मुंबई, 20 अगस्त (आईएएनएस)। भारतीय अर्थव्यवस्था में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) का प्रवाह अप्रैल-जून तिमाही में सालाना आधार पर 26.4 प्रतिशत बढ़कर 22.5 अरब डॉलर हो गया। आरबीआई के ताजा मासिक बुलेटिन में यह जानकारी दी गई है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि वित्त वर्ष 2024-25 की पहली तिमाही में 6.9 अरब डॉलर का शुद्ध एफडीआई निवेश आया है, जो कि वित्त वर्ष 2023-24 की पहली तिमाही में 4.7 अरब डॉलर था।
मैन्युफैक्चरिंग, फाइनेंसियल सर्विसेज, कम्यूनिकेशन सर्विसेज, कम्प्यूटर सर्विसेज, इलेक्ट्रिसिटी, एनर्जी और अन्य सेक्टर में 80 प्रतिशत ग्रॉस एफडीआई इन्फ्लो आया है।
आरबीआई की रिपोर्ट में बताया गया है कि सिंगापुर, मॉरीशस, नीदरलैंड, यूएस और बेल्जियम से 75 प्रतिशत एफडीआई आया है।
वित्त वर्ष 2023-24 में भारत में 9.8 अरब डॉलर का शुद्ध निवेश आया था, जो कि इससे पहले के वर्ष में 28 अरब डॉलर और वित्त वर्ष 2021-22 में 38 अरब डॉलर था।
रिपोर्ट में बताया गया कि 2023-24 में घटने के बाद निर्यात में 2024-25 में अब तक बढ़त देखने को मिली है। चीन को छोड़कर निर्यात के कुल मूल्य में लगभग आधा हिस्सा रखने वाले शीर्ष 10 गंतव्यों देशों में से नौ में मांग में बढ़त दर्ज की जा रही है।
रिपोर्ट में बताया गया कि भारत की निर्यात बास्केट में इलेक्ट्रॉनिक और इंजीनियरिंग गुड्स का भार बढ़ता जा रहा है। वहीं, पारंपरिक निर्यात जैसे ज्वेलरी, टेक्सटाइल, गारमेंट्स, लेदर और समुद्री उत्पाद प्रतिस्पर्धात्मकता खो रहे हैं।
रिपोर्ट में कहा गया है कि बिजनेस सर्विस जैसे सपोर्ट ऑपरेशंस, इंजीनियरिंग, रिसर्च एंड डिजाइन तेजी से आईटी और सॉफ्टवेयर को पछाड़कर भारत के निर्यात का पावरहाउस बन रहे हैं।
भारत की अर्थव्यवस्था दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ रही है। वित्त वर्ष 2023-24 में भारत की जीडीपी 8.2 प्रतिशत की दर से बढ़ी थी। वित्त वर्ष 2024-25 में इसके 7.2 प्रतिशत की दर से बढ़ने का अनुमान है।
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