भारत-ओमान मुक्त व्यापार समझौता खाड़ी देशों के साथ आर्थिक संबंधों का नया दरवाजा खोलेगा

भारत-ओमान मुक्त व्यापार समझौता खाड़ी देशों के साथ आर्थिक संबंधों का नया दरवाजा खोलेगा

भारत-ओमान मुक्त व्यापार समझौता खाड़ी देशों के साथ आर्थिक संबंधों का नया दरवाजा खोलेगा

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IANS
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India-Oman free trade pact to open new economic gateway with Gulf

(source : IANS) ( Photo Credit : IANS)

नई दिल्ली, 10 अगस्त (आईएएनएस)। भारत और ओमान वस्तुओं, सेवाओं, निवेश और श्रम गतिशीलता को शामिल करते हुए एक व्यापक आर्थिक साझेदारी समझौते (सीईपीए) पर हस्ताक्षर करने के लिए तैयार हैं, जिसकी औपचारिक घोषणा इसी महीने होने की उम्मीद है।

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इंडिया नैरेटिव में प्रकाशित हुए एक लेख के अनुसार, भारत-ओमान सीईपीए एक टैरिफ समझौते से कहीं अधिक है क्योंकि यह दक्षिण एशिया और खाड़ी देशों के बीच एक रणनीतिक आर्थिक सेतु का निर्माण करेगा। यह भारत को ओमान के बाजार तक टैरिफ-मुक्त पहुंच प्रदान करता है, साथ ही ऊर्जा और श्रम हितों को सुरक्षित करता है।

इसके अलावा, खाड़ी देशों के निवेश को आकर्षित करता है, और वैश्विक व्यापार एवं सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण क्षेत्र में भू-राजनीतिक जुड़ाव को गहरा करता है।

यह मुक्त व्यापार समझौता (एफटीए) भारत और ओमान के बीच व्यापार किए जाने वाले उत्पादों की एक बड़ी रेंज पर सीमा शुल्क को कम या समाप्त कर देगा।

इस समझौते में लोहा और इस्पात, इलेक्ट्रॉनिक्स, कपड़ा, प्लास्टिक, ऑटोमोटिव कंपोनेंट और मशीनरी जैसे भारतीय निर्यातों पर 5 प्रतिशत सीमा शुल्क को शून्य कर दिया जाएगा, जिससे ये वस्तुएं अधिक प्रतिस्पर्धी बन जाएंगी। ये क्षेत्र मेक इन इंडिया के लक्ष्यों के साथ भी प्रत्यक्ष तौर पर जुड़े हुए हैं, जो देश में बड़े पैमाने पर उद्योगों विस्तार और रोजगार सृजन के अवसर प्रदान करते हैं।

यह समझौता लघु और मध्यम उद्यमों (एसएमई) को आकर्षक खाड़ी बाजार तक टैरिफ-मुक्त पहुंच प्रदान कर सकता है।

सीईपीए से भारतीय स्ट्रैटेजिक इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स जैसे पोर्ट्स, इंडस्ट्रीयल कॉरीडोर और लॉजिस्टिक्स हब में ओमान और खाड़ी देशों से पूंजी निवेश को भी प्रोत्साहन मिलने की भी उम्मीद है। इसके बदले में, भारत ओमानी बंदरगाह दुकम में भाग ले सकता है, जिससे समुद्री संपर्क बढ़ेगा।

बातचीत में एक संवेदनशील मुद्दा ओमान की ओमानीकरण नीति थी, जो निजी कंपनियों को न्यूनतम कोटा के तहत ओमानी नागरिकों को नियुक्त करने का आदेश देती है। भारत ने अपने 4,80,000 से अधिक विशाल प्रवासी कार्यबल की सुरक्षा के लिए स्पष्ट छूट पर जोर दिया जिससे यह सुनिश्चित किया जा सके कि भविष्य में नीतिगत बदलावों से उन पर असमान रूप से प्रभाव न पड़े।

ओमान कच्चे तेल, एलएनजी और उर्वरकों का एक विश्वसनीय आपूर्तिकर्ता है। इन आयातों पर टैरिफ में कमी से भारतीय रिफाइनरियों, बिजली उत्पादकों और किसानों की इनपुट लागत कम होगी। इससे भारत की ऊर्जा सुरक्षा रणनीति में स्थिरता आती है, जिससे मूल्य झटकों और आपूर्ति व्यवधानों का जोखिम कम होता है।

ओमान के साथ भारत का सीईपीए खाड़ी क्षेत्र में एक पसंदीदा भागीदार के रूप में देश की स्थिति को मजबूत करेगा, जहां चीन अपना आर्थिक प्रभाव बढ़ा रहा है।

--आईएएनएस

एबीएस/

डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ न्यूज नेशन टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.

      
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