भारतीय स्टार्टअप केप्रो एआई की बड़ी सफलता, सबालेंका-किर्गियोस के 'बैटल ऑफ द सेक्सेस' टेनिस मैच के लिए पार्टनर बना

भारतीय स्टार्टअप केप्रो एआई की बड़ी सफलता, सबालेंका-किर्गियोस के 'बैटल ऑफ द सेक्सेस' टेनिस मैच के लिए पार्टनर बना

भारतीय स्टार्टअप केप्रो एआई की बड़ी सफलता, सबालेंका-किर्गियोस के 'बैटल ऑफ द सेक्सेस' टेनिस मैच के लिए पार्टनर बना

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IANS
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Indian startup, KPro.ai to deploy performance analytics at Kyrgios-Sabalenka 'Battle of Sexes' match in Dubai

(source : IANS) ( Photo Credit : IANS)

दुबई, 28 दिसंबर (आईएएनएस)। भारत की स्पोर्ट्स टेक्नोलॉजी स्टार्टअप कंपनी खिलाड़ी प्रो (केप्रो.एआई) को दुबई में होने वाले आर्यना सबालेंका और निक किर्गियोस के बैटल ऑफ द सेक्सेस प्रदर्शनी टेनिस मैच के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) पार्टनर चुना गया है। यह भारत के लिए एक बड़ी उपलब्धि है, क्योंकि किसी बड़े अंतरराष्ट्रीय टेनिस इवेंट में पहली बार भारत में बनी स्पोर्ट्स एआई तकनीक का इस्तेमाल किया जा रहा है।

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इस तरह के खेलों में पुरुष और महिला खिलाड़ी खास नियमों के साथ आमने-सामने होते हैं। हाल के वर्षों में ऐसे मैचों को ज्यादा तवज्जो मिल रही है, क्योंकि ये खेल के साथ मनोरंजन, नई तकनीक और दर्शकों की भागीदारी को बढ़ाते हैं।

केप्रो.एआई के लिए यह साझेदारी एक बहुत बड़ी उपलब्धि है। अब तक भारतीय स्पोर्ट्स टेक स्टार्टअप ज्यादातर घरेलू और जमीनी स्तर के खेलों तक सीमित रहे हैं, जबकि अंतरराष्ट्रीय खेल आयोजनों में यूरोप, अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया की कंपनियों की टेक्नोलॉजी इस्तेमाल होती रही है।

केप्रो के शुरुआती निवेशक अमन ढल्ल ने कहा कि इस तरह की अंतरराष्ट्रीय साझेदारी से पता चलता है कि अब भारतीय कंपनियों को खेलों में एआई और डेटा तकनीक के क्षेत्र में गंभीरता से देखा जाने लगा है।

इस साझेदारी के तहत केप्रो.एआई अपनी खास तकनीक का इस्तेमाल करेगा, जो खिलाड़ी की चाल, प्रतिक्रिया समय और खेल की तकनीक का तुरंत विश्लेषण करेगी। इसमें किसी तरह के सेंसर या पहनने वाले उपकरण की जरूरत नहीं होगी। इससे खिलाड़ियों, कोच और दर्शकों को खेल को बेहतर तरीके से समझने में मदद मिलेगी।

पहले प्रदर्शनी मैचों को सिर्फ मनोरंजन के रूप में देखा जाता था, लेकिन अब इन्हें नई खेल तकनीकों को आजमाने के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है। इन मैचों से रैंकिंग या खिताब पर कोई असर नहीं पड़ता, इसलिए इनमें नई तकनीक को आसानी से शामिल किया जा सकता है।

पीडब्ल्यूसी और मार्केट्सएंडमार्केट्स जैसी वैश्विक रिसर्च फर्मों के अनुसार, प्रोफेशनल खेल, युवा खिलाड़ियों का विकास और डिजिटल फैन एंगेजमेंट में इसके बढ़ते उपयोग के चलते स्पोर्ट्स एनालिटिक्स मार्केट में हर साल 20 प्रतिशत से ज्यादा की बढ़ोतरी होने की उम्मीद है। भारत इस इकोसिस्टम में एक महत्वपूर्ण योगदानकर्ता के रूप में उभरा है, विशेष रूप से मोबाइल-फर्स्ट और एआई आधारित परफॉर्मेंस सॉल्यूशन के क्षेत्र में।

केप्रो.एआई का प्लेटफॉर्म स्मार्टफोन आधारित एआई का इस्तेमाल करता है, जिससे खिलाड़ी की हरकतों का तुरंत विश्लेषण और प्रदर्शन की रेटिंग दी जा सकती है। इसका उपयोग बड़े इवेंट्स के साथ-साथ अकादमी और जमीनी स्तर पर भी किया जा सकता है।

भारत की पूर्व महिला फुटबॉल टीम की कप्तान और गोलकीपर अदिति चौहान ने कहा कि एआई खासकर महिला खिलाड़ियों के लिए बहुत मददगार साबित हो सकता है। उन्होंने कहा कि शोध से पता चला है कि महिलाओं में घुटने की गंभीर चोट (एसीएल) का खतरा पुरुषों से ज्यादा होता है। तकनीक की मदद से चोटों से बचाव और बेहतर तैयारी संभव है।

बैडमिंटन की पूर्व विश्व नंबर एक खिलाड़ी और केप्रो.एआई की ब्रांड फ्रेंड साइना नेहवाल ने कहा कि ऊंचे स्तर पर छोटे सुधार भी बहुत बड़ा फर्क ला सकते हैं। डेटा और एआई खिलाड़ियों को अपनी ताकत और कमियों को समझने में मदद करते हैं।

केप्रो के को-फाउंडर नीरव शाह ने कहा कि बैटल ऑफ द सेक्सेस जैसे मैच यह दिखाने का अच्छा मौका हैं कि एआई बिना खेल को बदले, पीछे रहकर कैसे जानकारी और समझ बढ़ा सकता है।

दुबई अब नए और तकनीक आधारित खेल आयोजनों के लिए पसंदीदा जगह बनता जा रहा है, जहां हर साल बड़े खेल आयोजनों में 10 लाख से ज्यादा दर्शक आते हैं।

जैसे-जैसे खेल और मनोरंजन में तकनीक का मेल बढ़ रहा है, इस तरह की साझेदारियां दिखाती हैं कि भारतीय स्पोर्ट्स टेक कंपनियां अब दुनिया के खेल बाजार में अपनी पहचान बना रही हैं।

--आईएएनएस

डीबीपी/एबीएम

डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ न्यूज नेशन टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.

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