केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने भारत के पहले हाइड्रोजन हाईवे की शुरुआत की, देश में ग्रीन हाइड्रोजन की पहल को मिलेगा बढ़ावा

केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने भारत के पहले हाइड्रोजन हाईवे की शुरुआत की, देश में ग्रीन हाइड्रोजन की पहल को मिलेगा बढ़ावा

केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने भारत के पहले हाइड्रोजन हाईवे की शुरुआत की, देश में ग्रीन हाइड्रोजन की पहल को मिलेगा बढ़ावा

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IANS
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India launches its first hydrogen highways for clean long-haul mobility

(source : IANS) ( Photo Credit : IANS)

नई दिल्ली, 26 सितंबर (आईएएनएस)। केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने शुक्रवार को भारत के पहले हाइड्रोजन हाईवे की शुरुआत की, जिससे देश में ग्रीन हाइड्रोजन की पहल को बढ़ावा मिलेगा।

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इस प्रोजेक्ट में लंबी दूरी के हाइड्रोजन से चलने वाले माल ढुलाई को सपोर्ट करने के लिए प्रमुख राष्ट्रीय राजमार्ग गलियारों के साथ हाइड्रोजन फ्यूलिंग स्टेशन स्थापित करना शामिल है।

केंद्रीय मंत्री गडकरी ने कार्यक्रम में कहा, हाइड्रोजन भविष्य का ईंधन है। हमने अब दुनिया के पहले लार्ज-स्केल हाइड्रोजन ट्रक ट्रायल की शुरुआत की है। दस रूटों पर पांच कंसोर्टियम को 37 वाहनों के साथ 500 करोड़ रुपए का बजट आवंटित किया गया है।

उन्होंने आगे कहा, इन ट्रायल को सपोर्ट करने के लिए नौ हाइड्रोजन रिफ्यूलिंग स्टेशन स्थापित किए जाएंगे। ये गलियारे भारत के पहले हाइड्रोजन हाईवे के रूप में काम करेंगे, जिससे स्वच्छ, लंबी दूरी की आवाजाही के लिए इकोसिस्टम तैयार होगा।

उन्होंने कहा कि भारत को कच्चे तेल के आयात पर अपनी निर्भरता जल्द से जल्द कम करनी चाहिए, जो अभी मांग का 87 प्रतिशत है और देश को सालाना लगभग 22 लाख करोड़ रुपए का खर्च उठाना पड़ता है।

यह लॉन्च एसएंडपी ग्लोबल कमोडिटी इनसाइट्स द्वारा आयोजित पहले वर्ल्ड हाइड्रोजन इंडिया समिट में किया गया।

एक सस्टेनेबल हाइड्रोजन इकोसिस्टम बनाने के लिए, नीति निर्माताओं, उद्योग के नेताओं और वैश्विक विशेषज्ञों ने इस कार्यक्रम में नियामक ढांचे, फाइनेंसिंग मॉडल और व्यापार गलियारों पर चर्चा की।

चर्चा में केमिकल कंपनियां स्वच्छ उत्पादन प्रक्रियाओं के लिए हाइड्रोजन का उपयोग किस प्रकार कर सकती हैं, उभरते इनोवेशन को किस प्रकार अपना सकती हैं और सस्टेनेबल औद्योगिक परिवर्तन के लिए रणनीतियों को कि तरह लागू कर सकती हैं जैसे विषय शामिल थे।

इसके अलावा, नीति निर्माताओं और विशेषज्ञों ने उर्वरक उत्पादन में ग्रे हाइड्रोजन को ग्रीन विकल्पों से बदलने के तरीकों पर चर्चा की।

पैनल ने अमोनिया और यूरिया के निर्माण के लिए ग्रीन हाइड्रोजन की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए आर्थिक व्यवहार्यता, सहयोग मॉडल और सप्लाई चेन साझेदारी की समीक्षा की।

मुंबई पोर्ट अथॉरिटी और दीनदयाल पोर्ट अथॉरिटी के चेयरमैन सुशील कुमार सिंह ने इंटरनेशनल सर्टिफिकेशन आवश्यकताओं, डेडिकेटेड शिपिंग गलियारों और लॉजिस्टिक्स इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास और भारत के हाइड्रोजन निर्यात को वैश्विक लागत और गुणवत्ता मानकों के अनुरूप करने की रणनीतियों के महत्व पर चर्चा की।

--आईएएनएस

एसकेटी/

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