भारतीय कॉरपोरेट्स का पूंजीगत व्यय वित्त वर्ष 2030 तक दोगुना होकर 800 अरब डॉलर होने का अनुमान: रिपोर्ट

भारतीय कॉरपोरेट्स का पूंजीगत व्यय वित्त वर्ष 2030 तक दोगुना होकर 800 अरब डॉलर होने का अनुमान: रिपोर्ट

भारतीय कॉरपोरेट्स का पूंजीगत व्यय वित्त वर्ष 2030 तक दोगुना होकर 800 अरब डॉलर होने का अनुमान: रिपोर्ट

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IANS
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Indian corporates to double capex to $800 billion through FY2030: Report

(source : IANS) ( Photo Credit : IANS)

नई दिल्ली, 14 अक्टूबर (आईएएनएस)। भारत की बड़ी कॉरपोरेट कंपनियों का पूंजीगत व्यय अगले पांच वर्षों में दोगुना होकर 800 अरब डॉलर पहुंचने का अनुमान है। इसकी वजह कंपनियों के मुनाफे और आय में वृद्धि होना है। यह जानकारी मंगलवार को जारी एक रिपोर्ट में दी गई।

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एसएंडपी ग्लोबल रेटिंग्स की रिपोर्ट में कहा गया कि आने वाले समय में भारतीय कंपनियों की ग्रोथ वैसी ही रह सकती है जैसी 2000 के समय चीन के कॉरपोरेट्स की थी। साथ ही बताया कि भारत की शीर्ष कंपनियों की आय में बड़ी बढ़त होने का अनुमान है।

एसएंडपी ने अनुमान लगाया है कि वित्त वर्ष 26 से वित्त वर्ष 30 तक भारत का कॉर्पोरेट पूंजीगत व्यय लगभग 800 अरब डॉलर तक पहुंच जाएगा, जो मुख्य रूप से इन्फ्रास्ट्रक्चर में निवेश के कारण होगा।

रिपोर्ट में आगे कहा गया कि एडवांस रिसर्च और विकास के लिए वित्त वर्ष 2031 से 2035 तक 1 ट्रिलियन डॉलर का अतिरिक्त निवेश होने की उम्मीद है।

एसएंडपी ग्लोबल रेटिंग्स की क्रेडिट एनालिस्ट नील गोपालकृष्णन ने कहा, इन्फ्रास्ट्रक्चर में सुधार, राजनीतिक स्थिरता और कॉर्पोरेट बैलेंस शीट में सुधार, बड़ी विस्तार योजनाओं को बढ़ावा दे रहे हैं जिससे भारतीय कॉर्पोरेट्स का राजस्व आधार बढ़ेगा।

उन्होंने आगे कहा, सहायक सरकारी नीतियां मददगार साबित हो रही हैं जिसमें घरेलू आत्मनिर्भरता, अधिक निर्यात और सप्लाई-चेन इकोसिस्टम के विकास पर ध्यान केंद्रित करना शामिल है।

गोपालकृष्णन ने कहा, हमारा आधारभूत दृष्टिकोण यह है कि भारत की विकास गति मजबूत बनी रहेगी और इसका औद्योगिक आधार, सप्लाई-चेन और अधिक गहरी एवं कुशल होंगी।

रिपोर्ट में कहा गया है कि ये कारक उस गति के समान हैं जिसने 2000 के दशक में चीन के कॉरपोरेट क्षेत्र के लिए वर्षों तक तेजी से विस्तार और बाजार में बढ़त हासिल की।

2000 के दशक में चीन का विस्तार कम व्यापार बाधाओं, महत्वपूर्ण विदेशी निवेश और दोहरे अंकों की जीडीपी वृद्धि से प्रेरित था।

एसएंडपी ग्लोबल ने कहा, भारतीय कंपनियों को अपने उच्च-विकास चरण के दौरान अपनी चीनी समकक्षों की तुलना में अधिक कठिन वित्तीय परिस्थितियों का सामना करना पड़ेगा। हालांकि, ऐसी परिस्थितियां भारतीय कंपनियों को कई चीनी कॉरपोरेट क्षेत्रों की तरह बड़े ऋण संचय से बचने में मदद कर सकती हैं।

--आईएएनएस

एबीएस/

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