भारत 2030 तक जर्मनी को पीछे छोड़ते हुए तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा : हरदीप पुरी

भारत 2030 तक जर्मनी को पीछे छोड़ते हुए तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा : हरदीप पुरी

भारत 2030 तक जर्मनी को पीछे छोड़ते हुए तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा : हरदीप पुरी

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IANS
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India poised to become 3rd-largest economy by 2030, overtaking Germany: Hardeep Puri

(source : IANS) ( Photo Credit : IANS)

नई दिल्ली, 2 जुलाई (आईएएनएस) । केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा है कि भारत हाल ही में जापान को पीछे छोड़ते हुए दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बना है और इस क्रम में 2030 तक जर्मनी को पीछे छोड़कर अर्थव्यवस्था को लेकर तीसरे पायदान पर आने की ओर अग्रसर है।

उन्होंने कहा कि पिछले 11 वर्षों में भारत ग्यारहवीं से दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है।

केंद्रीय मंत्री पुरी ने इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया (आईसीएआई) के 77वें स्थापना दिवस को संबोधित करते हुए कहा, हमारी जीडीपी दोगुनी से भी अधिक हो गई है, जो कि 2014 में 2.1 ट्रिलियन डॉलर से बढ़कर 2025 में 4.3 ट्रिलियन डॉलर हो गई है।

केंद्रीय मंत्री ने वैश्विक चुनौतियों के दौरान देश की मजबूती और साहसिक नीति सुधारों, व्यापक सामाजिक कल्याण योजनाओं और सुदृढ़ वित्तीय प्रबंधन द्वारा निभाई गई महत्वपूर्ण भूमिका पर प्रकाश डाला।

केंद्रीय मंत्री पुरी ने कहा कि प्रमुख सामाजिक पहलों के तहत 27 करोड़ से अधिक नागरिकों को बहुआयामी गरीबी से बाहर निकाला गया है, प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत लगभग चार करोड़ घरों को मंजूरी दी गई है और जल जीवन मिशन के माध्यम से 15.4 करोड़ ग्रामीण परिवार पानी की सुविधा पा रहे हैं।

केंद्रीय मंत्री ने कहा, आयुष्मान भारत ने 5 लाख रुपए के बीमा लाभ के साथ 70 करोड़ से अधिक व्यक्तियों को स्वास्थ्य कवरेज का विस्तार किया है, जो समावेशी विकास के लिए भारत की प्रतिबद्धता को मजबूत करता है।

उन्होंने वैश्विक निवेश को आकर्षित करने में भारत की सफलता पर जोर दिया, जिसमें 2014 और 2025 के बीच 748 बिलियन डॉलर का प्रत्यक्ष विदेशी निवेश हुआ, जो पिछले दशक की तुलना में 143 प्रतिशत की वृद्धि है।

केंद्रीय मंत्री ने जोर देकर कहा, दिवालियापन और दिवालियापन संहिता, उत्पादन-लिंक्ड प्रोत्साहन योजनाएं, माल और सेवा कर, प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण और 25,000 से अधिक अनुपालन और 1,400 अप्रचलित कानूनों को समाप्त करने सहित नीति सुधार में मील के पत्थर ने देश के व्यापार परिदृश्य को मजबूत किया है।

उन्होंने कहा कि कर प्रशासन में परिवर्तन भारत की विकसित होती वित्तीय संस्कृति को रेखांकित करता है। दाखिल किए गए वार्षिक आयकर रिटर्न वित्त वर्ष 2013-14 में 3.6 करोड़ से बढ़कर वित्त वर्ष 2024-25 में 8.5 करोड़ हो गए, जिनमें से 95 प्रतिशत 30 दिनों के भीतर प्रोसेस किए गए।

केंद्रीय मंत्री पुरी ने कहा, प्रत्येक रिटर्न, एकत्र किए गए कर का प्रत्येक रुपया, ठोस लाभ में तब्दील होता है, जिसमें माताओं के लिए एलपीजी कनेक्शन, गरीबों के लिए दवाइयां, ग्रामीण घरों के लिए बिजली, बुजुर्गों के लिए पेंशन और युवाओं के लिए रोजगार के अवसर शामिल हैं।

--आईएएनएस

एसकेटी/

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