भारतीय निर्यातकों ने टैरिफ वृद्धि की समयसीमा 1 अगस्त तक बढ़ाने के अमेरिकी फैसले का किया स्वागत

भारतीय निर्यातकों ने टैरिफ वृद्धि की समयसीमा 1 अगस्त तक बढ़ाने के अमेरिकी फैसले का किया स्वागत

भारतीय निर्यातकों ने टैरिफ वृद्धि की समयसीमा 1 अगस्त तक बढ़ाने के अमेरिकी फैसले का किया स्वागत

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IANS
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Indian exporters hail US decision to extend tariff hike deadline to August 1

(source : IANS) ( Photo Credit : IANS)

नई दिल्ली, 8 जुलाई (आईएएनएस)। भारतीय निर्यातकों ने आयात पर टैरिफ बढ़ोतरी को 9 जुलाई से 1 अगस्त तक स्थगित करने के अमेरिकी फैसले का स्वागत किया है, क्योंकि इससे व्यापार मुद्दों को सुलझाने के लिए बातचीत के लिए अधिक समय मिलेगा।

फेडरेशन ऑफ इंडियन एक्सपोर्ट ऑर्गनाइजेशन (एफआईईओ) के महानिदेशक अजय सहाय ने कहा कि रेसिप्रोकल टैरिफ लगाने को स्थगित करना अमेरिका की अपने व्यापारिक भागीदारों के साथ रचनात्मक रूप से जुड़ने की इच्छा को दर्शाता है।

उन्होंने कहा, यह बातचीत के लिए अतिरिक्त समय प्रदान करता है, जो हमारे वार्ताकारों को शेष विवादास्पद मुद्दों को सुलझाने में मदद कर सकता है।

सहाय ने आगे कहा कि अगर अमेरिका इस महीने के अंत तक कम से कम वस्तुओं पर द्विपक्षीय व्यापार समझौते को अंतिम रूप देता है तो एक दर्जन देशों को कवर करने वाले प्रस्तावित टैरिफ भारत को अधिक तुलनात्मक लाभ प्रदान कर सकते हैं

संयुक्त राज्य अमेरिका के ट्रेजरी सचिव स्कॉट बेसेंट ने पहले कहा था कि वाशिंगटन कई व्यापार सौदों पर समझौते तक पहुंचने के करीब है क्योंकि अंतिम समय में विभिन्न देशों से बहुत सारे प्रस्ताव आए हैं। उनकी टिप्पणियों से डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन द्वारा कई बड़े व्यापार सौदों की घोषणाओं का संकेत मिलता है।

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, बेसेंट ने कहा, अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप हमारे कुछ व्यापारिक साझेदारों को पत्र भेजकर कहेंगे कि अगर आप चीजों को आगे नहीं बढ़ाते हैं तो 1 अगस्त को आप अपने 2 अप्रैल के टैरिफ स्तर पर वापस आ जाएंगे। इसलिए मुझे लगता है कि हम बहुत जल्दी बहुत सारे सौदे देखेंगे।

ट्रंप ने वियतनाम और चीन सहित कई व्यापार सौदों की घोषणा की है। उन्होंने पिछले महीने कहा था कि अमेरिका और भारत एक समझौते पर हस्ताक्षर कर सकते हैं।

मुख्य वार्ताकार राजेश अग्रवाल के नेतृत्व में भारत का उच्च स्तरीय आधिकारिक प्रतिनिधिमंडल अमेरिकी अधिकारियों के साथ व्यापार वार्ता के बाद कृषि और डेयरी उत्पादों के व्यापार के संवेदनशील मुद्दे पर अंतिम समझौते पर पहुंचे बिना वाशिंगटन से लौट आया है।

हालांकि, अभी भी उम्मीद की एक किरण है कि भारतीय निर्यात पर अमेरिकी टैरिफ में 26 प्रतिशत की बढ़ोतरी की समय सीमा शुरू होने से पहले दोनों देशों में उच्चतम राजनीतिक स्तर पर एक अंतरिम द्विपक्षीय व्यापार समझौता हो सकता है।

अमेरिका अपने कृषि और डेयरी उत्पादों के लिए अधिक पहुंच चाहता है, जो एक बड़ी बाधा है, क्योंकि भारत के लिए, यह देश के छोटे किसानों की आजीविका का मुद्दा है और इसलिए एक संवेदनशील क्षेत्र है।

--आईएएनएस

एसकेटी/

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