एक नई विश्व आर्थिक व्यवस्था में भारत सेंटर ऑफ ग्रेविटी के रूप में उभरने के लिए तैयार : आनंद महिंद्रा

एक नई विश्व आर्थिक व्यवस्था में भारत सेंटर ऑफ ग्रेविटी के रूप में उभरने के लिए तैयार : आनंद महिंद्रा

एक नई विश्व आर्थिक व्यवस्था में भारत सेंटर ऑफ ग्रेविटी के रूप में उभरने के लिए तैयार : आनंद महिंद्रा

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IANS
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Mumbai: Mahindra Group Chairman Anand Mahindra addresses at the launch of Jawa

(source : IANS) ( Photo Credit : IANS)

मुंबई, 30 जून (आईएएनएस) । उद्योगपति आनंद महिंद्रा ने कहा कि अमेरिका का डी-ग्लोबलाइजेशन की ओर रुख वैश्वीकरण के एक नए अवतार की ओर जा सकता है, जो बहु-ध्रुवीय, क्षेत्रीय और घरेलू अनिवार्यताओं से प्रेरित है और भारत नए सेंटर ऑफ ग्रेविटी में से एक के रूप में उभरने के लिए बेहतर स्थिति में है।

महिंद्रा एंड महिंद्रा (एमएंडएम) की 2024-25 की वार्षिक रिपोर्ट में शेयरधारकों को संबोधित करते हुए आनंद महिंद्रा ने कहा कि वैश्वीकरण का विकास हो रहा है और अमेरिकी बाजार की केंद्रीयता और चीन-केंद्रित सप्लाई चेन को बहु-ध्रुवीय, क्षेत्रीय सहयोग द्वारा प्रतिस्थापित किया जा रहा है।

उन्होंने कहा कि जैसे-जैसे संरचनात्मक और राजनीतिक अनिश्चितताएं अमेरिकी प्रभुत्व को कम करती हैं, वैसे-वैसे वैकल्पिक पूंजी गंतव्य उभर रहे हैं। ग्लोबल सप्लाई चेन चीन से दूर हो रही हैं, जिससे नई व्यापार साझेदारियां बन रही हैं।

महिंद्रा ने बताया कि क्षेत्रीय भागीदारों के बीच कम टैरिफ बाधाएं उभर सकती हैं, जिससे मुक्त व्यापार को बढ़ावा मिलेगा और इंटरनेशनल ट्रेड सेंटर ऑफ ग्रेविटी को नया रूप मिलेगा।

हाल ही में अमेरिका-चीन टैरिफ वार्ता और ब्रिटेन के साथ मजबूत हुए व्यापार संबंध अमेरिकी व्यापार नीति में एक व्यावहारिकता का सुझाव देते हैं।

उन्होंने कहा, चीन पर प्रतिबंध और अन्य प्रतिस्पर्धी देशों के लिए उच्च टैरिफ भारतीय वस्तुओं के लिए नए बाजार खोल सकते हैं। संभावनाएं मौजूद हैं, लेकिन इसे हासिल करने के लिए मैन्युफैक्चरिंग पर ध्यान और निजी निवेश में स्पष्ट वृद्धि की आवश्यकता होगी।

महिंद्रा ने कहा, तेजी आवश्यक है, क्योंकि फिलीपींस और वियतनाम जैसे देश पहले से ही खुद को फ्यूचर मैन्युफैक्चरिंग हब के रूप में पेश कर रहे हैं।

उन्होंने बताया कि रिन्यूएबल एनर्जी, रक्षा और डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर भारत में उभरते उद्योग बन रहे हैं, इसलिए कंपनियां अपनी रणनीतियों को राष्ट्रीय उद्देश्यों के साथ जोड़कर लाभ उठा सकती हैं।

उन्होंने यह भी बताया कि भारत एक स्थिर लोकतंत्र है, जिसे आम तौर पर एक भरोसेमंद भागीदार माना जाता है और देश एक मजबूत सेना द्वारा समर्थित है, जो राजनीतिकरण से दूर है।

पाकिस्तान को लेकर महिंद्रा ने कहा, हमारे उत्तेजक पड़ोसी के साथ स्थिति हमेशा अस्थिर होती है, लेकिन मुझे उम्मीद है कि हम आर्थिक उत्थान के अपने मार्ग को बाधित किए बिना अपनी सहनशीलता की सीमाएं प्रदर्शित कर सकते हैं।

-आईएएनएस

एसकेटी/

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