नई दिल्ली, 20 जुलाई (आईएएनएस)। केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने रविवार को कहा कि भारत तेल आत्मनिर्भरता की ओर लगातार और आत्मविश्वास से कदम बढ़ा रहा है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश अपने ऊर्जा भविष्य को कदम दर कदम सुरक्षित कर रहा है।
केंद्रीय मंत्री ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर कहा कि 10 लाख वर्ग किलोमीटर अपतटीय क्षेत्र अब तेल क्षेत्र अन्वेषण के लिए खुला है, जबकि 99 प्रतिशत नो-गो क्षेत्रों में मंजूरी दे दी गई है।
ओपन एकरेज लाइसेंसिंग प्रोग्राम (ओएएलपी) के तहत पेश किए जा रहे तेल और गैस ब्लॉकों ने पहले ही वैश्विक और घरेलू ऊर्जा कंपनियों का ध्यान आकर्षित किया है और बोली के दसवें दौर में भागीदारी और निवेश के लिए नए मानक स्थापित होने की उम्मीद है।
पेट्रोलियम मंत्रालय ने इस महीने तेल और गैस क्षेत्र में तेजी लाने की योजना के तहत तैयार किए गए पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस नियमों, मॉडल राजस्व साझाकरण अनुबंध (एमआरएससी) और पेट्रोलियम पट्टे के नए नियमों के ड्राफ्ट पर फीडबैक और सुझाव आमंत्रित किए। ये तेल और गैस क्षेत्र में अन्वेषण और उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए लागू किए जा रहे अग्रणी नीतिगत सुधारों की एक सीरीज है।
तेल क्षेत्र (विनियमन और विकास) अधिनियम, 1948 में मार्च 2025 में संशोधन किया गया था और नए पीएनजी नियम ओएएलपी राउंड दसवें से पहले तीन महीने के भीतर आ गए हैं, जो इस क्षेत्र के लिए प्रधानमंत्री मोदी के दृष्टिकोण के तहत वैश्विक स्तर पर इस तरह का सबसे बड़ा अन्वेषण और उत्पादन बोली दौर है।
केंद्रीय मंत्री के अनुसार, उद्यमियों और उद्योग जगत के लीडर्स के लिए भारत में तेल और गैस की खोज पर विचार करने का यह एक बेहतरीन समय है। भारत के ऊर्जा भविष्य में निवेश करना पहले कभी इतना आसान, तेज या लाभदायक नहीं रहा।
केंद्रीय मंत्री ने कहा, स्वच्छ खाना पकाने का ईंधन लगभग 100 प्रतिशत भौगोलिक और जनसंख्या कवरेज के साथ प्रत्येक भारतीय के दैनिक जीवन का हिस्सा है।
उन्होंने आगे कहा, यह 2014 में 55 शहरों से बढ़कर 300 से ज्यादा शहरों और कस्बों तक, 25 लाख रसोई से बढ़कर अब 1.5 करोड़ घरों तक पहुंच गया है। प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में भारत के शहरी गैस वितरण नेटवर्क ने एक क्रांति ला दी है।
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