भारत 2026 तक दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा कंज्यूमर मार्केट बनने की राह पर : रिपोर्ट

भारत 2026 तक दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा कंज्यूमर मार्केट बनने की राह पर : रिपोर्ट

भारत 2026 तक दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा कंज्यूमर मार्केट बनने की राह पर : रिपोर्ट

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IANS
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India poised to emerge as world’s 3rd largest consumer market in 2026: Report

(source : IANS) ( Photo Credit : IANS)

नई दिल्ली, 11 नवंबर (आईएएनएस)। यूबीएस की एक लेटेस्ट रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत वर्तमान में तेजी से विकास की राह पर अग्रसर है। इसी के साथ देश 2026 तक दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा कंज्यूमर मार्केट और 2028 तक तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की राह पर है।

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यूबीएस रिपोर्ट के अनुसार, भारत का घरेलू उपभोग चीन, अमेरिका और जर्मनी जैसे देशों को भी पीछे छोड़ते हुए पिछले एक दशक में दोगुना बढ़कर 2024 में 2.4 ट्रिलियन डॉलर हो चुका है। भारत के घरेलू उपभोग ने 7.9 प्रतिशत की सीएजीआर दर्ज करवाई है।

रिपोर्ट में कहा गया है, हमारा अनुमान है कि भारत का कंज्यूमर मार्केट 2026 तक दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा बनने की राह पर है।

रिपोर्ट बताती है कि भारत की वास्तविक जीडीपी वृद्धि दर सालाना आधार पर वित्त वर्ष 27 में 6.4 प्रतिशत और वित्त वर्ष 28 में 6.5 प्रतिशत रहने का अनुमान है। सपोर्टेड पॉलिसी और मजबूत घरेलू मांग के कारण भारत 2027 में एशिया प्रशांत क्षेत्र में तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था बन जाएगा। भारत के बाद 6.1 प्रतिशत जीडीपी के साथ फिलीपींस और 5.1 प्रतिशत जीडीपी के साथ इंडोनेशिया का स्थान होगा।

वहीं, जीडीपी वृद्धि के मामले में अमेरिका की गति कुछ धीमी रह सकती है, जो कि 2025 में 1.9 प्रतिशत से घटकर 2026 में 1.7 प्रतिशत रहने का अनुमान है। हालांकि, 2027 में यह रिकवर करते हुए 1.9 प्रतिशत रहने का अनुमान है। इसी तरह, चीन की वास्तविक जीडीपी वृद्धि दर 2025 के 4.9 प्रतिशत से घटकर 2026 में 4.5 प्रतिशत रहने का अनुमान है।

रिपोर्ट में कहा गया है कि अमेरिकी ट्रेड पॉलिसी और भारत की पॉलिसी प्रतिक्रिया से जुड़ी अनिश्चितता को देखते हुए भारत की वृद्धि को नीचे की ओर जाने का कुछ रिस्क हो सकता है।

रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप के 50 प्रतिशत ट्रेड टैरिफ जारी रहते हैं तो भारत की विकास दर वित्त वर्ष 27 में 50 बेसिस प्वाइंट तक प्रभावित हो सकती है। इसके अलावा, इसका प्रभाव रोजगार, उपभोग, बिजनेस कॉन्फिडेंस और कुछ हद तक निवेश पर देखा जा सकता है।

भारत की विकास दर को दूसरा रिस्क यूएस कंपनियों के विदेशी आउटसोर्सिंग सेवाओं को किए जाने वाले भुगतान पर 25 प्रतिशत के टैक्स को लेकर है। इससे वित्त वर्ष 27 में देश की जीडीपी पर 90 बेसिस प्वाइंट तक का प्रभाव देखा जा सकता है।

यूबीएस का अनुमान है कि देश का केंद्रीय बैंक आरबीआई विकास को बढ़ावा देते हुए चालू वित्त वर्ष में ब्याज दरों में एक और 25 बेसिस प्वाइंट की कटौती कर सकता है।

--आईएएनएस

एसकेटी/

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