एशिया-प्रशांत क्षेत्र में रियल एस्टेट प्राइवेट क्रेडिट में भारत 36 प्रतिशत के योगदान के साथ दूसरे नंबर पर पहुंचा : रिपोर्ट

एशिया-प्रशांत क्षेत्र में रियल एस्टेट प्राइवेट क्रेडिट में भारत 36 प्रतिशत के योगदान के साथ दूसरे नंबर पर पहुंचा : रिपोर्ट

एशिया-प्रशांत क्षेत्र में रियल एस्टेट प्राइवेट क्रेडिट में भारत 36 प्रतिशत के योगदान के साथ दूसरे नंबर पर पहुंचा : रिपोर्ट

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IANS
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India rises to no. 2 in APAC real estate private credit: Report

(source : IANS) ( Photo Credit : IANS)

मुंबई, 24 नवंबर (आईएएनएस)। एशिया-प्रशांत क्षेत्र में भारत सबसे अधिक एक्टिव और तेजी से बढ़ता रियल एस्टेट प्राइवेट क्रेडिट मार्केट बना हुआ है, जो 2020 से 2024 तक की अवधि में रीजनल फंडरेजिंग में 36 प्रतिशत के योगदान के साथ दूसरे स्थान पर बना हुआ है। यह जानकारी सोमवार को आई एक रिपोर्ट में दी गई।

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नाइट फ्रैंक के डेटा से जानकारी मिलती है कि भारत के प्राइवेट क्रेडिट एसेट्स अंडर मैनेजमेंट को लेकर तेज वृद्धि दर्ज की गई है, जो कि 2010 की अवधि से 2023 तक में 0.7 अरब डॉलर से बढ़कर 17.8 अरब डॉलर हो गया है।

नाइट फ्रैंक को उम्मीद है कि मजबूत इन्वेस्टर एपेटाइट, पॉलिसी रिफॉर्म्स और नॉन-बैंक फाइनेसिंग को लेकर बढ़ती डेवलपर डिमांड को देखते हुए भारत रीजन के 2028 तक अनुमानित 90-110 अरब डॉलर प्राइवेट क्रेडिट में 20 से 25 प्रतिशत का योगदान दर्ज करवाएगा।

रिपोर्ट में कहा गया है कि फाइनेंसिंग इकोसिस्टम में स्ट्रक्चर्ड शिफ्ट से इस विस्तार को गति मिल रही है।

नाइट फ्रैंक इंडिया के चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर शिशिर बैजल ने कहा, भारत की मजबूत इकोनॉमिक पॉजिशन और रेगुलेटरी ने प्राइवेट क्रेडिट गेन को गति देने में अहम भूमिका निभाई।

उन्होंंने कहा कि बढ़ते हाउसिंग डिमांड के बीच फंडिंग गैप्स को भरने के लिए डेवलपर्स अब स्ट्रक्चर्ड फाइनेंसिंग पर अधिक निर्भर बने हुए हैं।

एशिया-प्रशांत क्षेत्र में भारत का एक लीडिंग प्राइवेट क्रेडिट मार्केट के रूप में उभरना देश के मजबूत इकोनॉमिक फंडामेंटल, रेगुलेटरी और बढ़ते संस्थागत भागीदारी को दर्शाता है।

उन्होंने कहा कि सरकार के सुधारों और विकास की संभावनाओं के साथ ऐसे समय में जब बहुत से बाजारों में ब्याज की दर उच्च बनी हुई है भारत ग्लोबल कैपिटल के लिए एक आकर्षक डेस्टिनेशन बन रहा है।

रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत का प्राइवेट क्रेडिड मार्केट ट्रेडिशनल डेवपलमेंट लेडिंग से आगे विस्तार कर रहा है।

रुके हुए प्रोजेक्ट को पूरा करने और सेक्टर में लिक्विडिटी में सुधार को लेकर स्ट्रक्चर्ड डेट, लास्ट-माइल प्रोजेक्ट फंडिंग और स्पेशल सिचुएशन फाइनेंसिंग जैसे कारक महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं।

नाइट फ्रैंक की रिपोर्ट में कहा गया है कि डायवर्सिफिकेशन मार्केट की स्थिरता को मजबूत कर रही है और निवेशकों की एक बड़ी संख्या को आकर्षित कर रही है।

--आईएएनएस

एसकेटी/

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