भारतीय एफएमसीजी कंपनियों की आय वित्त वर्ष 25 में एकल अंक में बढ़ेगी: रिपोर्ट

भारतीय एफएमसीजी कंपनियों की आय वित्त वर्ष 25 में एकल अंक में बढ़ेगी: रिपोर्ट

भारतीय एफएमसीजी कंपनियों की आय वित्त वर्ष 25 में एकल अंक में बढ़ेगी: रिपोर्ट

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IANS
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Indian e-commerce market poised to reach $325 billion in 2030: Report

(source : IANS) ( Photo Credit : IANS)

नई दिल्ली, 14 अप्रैल (आईएएनएस)। वित्त वर्ष 25 में भारत की एफएमसीजी कंपनियों की आय एकल अंक में बढ़ने का अनुमान है। साथ ही वित्त वर्ष 26 के लिए आधार अनुकूल बना हुआ है। यह जानकारी एक नई रिपोर्ट में दी गई।

बीएनपी परिबास इंडिया की रिपोर्ट में बताया गया कि एफएमसीजी आय में वृद्धि वित्त वर्ष 2025 की तीसरी तिमाही के 4 प्रतिशत से बढ़कर वित्त वर्ष 2025 की चौथी तिमाही में 5 प्रतिशत हो जाएगी।

रिपोर्ट में कहा गया, जैसे-जैसे व्यापार संबंधी चिंताएं कम होती हैं, हम हाल के बेहतर प्रदर्शन के उलट होने का जोखिम देखते हैं। हालांकि, निकट-अवधि में कुछ सकारात्मक पहलू भी हैं, जैसे कि कच्चे तेल की कीमत में गिरावट और हमारा आर्थिक हीट मैप ग्रामीण विकास के लिए सकारात्मक रुझान दिखा रहा है।

मैरिको, डाबर और जीसीपीएल की टिप्पणियों से संकेत मिलता है कि मांग मजबूत रही है, जबकि जनरल ट्रे़ड में कमजोरी के कारण शहरी मंदी वित्त वर्ष 25 की चौथी तिमाही में बनी रही है।

रिपोर्ट में कहा गया कि गोल्ड की कीमतों में बढ़ोतरी से ज्वेलरी कंपनियों को चौथी तिमाही में सालाना आधार पर मजबूत बिक्री वृद्धि दर्ज करने में मदद मिलेगी।

पिछले वित्त वर्ष की शुरुआत में कंजम्प्शन सेक्टर की आय में वृद्धि कमजोर थी। इसकी वजह ग्रामीण मांग में धीमापन आना है। इसके अलावा कीमतों में कमी ने ग्रोथ पर दबाव बढ़ाया है।

रिपोर्ट के मुताबिक, तिमाही दर तिमाही ग्रामीण वृद्धि में मजबूती देखी गई। इसकी वजह अच्छा मानसून, कम आधार और उच्च खाद्य उत्पादों की कीमतें थी।

रिपोर्ट में बताया गया, हालांकि, शहरी मांग में कमजोरी के कारण इसकी भरपाई हो गई। नतीजतन, हम उम्मीद करते हैं कि वित्त वर्ष 25 अधिकांश कंपनियां कम से लेकर मध्यम एकल अंकों की राजस्व वृद्धि के साथ समाप्त करेंगी।

वित्त वर्ष 2025 में भारतीय मानसून पिछले साल (वित्त वर्ष 2024) की तुलना में लंबी अवधि के औसत से 6 प्रतिशत अधिक रहा। नतीजतन, जलाशयों का स्तर ठीक हो गया है। अनुकूल आधार और धीमी होती महंगाई के साथ, इसने संभवतः ग्रामीण क्षेत्रों में मामूली सुधार को बढ़ावा देने में मदद की है।

वित्त वर्ष 2025 के अंत में सब्जियों और दालों की महंगाई में थोड़ी कमी आई। टेलीकॉम एक और बड़ी उपभोग श्रेणी है, जिसमें वित्त वर्ष 2025 में कीमतों में भारी बढ़ोतरी देखी गई।

शहरी भारत में, क्विक कॉमर्स (क्यूसी) ने तेजी से बढ़त हासिल की है, जो एफएमसीजी कंपनियों के लिए चुनौती बनी हुई है।

रिपोर्ट में कहा गया कि क्यूसी कंपनियां अपने स्टोर का तेजी से विस्तार करना चाहती हैं और अपने मुनाफे में सुधार करना चाहती हैं, इसलिए हमें एफएमसीजी कंपनियों के लिए संभावित मार्जिन में बाधा दिखाई दे रही है।

--आईएएनएस

एबीएस/

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