आरबीआई के ब्याज दर में कटौती के बाद भारतीय शेयर बाजार बुलिश टोन में हुआ बंद

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आरबीआई के ब्याज दर में कटौती के बाद भारतीय शेयर बाजार बुलिश टोन में हुआ बंद

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IANS
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Mumbai: People walk past a screen showing stock market goes down outside BSE building at Dalal Street after the counting of votes for Lok Sabha polls

(source : IANS) ( Photo Credit : IANS)

मुंबई, 6 दिसंबर (आईएएनएस)। भारतीय बेंचमार्क सूचकांक रिकॉर्ड हाई और तीन हफ्तों की बढ़त दर्ज करवाने के बाद प्रॉफिट बुकिंग के कारण इस हफ्ते नुकसान में बंद हुए। हालांकि, सेंसेक्स और निफ्टी कारोबारी हफ्ते के आखिरी दिन शुक्रवार को भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के 25 बेसिस पॉइंट रेपो रेट कटौती के चलते बढ़त दर्ज करवाने में सफल रहे और एक बुलिश टोन के साथ सप्ताह का अंत किया।

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इस हफ्ते सेंसेक्स 229.03 अंक या 0.27 प्रतिशत के नुकसान पर 85,712.37 पर बंद हुआ। वहीं, निफ्टी 98.50 अंक या 0.37 प्रतिशत की गिरावट के बाद 26,186.45 पर बंद हुआ।

चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही के लिए मजबूत जीडीपी आंकड़े और शानदार ऑटो बिक्री से शुरुवाती आशावाद पर निरंतर एफआईआई आउटफ्लो, रुपए में तेज गिरावट और व्यापार वार्ताओं को लेकर अनिश्चितता का प्रभाव पड़ा।

वहीं, निफ्टी मिडकैप 100 और निफ्टी स्मॉलकैप 100 इंडेक्स ने इस हफ्ते क्रमशः 0.73 प्रतिशत और 1.80 प्रतिशत की गिरावट दर्ज करवाई।

आखिरी कारोबारी दिन शुक्रवार को आरबीआई के रेपो रेट कटौती के फैसले का असर मार्केट में सेंटीमेंट बदलने के रूप में दिखा।

इस हफ्ते फेस्टिव डिमांड और अनुकूल मुद्रा समर्थन के कारण ऑटो और आईटी क्षेत्रों में बढ़त दर्ज की गई। बैंक, फाइनेंस, कंज्यूमर ड्यूरेबल्स, पावर, केमिकल्स और ऑयल एंड गैस में गिरावट दर्ज की गई।

मार्केट एक्सपर्ट्स ने कहा, जब तक निफ्टी 26,050-26,000 के बैंड से ऊपर बना रहता है, तब तक तेजी का स्ट्रक्चर वैलिड बना रहेगा। अभी तत्काल प्रतिरोध 26,350-26,500 के स्तर पर है और 26,000 से नीचे जाने पर मुनाफावसूली हो सकती है।

बाजार पर नजर रखने वालों ने कहा कि टैरिफ दबावों और वैश्विक प्रतिकूलताओं के बावजूद भारत की इकोनॉमिक ग्रोथ मजबूत बनी हुई है। अगर वैश्विक पूंजी प्रवाह उभरते बाजारों की ओर वापस लौटते हैं तो भारतीय इक्विटी बाजार लाभ प्राप्त करने की अच्छी स्थिति में बने हुए हैं।

निवेशकों की निगाहें अब अगले हफ्ते अमेरिकी फेडरल रिजर्व की मौद्रिक नीति के फैसले से मिलने वाले संकेतों पर बनी हुई है। बाजारों ने पहले से ही 25 बेसिस पॉइंट की कटौती की उम्मीद लगा ली है।

--आईएएनएस

एसकेटी/

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