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नई दिल्ली, 19 सितंबर (आईएएनएस)। ग्लोबल ब्रोकरेज फर्म जेफरीज के अनुसार, अगले 12 महीनों में म्यूचुअल फंड और एसआईपी की निरंतर भागीदारी के चलते भारत में इक्विटी में 50-70 अरब डॉलर का नया निवेश होने की उम्मीद है।
फर्म ने कहा कि विदेशी निवेशकों की स्थिति कई वर्षों के निचले स्तर पर होने के बावजूद, भारत वैश्विक बाजारों में सबसे मजबूत संरचनात्मक विकास की कहानी बना हुआ है।
अपनी लेटेस्ट ग्रीड एंड फियर रिपोर्ट में जेफरीज ने 2025 को भारतीय इक्विटी के लिए हेल्दी कंसोलिडेशन का वर्ष बताया है।
ब्रोकरेज को उम्मीद है कि म्यूचुअल फंड और एसआईपी से लगातार घरेलू प्रवाह विदेशी निवेश का अधिकांश हिस्सा अवशोषित कर लेगा, जिससे बाजार को गति बनाए रखने में मदद मिलेगी।
रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि आर्थिक विकास में तेजी आने के साथ ही 2026 में भारत में एक नई तेजी देखने को मिल सकती है।
रिपोर्ट ने हाल ही में सरकार द्वारा उठाए गए कदमों की ओर इशारा किया, जिनमें जीएसटी रेट कट भी शामिल है, जिससे खपत और लिक्विडिटी में वृद्धि की उम्मीद है।
इसके अलावा, अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा हाल ही में की गई ब्याज दरों में कटौती से इस साल के अंत से पहले भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा दरों में फिर से ढील दिए जाने की संभावना बढ़ गई है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि जीएसटी कटौती, आरबीआई द्वारा दरों में संभावित ढील और मजबूत कॉर्पोरेट आय के संयुक्त प्रभाव को देखते हुए अभी भी संभावना है कि 10-15 प्रतिशत रिटर्न का लक्ष्य बहुत कम साबित हो।
ब्रोकरेज ने आगे कहा कि भारत का स्मॉल और मिड-कैप क्षेत्र, उच्च मूल्यांकन के बावजूद, लार्ज-कैप कंपनियों की तुलना में अधिक आय वृद्धि की संभावना दिखा रहा है।
नोट में कहा गया है, भारत का स्मॉल से मिड-कैप क्षेत्र, उच्च मूल्यांकन के बावजूद, उच्च आय वृद्धि की संभावना दिखा रहा है, जो इस स्थिति को उचित ठहराता है।
जेफरीज के अनुसार, भारत की मजबूत घरेलू मांग के साथ कॉर्पोरेट लाभप्रदता में सुधार और सहायक नीतिगत कदमों को जोड़ने की क्षमता देश को ग्लोबल इक्विटी में सबसे आकर्षक विकास कहानी के रूप में स्थापित करती है।
--आईएएनएस
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