भारत ट्रंप के टैरिफ दबावों का सामना करने में सक्षम : पूर्व अमेरिकी अधिकारी (आईएएनएस इंटरव्यू)

भारत ट्रंप के टैरिफ दबावों का सामना करने में सक्षम : पूर्व अमेरिकी अधिकारी (आईएएनएस इंटरव्यू)

भारत ट्रंप के टैरिफ दबावों का सामना करने में सक्षम : पूर्व अमेरिकी अधिकारी (आईएएनएस इंटरव्यू)

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IANS
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India strong enough to resist Trump tariff pressures: Former US official

(source : IANS) ( Photo Credit : IANS)

नई दिल्ली, 1 जुलाई (आईएएनएस)। सेंटर फॉर स्ट्रैटेजिक एंड इंटरनेशनल स्टडीज (सीएसआईएस) के वरिष्ठ सहयोगी और पूर्व अमेरिकी सहायक वाणिज्य सचिव रेमंड विकरी ने शुक्रवार को कहा कि दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था के रूप में भारत की स्थिति उसे टैरिफ दबावों के विरुद्ध दृढ़ता से खड़े होने और अपने दीर्घकालिक हितों की रक्षा करने वाली नीतियों को अपनाने का आत्मविश्वास देती है।

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अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के प्रस्तावित टैरिफ उपायों के प्रभाव पर समाचार एजेंसी आईएएनएस से एक्सक्लूसिव इंटरव्यू में रेमंड विकरी ने कहा कि भारत को केवल तात्कालिक लाभ पर केंद्रित लेन-देन के दृष्टिकोण के आगे नहीं झुकना चाहिए, बल्कि स्थायी, पारस्परिक रूप से लाभकारी व्यापारिक संबंध बनाने की दिशा में काम करना चाहिए।

उन्होंने बताया कि ब्रिटेन के साथ भारत का व्यापार समझौता एक अच्छा उदाहरण है, क्योंकि यह स्थिरता प्रदान करता है, टैरिफ कम करता है और दोनों अर्थव्यवस्थाओं की जरूरतों को पूरा करता है, जिससे व्यवसायों को भविष्य की योजना बनाने में मदद मिलती है।

उन्होंने कहा कि यह ट्रंप की व्यापार नीतियों की अप्रत्याशित प्रकृति के बिल्कुल विपरीत है, जो दीर्घकालिक योजना बनाना मुश्किल बना देती हैं।

विकेरी के अनुसार, भारत के प्रति ट्रंप का रुख उसकी आर्थिक क्षमता के प्रति असम्मान और एक अदूरदर्शी दृष्टिकोण को दर्शाता है जो मध्यम या दीर्घकालिक साझेदारी के लाभों को पहचानने में विफल है।

भारत की खूबियों पर विकेरी ने कहा कि देश में दुनिया की कुछ सर्वश्रेष्ठ टेक्नोलॉजी टैलेंट हैं और देश के पास एक बड़ा उपभोक्ता बाजार है जो अभी विकसित हो रहा है।

उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सरकार के राष्ट्रीय हित पर जोर देने की प्रशंसा की, लेकिन आगाह किया कि सच्ची समृद्धि वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धा से आएगी।

उन्होंने कहा कि भारत अतीत की लाइसेंस राज मानसिकता से बहुत आगे निकल चुका है और अब आर्थिक मामलों में ग्लोबल लीडर बनने की क्षमता रखता है।

कृषि और डेयरी इंडस्ट्री को लेकर विकेरी ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी सरकार द्वारा इन क्षेत्रों को अमेरिकी कंपनियों के लिए पूरी तरह से खोलने से फिलहाल परहेज करना सही था।

हालांकि, उन्होंने कहा कि जैसे सुधारों के प्रयास पहले किए गए थे, उन पर पुनर्विचार किया जाना चाहिए, जिससे उचित प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा मिले।

विकेरी ने भारत से बहुपक्षीय व्यापार मंच जैसे विश्व व्यापार संगठन में नेतृत्वकारी भूमिका निभाने का भी आग्रह किया जिससे वैश्विक वाणिज्य में कानून का शासन कायम रहे।

उन्होंने आगे कहा कि टैरिफ ब्लैकमेल का सामना करना चुनौतीपूर्ण होगा, लेकिन भारत ऐसा करने के लिए पर्याप्त मजबूत है और उसे अनुचित व्यापार दबावों का विरोध करने के लिए ब्राजील जैसी अन्य प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं के साथ तालमेल बिठाना चाहिए।

--आईएएनएस

एबीएस/

डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ न्यूज नेशन टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.

      
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