भारत 2027 तक 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनेगा : नितिन गडकरी

भारत 2027 तक 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनेगा : नितिन गडकरी

भारत 2027 तक 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनेगा : नितिन गडकरी

author-image
IANS
New Update
India on track to become $5-trillion economy by 2027, developed nation by 2047: Nitin Gadkari

(source : IANS) ( Photo Credit : IANS)

नई दिल्ली, 9 अक्टूबर (आईएएनएस)। केंद्रीय सड़क, परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने गुरुवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के परिवर्तनकारी नेतृत्व में भारत 2027 तक 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने की तरफ बढ़ रहा है।

Advertisment

राष्ट्रीय राजधानी में भारत मंडपम में पीएचडी चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (पीएचडीसीसीआई) के 120वें वार्षिक सत्र को संबोधित करते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा कि केवल आर्थिक विकास पर्याप्त नहीं है। इसे पर्यावरण संरक्षण और मूल्य आधारित सामाजिक व्यवस्था के साथ-साथ चलना चाहिए।

उन्होंने आगे कहा कि बीते 11 वर्षों में भारत के ऑटोमोबाइल सेक्टर में बड़ा बदलाव आया है और यह जापान को पछाड़कर दुनिया में तीसरे स्थान पर पहुंच गया है, जो कि 2014 में 7वें स्थान पर था।

केंद्रीय मंत्री के मुताबिक, अब 22 लाख करोड़ रुपए से अधिक के टर्नओवर के साथ, भारत तेजी से दुनिया का ऑटोमोबाइल हब बन रहा है, और बायोफ्यूल, इथेनॉल, मेथनॉल, बायोडीजल, एलएनजी और हाइड्रोजन में तेजी से प्रगति कर रहा है।

उन्होंने सरकार द्वारा कृषि में किए जा रहे वैल्यू एडिशन के बारे में भी चर्चा की।

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि मक्के से इथेनॉल उत्पादन की अनुमति देने से न केवल किसानों की आय बढ़ी है, बल्कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था को भी बढ़ावा मिला है। मक्के से इथेनॉल उत्पादन को मंजूरी देने से उत्तर प्रदेश और बिहार में किसानों की आय में काफी वृद्धि हुई है, जिससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था के 45,000 करोड़ रुपए से अधिक का फायदा हुआ है।

इसी कार्यक्रम में एक अन्य सत्र में बोलते हुए, केंद्रीय कृषि मंत्री कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि भारत की लगभग 46 प्रतिशत आबादी कृषि क्षेत्र में कार्यरत है और सरकार का ध्यान खाद्य उत्पादन और किसान कल्याण में आत्मनिर्भरता पर केंद्रित है।

उन्होंने कहा, खाद्य सुरक्षा को किसानों की समृद्धि के साथ-साथ चलना चाहिए। हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि हमारे किसान न केवल देश का पेट भरें, बल्कि सम्मान और स्थिरता के साथ कमाई भी करें।

उन्होंने प्रति हेक्टेयर उत्पादकता बढ़ाने, भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) के माध्यम से बीजों की गुणवत्ता को बेहतर बनाने और छोटे व सीमांत किसानों को सशक्त बनाने के लिए मशीनीकरण में तेजी लाने की आवश्यकता पर ज़ोर दिया।

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि देश का लक्ष्य खाद्य सुरक्षा से आगे बढ़कर कृषि के सभी पहलुओं में पोषण सुरक्षा और आत्मनिर्भरता को भी शामिल करना चाहिए।

उन्होंने कहा कि भारत ने चावल और गेहूं का अधिशेष उत्पादन हासिल कर लिया है और अगला लक्ष्य दलहन और तिलहन में आत्मनिर्भरता हासिल करना है।

--आईएएनएस

एबीएस/

डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ न्यूज नेशन टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.

Advertisment