वैश्विक अनिश्चितता के बीच भारत मजबूती का कर रहा प्रदर्शन: शक्तिकांत दास

वैश्विक अनिश्चितता के बीच भारत मजबूती का कर रहा प्रदर्शन: शक्तिकांत दास

वैश्विक अनिश्चितता के बीच भारत मजबूती का कर रहा प्रदर्शन: शक्तिकांत दास

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IANS
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India showing remarkable dynamism, resilience amid global uncertainty: Shaktikanta Das

(source : IANS) ( Photo Credit : IANS)

नई दिल्ली, 11 अक्टूबर (आईएएनएस)। भारतीय रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर शक्तिकांत दास ने शनिवार को कहा कि वैश्विक अनिश्चितता और खंडित व्यापार व्यवस्था के बीच भारत मजबूती का प्रदर्शन कर रहा है।

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पुणे के गोखले संस्थान में 85वें काले स्मृति व्याख्यान देते हुए उन्होंने कहा कि महामारी, भू-राजनीतिक संघर्षों और सप्लाई चेन कमज़ोरियों ने लंबे समय से चले आ रहे वैश्वीकरण के मानदंडों और लागत-आधारित व्यापार सिद्धांतों को बाधित किया है, जिससे राष्ट्र आत्मनिर्भरता और क्षेत्रीय व्यापार समझौतों की ओर बढ़ रहे हैं।

उन्होंने कहा, आत्मनिर्भर भारत के तहत संरचनात्मक सुधारों, घरेलू मांग और विवेकपूर्ण मैक्रो नीतियों के बल पर भारत ने वैश्विक चुनौतियों का सामना किया है और वैश्विक सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) वृद्धि में लगभग पाँचवें हिस्से का योगदान देने के लिए तैयार है।

दास ने उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए कहा, भारत बदलती वैश्विक व्यवस्था के साथ तालमेल बिठाने के लिए अपने व्यापारिक संबंधों को भी सक्रिय रूप से नया रूप दे रहा है। भारत 14 मुक्त व्यापार समझौतों (एफटीए) और छह पीटीए पर हस्ताक्षरकर्ता है, जिनमें यूके, ऑस्ट्रेलिया और यूएई हाल ही में शामिल हुए एफटीए हैं।

इसके अतिरिक्त, यूरोपीय मुक्त व्यापार संघ के सदस्य - आइसलैंड, लिकटेंस्टीन, नॉर्वे, स्विट्जरलैंड और भारत ने मार्च 2024 में एक व्यापक व्यापार और आर्थिक साझेदारी समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं।

वर्तमान में, भारत अमेरिका, यूरोपीय संघ, पेरू, ओमान, न्यूजीलैंड और कई अन्य देशों के साथ मुक्त व्यापार समझौते पर बातचीत कर रहा है।

उन्होंने कहा, हमारी व्यापार वार्ताओं की अंतर्निहित प्राथमिकता हमारे राष्ट्र और लोगों के सर्वोत्तम हित में निष्पक्ष और संतुलित समझौते सुनिश्चित करना है।

इस तरह की बदलती वैश्विक व्यवस्था के बीच, भारतीय अर्थव्यवस्था को मजबूती प्रदान करने वाले मजबूत बुनियादी ढांचे और इन बुनियादी ढांचे को मजबूत करने वाले संरचनात्मक सुधारों पर ध्यान केंद्रित करना महत्वपूर्ण होगा।

पूर्व आरबीआई गवर्नर ने कहा, इन कारकों ने भारत को अशांत विश्व व्यवस्था में आगे बढ़ने में सक्षम बनाया है।

भारत तेजी से एक आर्थिक महाशक्ति के रूप में उभर रहा है और घरेलू सुधारों और आत्मनिर्भर भारत के दृष्टिकोण के तहत एक मजबूत वैश्विक स्थिति के कारण, 2025 में चौथी सबसे बड़ी वैश्विक अर्थव्यवस्था और 2028 में तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने का अनुमान है।

दास ने कहा कि व्यापक क्षेत्रीय स्तर पर, भारत का विनिर्माण क्षेत्र पिछले एक दशक में औसतन 5.9 प्रतिशत की दर से बढ़ा है।

--आईएएनएस

एसकेटी/

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