुधार यह दिखाते हैं कि अब शासन का ध्यान सिर्फ योजनाएं बनाने पर नहीं, बल्कि उनके अच्छे नतीजे लाने पर है।

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इन सुधारों से आम लोगों और व्यापारियों के लिए काम आसान हुआ है, पारदर्शिता बढ़ी है और देश की अर्थव्यवस्था को लंबे समय तक मजबूत बनाने की नींव रखी गई है।

मंगलवार को जारी एक आधिकारिक बयान के अनुसार, सरकार ने टैक्स को सरल बनाया, श्रम कानूनों को आधुनिक किया, लघु एवं मध्यम उद्यमों (एमएसएमई) को मजबूत किया, गांवों में रोजगार बढ़ाया और डिजिटल भुगतान को आगे बढ़ाया। इन सभी कदमों से देश की अर्थव्यवस्था में विश्वास, मजबूती और वैश्विक प्रतिस्पर्धा बढ़ी है।

केंद्रीय बजट 2025-26 में आम लोगों को बड़ी राहत दी गई। नए टैक्स सिस्टम के तहत सालाना 12 लाख रुपए तक की आय पर कोई इनकम टैक्स नहीं लगेगा। वहीं, वेतनभोगी करदाताओं के लिए यह छूट 12.75 लाख रुपए तक हो गई है। इससे मध्यम वर्ग के परिवारों के पास ज्यादा पैसा बचेगा, जिससे खर्च, बचत और निवेश बढ़ेगा।

जुलाई 2024 में सरकार ने पुराने आयकर कानून आयकर अधिनियम, 1996 में व्यापक संधोधन करते हुए नया आयकर अधिनियम 2025 बनाया। इसका उद्देश्य टैक्स कानून को आसान बनाना, पुराने नियम हटाना और डिजिटल टैक्स व्यवस्था को मजबूत करना है। इससे बिना आमने-सामने मिले टैक्स जांच (फेसलेस सिस्टम) और विवाद सुलझाने की प्रक्रिया बेहतर हुई है।

इसके अलावा, सरकार ने 29 पुराने श्रम कानूनों को मिलाकर 4 नए श्रम कानून, मजदूरी संहिता, 2019, औद्योगिक संबंध संहिता, 2020, सामाजिक सुरक्षा संहिता, 2020 और व्यावसायिक सुरक्षा, स्वास्थ्य और कार्यदशा संहिता, 2020 बनाए। इससे व्यापार करना आसान हुआ है और मजदूरों को बेहतर वेतन सुरक्षा, सामाजिक सुरक्षा और सुरक्षित कार्यस्थल मिला है। महिलाओं, प्रवासी मजदूरों और गिग वर्कर्स को भी इससे फायदा हुआ है।

बयान में कहा गया है कि अब करीब एक करोड़ गिग और प्लेटफॉर्म वर्कर्स को हर साल सामाजिक सुरक्षा सहायता मिलेगी। महिलाओं को छुट्टी, मातृत्व लाभ और सुरक्षित काम का माहौल मिलेगा।

सरकार ने गांवों में रोजगार बढ़ाने के लिए विकसित भारत-रोजगार और आजीविका मिशन (ग्रामीण) अधिनियम 2025 लागू किया। इसके तहत अब हर ग्रामीण परिवार को साल में 125 दिन का रोजगार मिलेगा, जो पहले 100 दिन था।

सरकार ने यह सुनिश्चित किया कि गुणवत्ता नियंत्रण नियम छोटे उद्योगों पर बोझ न बनें। एमएसएमई को शुल्क में छूट, साझा लैब की सुविधा और आसान जांच प्रक्रिया दी गई, ताकि उनका काम आसान हो।

जीएसटी को और सरल बनाने के लिए अब सिर्फ दो टैक्स स्लैब (5 प्रतिशत और 18 प्रतिशत) रखे गए हैं। इससे व्यापारियों को टैक्स भरने में आसानी होगी। जरूरी सामान, स्वास्थ्य, शिक्षा और घर से जुड़ी चीजों पर टैक्स घटाने से महंगाई भी कम होगी।

भारत के निर्यात को बढ़ाने के लिए सरकार ने निर्यात प्रोत्साहन मिशन (ईपीएम) शुरू किया है, जिस पर 25,060 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे। इसका मकसद छोटे उद्योगों, नए निर्यातकों और श्रम आधारित उद्योगों को मदद देना है।

इस मिशन के तहत सस्ता लोन, बेहतर ब्रांडिंग, लॉजिस्टिक्स और नए बाजारों तक पहुंच आसान बनाई जाएगी।

--आईएएनएस

डीबीपी/एबीएम

डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ न्यूज नेशन टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.

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