भारतीय वैज्ञानिकों ने बनाया नैनो-सेंसर, मिनटों में चलेगा सेप्सिस का पता

भारतीय वैज्ञानिकों ने बनाया नैनो-सेंसर, मिनटों में चलेगा सेप्सिस का पता

भारतीय वैज्ञानिकों ने बनाया नैनो-सेंसर, मिनटों में चलेगा सेप्सिस का पता

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IANS
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Indian scientists develop new nano-sensor to detect deadly sepsis infection in minutes

(source : IANS) ( Photo Credit : IANS)

नई दिल्ली, 24 जुलाई (आईएएनएस)। नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (एनआईटी) कालीकट के वैज्ञानिकों ने एक नया और कम लागत वाला नैनो-सेंसर विकसित किया है, जो मिनटों में जानलेवा सेप्सिस संक्रमण का पता लगा सकता है।

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यह पोर्टेबल डिवाइस रोगियों के तेजी से निदान में मदद करेगा, जिससे उपचार के परिणाम बेहतर होंगे।

सेप्सिस एक गंभीर चिकित्सीय स्थिति है, जो संक्रमण के कारण होती है। इससे कई अंग खराब हो सकते हैं, शॉक हो सकता है या मृत्यु तक हो सकती है। समय पर और सटीक निदान से रोगी की स्थिति सुधारने और मृत्यु दर कम करने में मदद मिलती है।

सेप्सिस का पता लगाने के लिए एंडोटॉक्सिन नामक बायोमार्कर की पहचान जरूरी है, जो ग्राम-निगेटिव बैक्टीरिया की बाहरी परत का जहरीला हिस्सा है।

एनआईटी कालीकट की टीम का नेतृत्व प्रोफेसर एन. संध्यारानी ने किया, उन्होंने आठ अलग-अलग सेंसर डिजाइन तैयार किए। इनमें से सात इलेक्ट्रोकेमिकल डिटेक्शन पर आधारित हैं, जबकि एक ऑप्टिकल डिटेक्शन पर काम करता है।

‘लैंगम्योर’ जर्नल में प्रकाशित शोध के अनुसार, यह इलेक्ट्रोकेमिकल सेंसर चिप लिपोपॉलीसैकेराइड (एलपीएस) का पता लगाने के लिए बनाई गई है, जो पोर्टेबल एनालाइजर के साथ ऑन-साइट जांच के लिए उपयुक्त है।

शोधकर्ताओं के मुताबिक, सभी सेंसर अत्यधिक सटीक हैं और अन्य यौगिकों की मौजूदगी में भी एंडोटॉक्सिन का पता लगा सकते हैं। इनका उपयोग बाइफेसिक आइसोफेन इंसुलिन, फलों के रस और पूरे रक्त में एंडोटॉक्सिन का पता लगाने के लिए किया गया, जिसमें 2 प्रतिशत से कम त्रुटि देखी गई।

दो इलेक्ट्रोकेमिकल सेंसरों ने पानी में ई. कोलाई जैसे ग्राम-निगेटिव बैक्टीरिया का भी पता लगाया, जो पारंपरिक जैविक तरीकों जितना ही सटीक है और समय भी बचाता है।

यह पोर्टेबल डिवाइस ब्लड सीरम में एंडोटॉक्सिन का 10 मिनट में पता लगा सकता है, जो इसे अस्पतालों और ग्रामीण क्षेत्रों के लिए उपयोगी बनाता है।

यह तकनीक पानी की गुणवत्ता निगरानी और सेप्सिस के तेज निदान में क्रांतिकारी बदलाव ला सकती है।

--आईएएनएस

एमटी/एबीएम

डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ न्यूज नेशन टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.

      
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