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(source : IANS) ( Photo Credit : IANS)
वाशिंगटन, 21 सितंबर (आईएएनएस)। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एच-1बी वीजा आवेदनों पर हर साल 1,00,000 डॉलर का शुल्क लगाने की घोषणा की है, जिससे भारतीय पेशेवरों में चिंता बढ़ गई है। इस घोषणा के बाद, वाशिंगटन में भारतीय दूतावास ने शनिवार को भारतीय नागरिकों के लिए तत्काल सहायता के लिए इमरजेंसी हेल्पलाइन नंबर जारी किया
दूतावास ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, आपातकालीन सहायता चाहने वाले भारतीय नागरिक +1-202-550-9931 पर संपर्क कर सकते हैं। यह नंबर केवल तत्काल आपातकालीन सहायता चाहने वाले भारतीय नागरिकों के लिए है, सामान्य कांसुलर पूछताछ के लिए नहीं।
इस कदम से भारतीय तकनीकी पेशेवरों और विदेशों से भेजे जाने वाले धन पर इसके प्रभाव को लेकर गंभीर चिंताएं पैदा हो गई हैं, क्योंकि लगभग 71 प्रतिशत एच-1बी वीजा भारतीय नागरिकों को ही जारी किए जाते हैं।
स्थिति को शांत करने के उद्देश्य से अमेरिकी प्रशासन के एक वरिष्ठ अधिकारी ने स्पष्ट किया कि यह भारी शुल्क केवल नए एच-1बी वीजा आवेदनों पर लागू होगा, न कि मौजूदा वीजा धारकों या नवीनीकरण चाहने वालों पर।
समाचार एजेंसी आईएएनएस को दिए गए एक विशेष बयान में व्हाइट हाउस ने शनिवार को कहा कि यह एक-बार की फीस है जो केवल नए वीजा पर लागू होती है, वीजा नवीनीकरण या मौजूदा वीजा धारकों पर नहीं।
व्हाइट हाउस के एक अधिकारी ने कहा कि एच-1बी वीजा के लिए नया शुल्क लागू होगा, जो केवल नई वीजा याचिकाओं पर लगेगा, न कि नवीनीकरण या मौजूदा वीजा धारकों पर।
इस बीच, भारतीय सरकार ने अपने सभी दूतावासों और मिशनों को निर्देश दिया है कि वे अगले 24 घंटों में अमेरिका लौटने वाले भारतीय नागरिकों को हर संभव सहायता प्रदान करें।
विदेश मंत्रालय ने भी इस घटनाक्रम पर ध्यान दिया और कहा कि वह एच-1बी वीजा कार्यक्रम में किए गए व्यापक बदलावों, खासकर नई वार्षिक फीस के बारे में सावधानीपूर्वक समीक्षा कर रहा है।
मंत्रालय ने चिंता व्यक्त की कि इस कदम के वित्तीय नुकसान के अलावा, परिवारों के सामने मानवीय संकट भी पैदा हो सकता है।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा, सरकार ने अमेरिका के एच-1बी वीजा कार्यक्रम पर प्रस्तावित प्रतिबंधों से संबंधित रिपोर्टें देखी हैं। इस कदम के सभी संभावित प्रभावों का अध्ययन सभी संबंधित पक्षों द्वारा किया जा रहा है, जिसमें भारतीय उद्योग भी शामिल है। भारतीय उद्योग ने पहले ही एच-1बी कार्यक्रम से संबंधित कुछ धारणाओं को स्पष्ट करते हुए एक प्रारंभिक विश्लेषण जारी कर दिया है।
उन्होंने आगे चेतावनी दी कि ट्रंप का यह कदम व्यापारिक क्षेत्र से बाहर भी असर डाल सकता है।
उन्होंने आगे कहा कि सभी संबंधित पक्ष, जिसमें भारतीय उद्योग भी शामिल है, इसके सभी पहलुओं का अध्ययन कर रहे हैं और इस कदम से परिवारों में होने वाली परेशानियों के कारण मानवीय संकट भी पैदा हो सकता है।
--आईएएनएस
पीएसके
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